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Presentation Transcript


  1. कईनवयुवकमानसिकरोगीहोतेहैंकईनवयुवकमानसिकरोगीहोतेहैं वास्तवमेंउन्हेंबीमारीनहीींहोतीहैचालाकऔरबाजारीहकीम इनकीकमजोरीसेलाभउठाकरइनक ेसन्देहकोबढातेहैंऔर स्वस्थपुरूषकोरोगीबनादेतेहैं। ऐसेनवयुवकअपनीअज्ञानताक ेकारणकभीकभीआत्महत्या करलेतेहैं।क्योंककवेसमझतेहैंककउनकाजीवनअबव्यथथहो गयाहैवेअपनीपूणथअवस्थापरनहीींआसकते।मगरयह उनकीभूलहैऐसेरोगगयोकोहमबबनादवाईददयेखुराकआदद क ेबारेमेंउगचतसलाहदेकरउनकोठीककरदेतेहैं।गचककत्सा

  2. सम्बन्धीननिःशुल्कपरामशथक ेललएलमलेयायाफोनकर परामशथलें। भूमिका मैंनेअपनेअनुभवक ेद्वाराअगधकतरनवयुवकोंकोअज्ञानता क ेकारणगलतमागथपरननराशाक ेअींधकारमेंभटकतेहुए देखाहैक्योंककयौनववषयतथाइसकीअच्छाईबुराईनतोकोई माता-वपताअपनीसींतानकोबतातेहैंऔरनहीहमारेदेशमें अभीइसलशक्षाकाप्रचारककयाजाताहैजजसकारणअगधकतर नवयुवकसहीददशासेभटकजातेहैंतथाकईप्रकारकीयौन सींबींधीस्वप्नदोष, प्रेमह, शीघ्रपतन, नपुींसकताआदद कमजोररयोंक ेलशकारहोजातेहैं।इनरोगोंसेपीड ि़तरोगोंको घबरानानहीींचादहएजजसप्रकारबुखार, खाींसीजुकामआददका इलाजकरानेसेरोगमेंआरामआजाताहैउसीप्रकारअच्छी गचककत्सासेसभीयौनरोगोंकीलशकायतदूरहोकरमनुष्यको नयास्वास््यप्राप्तहोजाताहै। एकसच्चेगचककत्सकक ेनातेनवयुवकोंएवींपुरूषोंक ेमनमें बैठीहुईगलतधारणाओींकोननकालकरउन्हेंपूणथरृपसेस्वस्थ बनानेमेंसहयोगदेनाहीहमाराउद्देश्यहै।हमाराहाशमी

  3. दवाखानासन! 1929 सेअपनीवैज्ञाननकसलाहएवींसफल इलाजसेरोगगयोंकोअगधकसेअगधकव्यजक्तननरोगहोंयही हमारीअलभलाषाहै। मैंनेयहवेबसाइटउन्हीींभटक ेहुएनौजवानोंक ेललएबनाईहै ताककवेइसेपढक ेअपनीअसलीशजक्तकोपहचाने, अपनेमन मेंबैठीहुईहीनभावनाकोदूरकरक ेअपनास्वास््यठीककर सक ेजजससेवेभीअपनेजीवनकोसुखीएवींआनन्दमयबना सक े । िफलजीवनकामहत्व पूरेसींसारकाचक्रस्रीऔरपुरूषपरआधाररतहोताहै।कोईभी बालकअपनेबचपनकीसीमालाींघकरजबव्यस्कहोकरपुरूष कहलानेलगताहैतोहीपुरूषकीयहीइच्छाहोतीहैककवहसुन्र स्रीकापनतबनसक ेऔरउसक ेसाथअपनागृहस्थजीवन िुखमयबबताएतथास्वस्थवननरोगसींतानउत्पन्नकरक े अपनीवींशबेलकोआगेबढाएमगरसींसारमेंचन्दव्यजक्तही

  4. ऐसेभाग्यशालीहोतेहैंजोइसगृहस्थसुखकाआनन्दउठानेमेंऐसेभाग्यशालीहोतेहैंजोइसगृहस्थसुखकाआनन्दउठानेमें समथथहोतेहैंअन्यथाअगधकाींशव्यजक्ततोबचपनकी कुसींगनतएवींगलनतयोंक ेकारणअपनीजवानीक ेददनोंमें बुढापेकोगलेलगालेतेहैंतथाजजन्दगीकाअसलीआनन्द ललएबबनाहीअसमथथएवींननढालहोजातेहैं। प्रकृनतनेपुरूषएवींस्रीकोएकदूसरेकापूरकएवींसहयोगी बनायाहैतथावेएकदूसरेक ेबबनाअधूरेहैं।जबदोनोंलमलकर एकहोतेहैंतथादोनोंहीअपनेजीवनकावास्तववकआनन्द उठातेहैंतभीउनकाजीवनसफलकहलाताहै।स्रीपुरूषक े जीवनकोिफलबनानेक ेसलएिैक्िकाबहुतयोगदानहै। यददपनतपत्नीकावैवादहकजीवनपूरीतरहसेसन्तुष्टरहता हैतोवेदोनोंमानलसकवशारीररकरृपसेपूरीतरहस्वस्थएवीं ननराशरहसकतेहैं।अन्यथाउनक ेबीचरोग, रोगकष्ट, कलह कीदीवारखडीहोजातीहैजोधीरेधीरेपनतपत्नीक ेमधुरएवीं पववरररश्तोंकीनीींवदहलादेतीहैतथाअन्तमेंकईतरहक े भयानकपररणामसामनेआतेहैं।इनसभीबातोंकाकारणकई बारसैक्सअींगोंक ेप्रनतअज्ञानताहोतीहैक्योंककयहतो आपकोमालूमहीहैककजबभीबच्चोंकोसैक्सक ेप्रनतकुछ

  5. जाननेकीजजज्ञासाहोतीहैअगधकाींशमाींबापइसववषयकोजाननेकीजजज्ञासाहोतीहैअगधकाींशमाींबापइसववषयको झूठमूठबातोंसेबच्चोंकोटालदेतेहैंलेककनबच्चोंक ेमनमें इसववषयकोजाननेक ेललएउत्सुकताहीबनीरहतीहैतथावे अपनेसेबडेबच्चोंएवींगलीमौहल्लेक ेबुरीसींगतवालेलमरों आददसेसैक्सकाबेतुकाज्ञानप्राप्तकरक ेअपनाकोमलमन मजस्तष्कगन्दाकरक ेअपनेजीवनकोबबाथदकरलेतेहैं।ध्यान रहे, सैक्सक ेप्रनतबच्चोंकोसहीज्ञानदेनेसेइतनानुकसान नहीींहोताहैजजतनाककइसववषयकोनछपानेसेहोताहै इसललएमाींबापकोचादहएककवेबच्चोंक ेव्यस्कहोनेपरउन्हें इसबातक ेबारेमेंअच्छीतरहसेसमझाएींताककवेगलतरास्ते परभटककरअपनेजीवनक ेसाथखखलवाडनकरसक ेंजजससे उनकाजीवनहमेशाक ेललएिुखमयबनसक े । यहवेबसाइटउनभटक ेहुएनवयुवकोंक ेललएललखीगईहैजो सैक्सकीअज्ञानताक ेकारणगलतसींगतएवींगलनतयोंक े कारणस्वयींअपनेहीहाथोंअपनेजीवनकोबबाथदीक ेरास्तेपर ि़ालचुक ेहैंतथासहीददशाकीतलाशमेंनीमहकीमोंएवराजा महाराजाओींवालेचकाचैंधववज्ञापनोंक ेचुींगलमेंफ ीं सकरअपने जीवनकोदुखदायीबनाचुक ेहैं।सींसारमेंसभीव्यजक्तएवीं

  6. गचककत्सकएकजैसेनहीींहोते।हमाराभीयहपुस्तकललखनेगचककत्सकएकजैसेनहीींहोते।हमाराभीयहपुस्तकललखने काएकमारयहीउद्देश्यहैककआपअपनेिैक्िरोगएवीं कमजोरीदूरकरनेक ेललएसहीगचककत्साद्वाराअपनेशरीर कोस्वस्थएवींननरोगबनाकरअपनेभववष्यएवींवववादहत जीवनकोमधुरएवींआनन्दमयीबनासक ें बचपनकीभूल–जवानीकाखून ईश्वरनेपुरृषकोशजक्तशालीइींसानबनाकरइससींसारमें इसललएभेजाहैककवहनारीसौन्दयथक ेसलमश्रणसेनईपौध लगाकरकुदरतकासौंपाकामपूराकरसक ेददनभरमेंइींसान कोजोकष्टऔरपरेशाननयाींलमलतीहैंवहउनसबकोरातकी ववश्रामबेलामेंरनतसुखक ेसाथभूलकरहरनईसुबहकफरसे ताजाऔरचुस्तहोकरअपनाकायथप्रारम्भकरसक े ।उगचत परामशथएवींसलाहललएबबनाशादीपरेशानीकाकारणबन सकतीहै।हमारेपासरोजबहुतसेपसथनललैटरआतेहैंजजनमें बहुतसेपुरूषअपनीकमजोरीएवींवववाहहतजीवनकीपरेशानी क ेकारणआत्महत्याकरनेकाजजक्रकरतेहै।लेककनजो आत्महत्यानहीींकरतेवेघरसेभागजातेहैंऔरउनकी पजत्नयाींलाजशमथछोडकरपराएपुरूषोंकासहारालेनेपर

  7. मजबूरहोजातीहैं।यहसबइसललएहोताहैककसमयपरउन्हेंमजबूरहोजातीहैं।यहसबइसललएहोताहैककसमयपरउन्हें सहीमागथदशथननहीींलमलता।स्कूलोंमेंउन्हेंयहबाततोबताई जातीहैककगन्देनाखूनोंकोमुींहसेनहीींकाटनाचादहएक्योंकक गन्देनाखूनोंक ेजररएगन्दीपेटमेंजाकरबीमाररयाींपैदाकरती हैलेककनयहकोईनहीींसमझताककगन्देववचारोंसेमनुष्यका शारीररकवमानसिकरृपसेककतनाबडानुकसानहोताहै जजसक ेककतनेभयींकरपररणामननकलतेहैं।फलस्वरृपनतीजा यहहोताहैककजजसअींगसेमनुष्यकोसबसेअगधकसुख लमलनाननजश्चतहैउसीअींगकोकच्चीअवस्थामेंतककएया हाथकीरगडसेववकृतकरददयाजाताहैउसकोइन्हीींसाधनों द्वाराकष्टकरक ेअपनेजीवनकोमझधारमेंछोडददयाजाता है। जीवनरत्न-वीयय जवानीजीनेकासबसेसुहावनासमयहै।कईनौजवानतोसीधे हीबचपनसेबुढापेकीतरफचलेजातेहैं, उन्हेंपताहीनहीीं होताककजवानोंकीकीमतवजवानीकासच्चाआनन्दक्या है? अगधकतरनवयुवकगलतसींगतक ेकारणअपनेशरीरसे स्वयींहीखखलवाडकरतेहैंतथासहीरास्तेसेभटककरवेयौन

  8. िम्बन्धीअनेकोंरोगोसेनघरकरअपनीसुनहरीजजन्दगीकोिम्बन्धीअनेकोंरोगोसेनघरकरअपनीसुनहरीजजन्दगीको तबाहकरदेतेहैं।आजकललगभग 75 प्रनतशतनौजवानककसी नककसीरृपसेयौनरोगोंसेपीड ि़तहैंतथाअपनेजीवनक े वास्तववकआनन्दसेअींजानहैं।आजक ेनवयुवकक्षखणक आनन्दक ेललएअपनेहीहाथोंअपनीजजन्दगीखराबकरनेपर तुलेहुएहैं।वेइधर-उधरक ेगन्देवातावरणअश्लीलकफल्मेंव सैक्सीउपन्यासवपबरकाएींदेखकरवपढकरअपनेजीवनका अनमोलरत्नवीयथद्धबबाथदकरदेतेहैं।वेइधरउधरक े कगन्दे वातावरणअश्लीलकफल्मेंवसैक्सीउपन्यासवपबरकाऐीं देखकरवपढकरअपनेजीवनकाअनमोलरत्नवीयथद्धबबाथद करदेतेहैं।तथाकईप्रकारक ेघृखणतरोगोंसेनघरकरअपनी जजन्दगीबबाथदकरलेतेहैं।यहीशरीरकीजानहैजजसेव्यजक्त ननकालनेमेंआनन्दप्राप्तकरताहै।इसीवीययकोअपनीशरीर मेंसींग्रहककयाजायेतोआपस्वयींहीसोगचएककतनाआनन्द प्राप्तहोगा।वीयथनष्टहोनेक ेबादभटक ेहुएनवयुवकसही ददशाक ेआसमक ेंचकाचैंधवालेववज्ञापनोंवप्रचारवाली फामेलसयोंएवजक्लननकोंक ेचक्करमेंपडकरअपनाधनसमय वस्वास््यगवाींकरअपनेजीवनसेननराशहोजातेहैं।वीयथ ककसप्रकारसेनष्टहोताहैऔरउससेशरीरकोक्याक्याहानन

  9. उठानीपडतीहैउसकावववरणआगेददयाजारहाहैउनननराशउठानीपडतीहैउसकावववरणआगेददयाजारहाहैउनननराश रोगगयोंकोहमसच्चेहृदयसेअपनापरामशथदेंगेतथासही ददशाकाज्ञानकराएींगे। हस्तमैथुन हाथसेअपनेवीयथकोनष्टकरनेकोहस्थमैथुनकहतेहैं, कुछ नवयुवकवककशोरगलतसींगतमेंबैठकर, उत्तेजककफल्मे देखकरयाअश्लीलपुस्तक ेंपढकरअपनेमनकोकाबूमेंनहीीं रखपातेतथाककसीएकान्तमेंजाकरसबसेआसानतरीका अपनेहीहाथोंसेअपनावीयथननकालनेकोअपनातेहैंउन्हेंयह नहीींपताककवेऐसाकामकरक ेअपनीजजन्दगीमेंजहरघोल रहेहैंजजसकापररणामयहहोताहैककइन्रीननबयलहोजातीहै पतलापन, टेढापन, छोटापनवनीलीनिेंउभरनीशुरृहोजाती हैंऔरअन्तमेंव्यजक्तनपुींसकताकीओरबढजाताहै।शरीर मेंअत्यगधककमजोरीआजातीहै। थोडीसीबातचीतकरक ेददमागचकराजाताहैतथाचाहकरभी इसकक्रयाकोछोडनहीींपाता।हमअपनेसफलइलाजसेऐसे

  10. अनगगनतनौजवानोंकीहस्थमैथुनकीआदतछुडाचुक ेहैंजो यहकहतेथेककयहआदतछूटतीनहीींहै। स्वप्नदोष सोतेसमयददनयारातकोईभीसमयहोअपनेमनमेंबुरेव गन्देववचारोंक ेकारणसोतेसमयस्वप्नमेंककसीसुन्दरीस्री कोदेखकरयाअपनीकुसींगनतकाख्यालआतेहीअपनेआप वीयथननकलजाताहैइसीकोस्वप्नदोषकहतेहैं।यददस्वप्नदोष महीनेमेंदो-तीनबारहोतोकोईबातनहीींककन्तुहररोज़या सप्ताहमेंदोतीनबारहोजायेतोयहरोगभीकमभयींकरनहीीं है।यूींतोस्वप्नदोषप्रायिःसोतेहुएइन्रीमेंतनावआनेक ेबाद हीहोताहैककन्तुयहरोगबढजानेपरइन्रीमेंबबनातनावभी होजाताहैजोककगींभीरजस्थनतहै।इसप्रकारवीयथकानाश होनाशरीरकोखोखलाबनादेताहैजजसकाअसरददमागपर पडताहै।याद्दाश्तकमजोरहोजातीहैवीयथपतलाहोजाताहै। अन्तमेंनपुुंिकताकीनौबतआजातीहैलेककनहमारेपासऐसे

  11. नुस्खेहैंजजनक ेसेवनसेउपरोक्तसभीववकारनष्टहोकरशरीर कोशजक्तसम्पन्नबनातेहैं। शीघ्रपतन सम्भोगक ेसमयतुरींतवीयथकाननकलजानाशीघ्रपतन कहलाताहै।अत्यगधकस्री-प्रिुंग, हस्तमैथुन, स्वप्नदोष, प्रमेह इत्याददकारणोंसेहीयहरोगहोताहै।सहवासमेंलगभग 10- 20 लमनटकासमयलगताहैलेककन 3-4 लमनटसेपहलेही बबनास्रीकोसन्तुष्टककएअगरस्खलनहोजाएतोइसे शीघ्रपतनकारोगसमझनाचादहए।जबयहरोगअगधकतापर होताहैतोस्रीसेसींभोगकरनेसेपहलेहीसम्भोगकाख्याल करनेपरयाकपडेकीरगडसेहीगचपगचपीलारक ेरृपमें वीयथपातहोजाताहै।यददथोडीसीउत्तेजनाआतीभीहैतोइन्री प्रवेशकरतेहीस्खलनहोजाताहै।उससमयपुरृषकोककतनी

  12. शलमथन्दगीउठानीपडतीहैतथास्रीसेआींखलमलानेकाभीशलमथन्दगीउठानीपडतीहैतथास्रीसेआींखलमलानेकाभी साहसनहीींरहता।स्रीशमथवसींकोचक ेकारणअपनेपनतकी इसकमजोरीकोककसीक ेसामनेनहीींकहतीलेककनअन्दरही अन्दरऐसेकमजोरपनतसेघृणाकरनेलगतीहैजजसकारण उसकावववादहतजीवनदुखमयबनजाताहै।मदथकीकमजोरी औरशीघ्रपतनकीबीमारीसेऔरतभीबीमारहोसकतीहै।ऐसे रोगकासमयरहतेउगचतइलाजअवश्यकरनालेनाचादहए ताककरहासहाजोशएवींस्वास््यभीसमाप्तनहोजाए।हमारे पासऐसीलशकायतेंदूरकरनेक ेललएऐसेशजक्तशालीनुस्खों वालाइलाजहैजजसक ेसेवनसेजीवनकावास्तववकआनन्द लमलताहै।सम्भोगकासमयबढजाताहैशरीरहस्टपुष्टतथा शजक्तसम्पन्नहोजाताहै।स्रीकोपूणथरृपसेसन्तुजष्टहोकर सम्भोगकीचमथसीमाप्राप्तहोतीहै।वववादहतजीवनका वास्तववकआनन्दप्राप्तहोकरउनकाजीवनिुखमयबनजाता है। नपुुंिकता

  13. युवाअवस्थामेंस्रीसम्भोगयासींतानपैदाकरनेकीअयोग्यतायुवाअवस्थामेंस्रीसम्भोगयासींतानपैदाकरनेकीअयोग्यता कोनपुुंिकताकहतेहैं।इसदशामेंसींभोगकीकामनाहोतेहुए भीपुरृषकीइन्रीमेंउत्तेजनानहीींहोतीइन्रीबेजानमाींगक े लोथडेकीतरहगगरीरहतीहै।उसकाआकारभीकमज्यादा, पतलायाटेढाहोसकताहै।नसेंउभरीप्रतीतहोतीहैं।कामेच्छा होतेहुएभीइन्रीमेंतनावनहीींआतायददपुरृषक ेअपने भरसकप्रयत्नसेथोडीबहुतउत्तेजनाइन्रीमेंआतीभीहैतो सम्भोगक ेसमयशीघ्रहीस्खललतहोजाताहै।ऐसेपुरृषकोन तोस्रीहीप्यारकरतीहैऔरनहीसींतानपैदाहोतीहै।हमारे सफलनुस्खोंवालेइलाजसेनपुुंिकताक ेसभीववकारठीकहो जातेहैंतथारोगीकोकफरसेपुरूषत्ववसम्भोगक्षमताप्राप्त होकरएकनईशजक्त, स्फूनतथ, उत्साहवस्वास््यप्राप्तहोजाता है। इुंहरय-आकारक ेभेद

  14. अबस्रीऔरपुरृषक ेगुह्यास्थानोक ेआकारप्रकारपरववचार करेंगे।पुरृषकाललींगलींबाईसेऔरस्रीकीयोननगहराईसे नापीजातीहै। सींभोगकासम्बन्धमनऔरकायादोनोंसेहोताहै।जहाींतक मनक ेसम्बन्धकाज्ञानहै, इसमेंस्रीऔरपुरृषका पारस्पररकआकषथणऔरपरस्परशरीरलमलनेकीप्रबल आकाींक्षाहै।जहाींतककायाअथाथतशरीरक ेसम्बन्धकाप्रश्न है, इसमेंपुरृषक ेलशश्नअथाथतललींगऔरस्रीकीयोननक े सम्भोगकीतीव्रइच्छाहै, जजसमेंएकयादोनोंपक्षोंकाववशेष ववगधसेननजजननेजन्रयोंकापरस्परनघसनायारगडना, फलस्वरृपपुरृषकावीयथपातहोनाऔरस्रीकोएकववशेष प्रकारक ेसुखयाआनन्दकीअनुभूनतहोना, मैथुनकायथमें कालकीअगधकताऔरइसकायथकीववगधहीमुख्यकारणहै। सलुंगक ेआकारक ेअनुिारपुरृषक ेतीनभेदहैं। 1. शश (खरगोश), 2. वृष (बैल)और 3. अश्व (घोडा)।यदद पुरृषकालशश्नछोटाहैतोवह‘शश’, यददमध्यमहोतो‘वृष’ औरयददबडाहोतो‘अश्व’ कहलाताहै।

  15. इिीप्रकारस्रीक ेतीनभेदहोतेहैं। 1. मृगी (हररणी), 2. बढवा (घोडी)और 3. हजस्तनी (हगथनी)। यददस्रीकीयोननछोटीयानीकमगहरीहोतोवह‘मृगी’, यदद मध्यमगहरीहोतो‘बढ वा’ औरयददअगधकगहरीहोतोवह ‘हजस्तनी’ कहलातीहै। सलुंगकीमोटाईऔरलम्बाईमेंकमीआतेजाना उत्तेजजतअवस्थामेंसशश्नकीलम्बाईओरमोटाईबहुतहदतक इसबातपरननभथरकरतीहैककउत्थानक े न्रककतनासशक्तहै। जैसेहीमजस्तष्कमेंकामजाग्रतहोताहैवैसेहीसेरीब्रम (cerebrum) उत्थानक े न्रकोललींगक ेस्पींजीदटशूमेंरक्त भेजनेकाआदेशभेजताहै।यददउत्थानक े न्रसशक्तहैतोवह उसीअनुपातमेंउतनाहीअगधकरक्तललींगमेंएकबरतकरनेमें समथथहोताहैजजसक ेफलस्वरृपसलुंगकाआकारउसीअनुपात मेंबडाहोजाताहै।अगरउत्थानक े न्रदुबथलहोचुकाहैतोललींग कीलम्बाई, चैडाईअपेक्षाकृतकमहोतीहै।नपुींसकताकीओर बढरहेयुवकोंमेंजहाींकामक े न्रदुबथलपडजातेहैंवहाींउत्थान

  16. क े न्रववशेषरृपसेप्रभाववतहोताहैऔरदुबथलउत्थानक े न्र पयाथप्तमारामेंललींगमेंरक्तएकबरतकरनेमेंअसमथथहोनेक े कारणललींगकाआकरप्राकृतरृपमेंनहीींआपाताहै।जैसे-जैसे उत्थानक े न्रकीदुबथलताबढतीजातीहैवैसे-वैसेसलुंगकी लम्बाईरऔरचैड ाईकमहोतीजातीहै।उत्तेजजतललींगक ेसामान्य सेकमआकारकोदेखकरननष्कषथननकालनाचादहएककउत्थान क े न्रननबथलहोचुकाहै।यददयहदुबथलताबढतीरहतीहैतोएक अवस्थाऐसीआतीहैजबउत्थानक े न्रमेंबबल्कुलरक्तनहीीं भरपाताऔरपररणामस्वरृपललींगमेंउत्थाननहीींहोता।इसको हीपूणथनपुींसकताकहतेहैं।ऐसीअवस्थाउत्पन्नहोइसललए उत्तेजजतसलुंगक ेआकारमेंकमीदेखतेहीउगचतगचककत्सा समयरहतेहीकरालेनीचादहए। सलुंगमेंवृद्धधक ै िेिम्भवहै? जबकोईव्यजक्तसैक्ससेसम्बजन्धतकामुकगचन्तनकरताहै याकोईअश्लीलककताब, याउसक ेबारेमेंसोचताहै, यास्रीसे सम्भोगकीइच्छारखताहैतोउसक ेमजस्तष्ककुछववशेष

  17. हामोनकास्रवणकरतेहैंजोललींगमेंरक्तक ेप्रवाहकोतीव्रकर देताहैऔरकॉपथसक े वेरनोसम(Corpus Cavermosum) नामकऊतकमेंरक्तइकट्ठाहोकरललींगकाआकारबढादेता है।पूणथउत्तेजजतअवस्थामेंसलुंगक ेइनउतकोंमेंरक्तअपनी अगधकतममारामेंहोताहै।इसअवस्थामेंललींगअगधकठोस, दृढवसीधाहोजाताहै।वीयथस्खलनक ेसमयजबव्यजक्त मानलसकरृपसेसींतुष्टहोजाताहैतोदूसरेहामोनकॉपथस स्पोजन्जयोसमकोउत्तेजजतकरतेहैजोवीयथकोवेगवगनत प्रदानकरतेहैं।इसपूरीप्रकक्रयामेंककसीभीकमीकीवजहसे पूरातींरहीगडबडाजाताहै। पतले, टेढे, छोटेवआगेसेमोटेवपीछेसेपतलेललींगउक्तपूरी प्रकक्रयामेंककसीनककसीदोषसेपीड ि़तहोतेहैं।इसप्रकारक े ललींगवालेलोगोंमेंक े वेरनोसमऔरस्पाजन्जयोसमकी कोलशकाऐींपूरीतरहसेसुगदठतनहीींहोतीजजनसेइनमेंअगधक रक्तग्रहणकरनेकीक्षमतावइनकोलशकाओींमेंअगधकसमय तकरक्तरोक ेरखनेकीक्षमतानहीींहोती। हमारेहबथलखानेवलगानेक ेइलाजसेकॉपथसक े वेरनोसमऔर कॉपथसस्पाजन्जयोसमऊतकोंमेंवृद्गधहोतीहै, इनऊतकोंकी

  18. कोलशकाओींकाआकारबढजाताहैजजनमेंरक्तइकट्ठाहोताहैकोलशकाओींकाआकारबढजाताहैजजनमेंरक्तइकट्ठाहोताहै जजसक ेफलस्वरृपसलुंगक ेआकारमेंवृद्धधहोतीहैऔरइिक े िाथ-िाथसलुंगमेंउत्थानक्षमताभीबढजातीहै। इिइलाजिे 20-30 प्रनतशतसलुंगआयतनवृद्धधिम्भवहै तथासलुंगमें .5 इुंचिे 2 इुंचतककीवृद्धधहोजातीहै।सलुंगक े इनऊतकोंवपेशीकोिुगहितकरनेक ेसलएहबयलइलाजकी आवश्यकताहोतीहैजजििेशीघ्रलाभहोताहै।इिइलाजिे शीघ्रपतनदूरहोताहै, नपुुंिकतावयौनिमस्याओुंिेमुजक्त, सलुंगकीलम्बाईवमोटाईमेंवृद्धध, वीययमेंशुक्राणुओुंकी वृद्धध, प्रोस्टेटग्रजन्थकीकाययक्षमताकोबढाताहै, बार-बार पेशाबिेछुटकाराहोताहै, यौनक्षमताबढाताहै, सलुंगमेंपूणय किोरतावउत्तेजनाहोतीहै, आत्मववश्वािबढाताहै, टेस्टोस्टेरोनहामोनकीवृद्धधकरताहै।इिइलाजकाकोई िाईडइफ ै क्टभीनहीुंहोताहै। शुक्रहीनता कईपुरूषोंकोयौनसम्बन्धीकोईरोगनहीींहोतातथासहवास क ेसमयउनक ेलशशनमेंउत्तेजनावतनावभीसामान्यव्यजक्त

  19. जैसाहीहोताहै।सम्भोगशजक्तभीपूणथहोतीहैककन्तुउनक े वीयथमेंसींतानउत्पन्नकरनेवालेशुक्राणुयातोबबल्कुलही नहीींहोतेयाबहुतकमजोरएवींमींदगनतसेचलनेवालेहोतेहैं जजससेपुरूषसींतानउत्पन्नकरनेयोग्यनहीींमानाजाता सकता।कईबारइसरोगक ेसाथव्यजक्तकीवपछलीगलनतयों क ेकारणयाअत्यगधकवीयथनाशक ेकारणऔरभीकईरोग लगेहुएहोतेहैंतोऐसेरोगोंक ेललएयूनानीएवींशजक्तशाली नुस्खोंद्वारातैयारइलाजसबसेबेहतरमानाजाताहै।हमारे ऐसेहीसफलइलाजमेंअसींख्यरोगीभाईजोननराशहोकर सींतानपैदाकरनेकीचाहतहीमनमेंसेननकालचुक ेथेअबव ननराशाकोआशामेंबलकरसींतानपैदाकरनेयोग्यबनचुक ेहैं। िुजाक : यहरोगभयानकएवींछूतकारोगहैयहरोगगन्दीजस्रयोंव वेश्याओींक ेसाथसम्भोगकरनेसेहोताहै।इसकीननशानीयह हैककिम्भोगक ेकुछददनबादरोगीक ेपेशाबमेंजलनहोनी शुरृहोजातीहै।पेशाबलालऔरगमथआताहैपेशाबकरते इतनीजलनहोतीहैककरोगीसचमुचकराहनेलगताहै।कुछ ददनोंक ेबादगुप्तइींरीमेंसेपीपननकलनीशुरृहोजातीहैऔर

  20. कभीकभीपेशाबक ेसाथखूनभीआनाशुरृहोजाताहै।ज्यों ज्योंयहरोगपुरानाहोताहैददथजलनएवींचुभनघटतीजाती है।क े वलपीपबहतारहताहै।यहपीपइतनाजहरीलाहोताहै ककयददबेध्यानीमेंककसीरोगीकीआींखपरलगजाएतो अन्धाहोनेकीआशींकारहतीहै।इसरोगक ेकीटाणुधीरेधीरे रक्तमेप्रवेशकरक ेअन्यअींगोंपरभीअसरि़ालतेहै।यददरोग क ेजराभीलक्षणददखाईदेंतोआपतुरींतगचककत्साकराएीं। हमारेइलाजसेइसरोगक ेअनेकोंरोगीठीकहोकरतन्दुरृस्त जीवनव्यतीतकररहेहैं। गमी (आतशक) यहरोगभीसुजाककीतरहअत्यन्तभयानकरोगोंमेंसेएकहै। यहभीबाजारृऔरतोंक ेसींसगथसेहोताहै।इसरोगमेंिम्भोग क ेकुछददनबादइन्रीपरएकमसूरक ेदानेकीतरहफुन्सी होतीहैजोजल्दीहीफ ै लकरजख्मबनजाताहै।आतशकदो प्रकारकाहोताहै।एककाप्रभावइन्रीपरहोताहैतथादूसरेका प्रभावरक्तपरहोताहै।शरीरक ेककसीभीभागपरफूट ननकलताहै।इसकापहलाभागमामूलीहोताहै।यददइसक े

  21. इलाजमेंदेरीयालापरवाहीकीजाएतोयहरोगव्यजक्तकीकईइलाजमेंदेरीयालापरवाहीकीजाएतोयहरोगव्यजक्तकीकई पीद ढयोंतकपीछानहीींछोडता।पहलीश्रेणीकाघावइन्रीपर होताहैलेककनदूसरीश्रेणीमेंआतशककाजहररक्तमेंफ ै लने क ेकारणशरीरपरकालेकालेदागतथाखुजलीवताींबेक ेरींग कीछोटीछोटीफुजन्सयाींउत्पन्नहोजातीहै।जबयहरोगबढ जाताहैतोइसकाप्रभावहड्डि़योंमेंचलाजाताहै।कोद ढयोंकी तरहबडेबडेघावहोजातेहैं।नाककीहड्ि़ीगलजातीहै।यदद इसरोगक ेकीटाणुददमागपरअसरकरेंतोअींधाभीहोसकता हैतथाअन्तमेंमृत्युतकसींभवहै।इसललएइसरोगक ेजराभी प्रकटहोतेहीतुरन्तइसकाइलाजकरालेनाचादहएक्योंकक ययहछूतकारोगहैककसीऔरसेलगकरककसीओरकोलगता रहताहै।हमारेसफलइलाजसेऐसेरोगोंसेननराशरोगीस्वस्थ होकरअपनाननरोगीजीवनव्यतीतकररहेहैं। स्रीरोग माललकनेस्रीऔरपुरूषकोएकदूसरेक ेललएबनायाहैलेककन दोनोंकीशरीरसींरचनाअलगअलगहोतीहै।जोलोगक े वल

  22. स्रीसींरचनामेंक े वलस्रीकोहीहोतेहैंउन्हेंस्रीरोगकहतेहैं। येरोगभीकाफीकष्टकारीहोतेहैं।कमर, शरीरमेंददथहोताहै, शरीरथकाथकासारहताहै, कामकाजमेंमननहीींलगतातथा स्रीअपनीआयुसेपहलेहीस्वास््यवसौन्दयथखोबैठतीहै। अपनीउम्रसेबडीददखाईदेनेलगतीहैमैथुनशजक्तभीकमहो जातीहैतथाअपनेपनतकोपूरीतरहसेसहयोगनहीींदेपाती, जजसकारणपनतपत्नीदोनोंकावववादहतजीवनदुखमयहो जाताहै।इसकाअसरआनेवालीसन्तानयाबच्चोंपरभी पडताहै।पाररवाररकढाींचाचरमराजाताहै।स्रीरोगकईप्रकार क ेहोतेहैं।लेककनकुछरोगजस्रयोंमेंअगधकतरखानपान, रहन, सहन, जलवायुयावातावरणक ेकारणहोतेहैं। जोलभन्नलभन्नप्रकारक ेहोतेहैं- मासिक-धमयिम्बन्धीदोषः स्रीयोननक ेप्रत्येकमासजोरक्तआताहैउसेमालसकधमथ कहतेहैं।स्रीकीसेहतवसन्तानउत्पवत्तइसीमालसकधमथक े चक्रपरआधाररतहै।मालसकधमथठीकसमयपरबबनाकष्टव उगचतमारामेंआनेसेगभाथधारणकीक्षमतारहतीहैऔर सम्भोगभीआनन्दपूणथहोताहैलेककनयददमालसकधमथ

  23. ननयलमतमारायाअवगधसेकमज्यादाहोतथाअगधकननयलमतमारायाअवगधसेकमज्यादाहोतथाअगधक कष्टपूणथहोतोइससेस्रीक ेस्वास््यपरबुराअसरपडताहै तथातरहतरहक ेरोगलगजातेहैं।स्रीननबथलऔरकमजोरहो जातीहै।यौवनसमाप्तहोजाताहै।हमारेसफलइलाजसे अननयलमतमासिकधमयननयलमतहोकरबबनाकष्टक ेखुलकर आनेलगताहै।बन्दमालसकधमथचालूहोजाताहैतथामालसक काअगधकआनाठीकहोकरस्रीकाचेहराननखरकरखोया सौन्दयथपुनिःलौटनेलगताहै। कष्टपूणयमासिकधमयः यूींतोयहलशकायतककसीभीस्रीकोहोसकतीहैलेककन ववशेषकरकमउम्रकीयुवनतयोंमेंअक्सरपाईजातीहैउन्हें मासिकधमयआनेपरइतनाकष्टवददथहोताहैजोकहानहीीं जासकता।एकदोददनपहलेसेहीबैचेनीहोनेलगतीहैतथा मसककक ेददनपेटवटाींगोंमेंददथक ेकारणशरीरबेजानहो जाताहै।तथामालसकअननयलमतहोजाताहै। अधधकस्रावः

  24. इसदशामेंमालसकधमथननयलमतहोताहैलेककनरक्तस्रावइसदशामेंमालसकधमथननयलमतहोताहैलेककनरक्तस्राव मारासेकाफीअगधकहोताहै।साधारणतिःमालसकस्राव 4-5 ददनमेंहीबन्दहोजानाचादहएककन्तुइसववकारमें 6 से 8 ददनतकयाकभीकभीइससेभीअगधकहोताहै।ऐसीहालतमें स्रीक ेस्वास््यपरबहुतबुराअसरपडताहै।कमजोरी, चक्कर, अींधेरा, हाथ, पैर, शरीरमेंददथआददकीलशकायतहो जातीहै।उगचतइलाजद्वाराऐसीहालतठीकहोजातीहै। श्वेतप्रदर (सलकोररया) यहरोगजस्रयोंक ेस्वास््यपरबुराअसरि़ालताहै।सामान्य रृपसेयोननकागीलारहनाकोईदोषनहीींहैलेककनकुछजस्रयों कोगभाथशयकीखझल्लीवयोननमागथसेतरलरव्यकास्राव इतनाअगधकहोताहैककपहनेहुएअन्दरक ेकपडोंपरभीदाग याधब्बेपडजातेहैं।यहस्रावपानीजैसापतलाभीहोसकताहै औरअींि़ेकीजदीजैसागाढाभी।स्रीकीजबकामेच्छाबढतीहै तथासम्भोगक ेप्रनतलालसाअगधकहोतीहैतोस्रावऔर अगधकहोताहै।योननमागयमेंखुजलीभीरहतीहै।यददअगधक खुजलायाजायेतोउसस्थानपरसूजनभीआजातीहैजबयह

  25. रोगबढजाताहैतोकमरवपेि़ूमेंददथ, भूखनलगनावचेहरा मुरझाजाना, चेहरेपरधब्बे, ददलधडकना, लसरचकरानाआदद अनेकोंलशकायतेंस्रीकोहोजातीहै।जजससेगभथधारणकी क्षमताकमहोजातीहै।इसकाइलाजसमयपरहीकरालेना आवश्यकहै।अन्यथारोगबढजाताहैतथाकफरगचककत्सामें कदठनाईपैदाहोतीहै। ननिुंतानलोगोंक ेजरृरपरामशय वववाहक ेबादहरस्रीपुरृषकीयहीइच्छाहोतीहैककउनक ेघर भीएकनन्हामुन्नालशशुफूलक ेरृपमेंउनकीगृहस्थीकी बगगयामेंखखले।पुरूषकीकामनायहीरहतीहैककउसलशशुक े रृपमेंउसकीवींशबेलववकलसतहोतथापीढीदरपीढीउसकाभी नामचलतारहेलेककनसींताननहोनेपरघरकीखुशी, कलह औरअशाींनतमेंबदलजातीहै।कईभोले-भालेलोगतोढोंगी साधुसींतोंवताबीजगण्ि़ोंक ेचक्करमेंपडकरअपनासमय औरपैसाव्यथथमेंहीगवाींदेतेहैं।जजनक ेयहाींसींताननहीींहोती

  26. उन्हेंपहलेसन्ताननहोनेक ेकारणस्रीकोहीदोषदेतेहैं लेककनदोषस्वयींमेंहीहोताहैऔरवसींतानक ेललएदूसरीशादी भीकरलेतेहैं।ऐसीजस्थनतजजन्दगीकोऔरभीअगधकअस्त व्यस्तकरदेतीहै।ननिन्तानलोगोंकोहमारायहीपरामशथहै ककसबसेपहलेपनतपत्नीदोनोंअपनाभलीभाींनतशारीररक जाींचवजरृरीटेस्टकरवाएींताककअसलीदोषकापताचलसक े कफरउसीदोषकाउपयुक्तइलाजककसीयोग्यगचककत्सकसे कराएींताककउनकोजल्दीहीसन्तानसुखप्राप्तहोसक े ।यमींतो जहजगहआपकोसींतानप्राजप्तक ेबडेबडेववज्ञापनदेखनेको लमलजाएींगेलेककनअसलीइलाजवहीजजससेकुछलाभकी आशालमलेइसक ेललएहमआपकोसहीऔरउगचतपरामशथदेंगे तथाहमारायहीउद्देश्यरहेगाककआपइधरउधरनभटक ें व्यथमेंअपनासमयऔरपैसेबबाथदनकरेंतथासहीलाभव सहीददशाज्ञानप्राप्तकरसक ें । स्रीरोगजननतिन्तानहीनता

  27. ऐसीअवस्थामेंपुरूषतोसन्तानपैदाकरनेयोग्यहोताहैतथाऐसीअवस्थामेंपुरूषतोसन्तानपैदाकरनेयोग्यहोताहैतथा उनमेंशुक्राणुभीसामान्यअवस्थामेंपायेजातेहैं।लेककन उनकीपत्नीकीगभथधारणक्षमताकमयासमाप्तहोजातीहै। कभीकभीस्रीगभाथशयमेंसूजनहोतीहैजजससेनलोंवपूि़ेमें ददथबनारहताहै, मालसकचक्रअननयलमतहोजाताहै।प्रत्येक स्रीक ेगभाथशयक ेसाथदोडि़म्बनलीहोतीहैजजसमेंसेप्रत्येक मासमालसकधमथक ेबादगभथधारणकरनेवालेडि़म्बननकलते हैंतथापुरूषसींसगथसेननकलेहुएवीयथमेंलमलेहुएशुक्राणुओींकी प्रतीक्षाकरतेहैं।ध्यानरहे, पुरूषक ेवीयथमेंअसींख्यशुक्राणुहोते हैंयददस्रीस्वस्थवननरोगहोतोउसक ेडि़म्बक ेललएएकही शुक्राणुकाफीहोताहैजोडि़म्बनललकामेंहीडि़म्बसेलमलकर तथानलीक ेआन्तररकनसोंमेंप्रवादहतहोकरगभाथशयमेंपहुींच जाताहैजहाींवहअींकुररतहोनेलगताहैजजससेसींतानकीनीींव पडजातीहै।गभाथशयक ेमुखसेलेकरयोननमुखतककईप्रकार कीग्रजन्थयाहोतीहैं, जजनमेंकईप्रकारक ेरसबनतेहैंजोपुरूष द्वारारोवपतशुक्राणुओींकोलेकरडि़म्बतकसुरक्षक्षतपहुींचातेहैं

  28. तथास्रीकोगभथवतीहोनेसेपूरासहयोगदेतेहैं।यददइनतथास्रीकोगभथवतीहोनेसेपूरासहयोगदेतेहैं।यददइन ग्रजन्थयोंमेंकोईखराबीहोगीतोइनमेंशुक्राणुएवींडि़म्बरक्षक रसनहीींबनेंगेफलस्वरृपशुक्राणुयोननएवींगभाथशयक ेबीचही नष्टहोजानेपरगभथनहीींठहरेगा।ऐसीहालतमेंस्रीकोककसी योग्यवअनुभवीगचककत्सकसेउगचतपरामशथएवींजरृरीटैस्ट क ेबादअपनाइलाजकरालेनाचादहएस्रीक ेप्रजननग्रजन्थयाीं ठीकप्रकारसेकामकरनेलगेगभाथशयमेंयददसूजनहोतो समाप्तहोसक े , नलोंवपेि़ूकाददथआदददूरहोकरमालसकचक्र ननयलमतहोजाएतथागभथधारणशजक्तबढकरगभायधानहो सक े ।हमारेपासभीऐसासफल्इलाजहैजजनक ेसेवनसेस्री सन्तानउत्पवत्तमेंबाधकसभीववकारोंकोदूरकरक ेअपनी गभथधारणक्षमताबढसकतीहैतथागभथवतीहोसकतीहै। कामयाबीकाराज हाशमीदवाखानाववश्वमेंअपनीतरहकाएकमार अत्याधुननकदवाखानाहैजजसमेंस्रीपुरूषोकीशारीररकव मदाथनाकमजोररयोंकाअपनेतजुबेक ेआधारपरहबथलइलाज

  29. ककयाजाताहै।रोगीकीजस्थनत, प्रकृनत, उम्रऔरमौसमको ध्यानमेंरखकरपूरीहमददीवगींभीरताक ेसाथरोगीक ेललए जडी-बूहटयों,रस, रव्यएवींभस्मोंसेयुक्तनुस्खोंसेतैयार इलाजचुनाजाताहैताककरोगीकोअपनीसमस्याओींव कमजोररयोंसेहमेशाक ेललएजल्दीहीछुटकारालमलजाए। इसीकारणसेरोगीबहुतदूर-दूरसेहमारेदवाखानेमेंस्वयीं इलाजप्राप्तकरनेक ेललएआतेहैं।हमरोगीकोअसलीवशीघ्र गुणकारीऔषगधयोंसेबनाहुआहबथलइलाजदेतेहैंऔरउसमें सौफीसदीअसलीजडी-बूदटयों, भस्मोंकाइस्तेमालकरतेहैं। हमारेपासअनगगनतरोगीभाईयोंपरआजमाएहुएगुप्त प्राचीननुस्खेहैजोरोगीकोननरोगवतन्दरृस्तबनाकर जजन्दगीभरसुखीबनाएरखतेहैं। धातु, स्वप्नदोष, नामदी, शीघ्रपतन, िुंतानहीनता, स्रीरोगआददरोगकोईघृखणतवलाइलाजरोग नहीींहैंइसललएइनरोगोंसेपीड ि़तरोगगयोंको घबरानानहीींचादहएबजल्कसमझदारीसेकाम लेनाचादहए, उत्तमगचककत्सासेयहरोगहमेशाक े

  30. ललएदूरहोजातेहैं।इनरोगोंसेपीड ि़तहोनाकोई पापनहीींहै, इसललएकभीभीशमथसींकोचनहीीं करनीचादहए।वास्तवमेंअज्ञानतावशभटक ेहुए रोगगयोंक ेमनमेंसेगलतधारणाओकोननकाल करननरोगबनानाऔरसहीइलाजकरनाही हमाराउद्देश्यहै। अनेकरोगोंकीदवा-िैक्ि सैक्सअनेकरोगोंकीदवाभीहै।जहाींपरवववादहतजीवनमें िैक्िएकदूजेक ेबीचसुख, आनींद, अपनापनलाताहै, वहीींएक दूजेक ेस्वास््यएवींसौन्दयथकोभीबनाएरखताहै।सैक्ससे शरीरमेंअनेकप्रकारक ेहामोन्सउत्पन्नहोतेहैं, जोशरीरक े स्वास््यएवींसौन्दयथकोबनाएरखनेमेंसहायकहोतेहैं।सैक्स मेंएींि़ाकफथनहामोनकीमाराबढजातीहै, जजससेत्वचासुींदर, गचकनी, वचमकदारबनतीहै।एस्टोजनहामोनशरीरक ेललए चमत्कारहै, जोएकअनोखेसुखकीअनुभूनतकराताहै।उनमें उत्तेजना, उत्िाह, उमुंगऔरआत्मववश्वािभीअगधकहोताहै।

  31. सैक्ससेपरहेजकरनेवालेशमथ, सींकोचवतनावसेपीड ि़तरहते हैं।ददमागकोतरोताजारखनेवतनावकोदूरकरनेक ेललए ननयलमतसैक्सएकअच्छाउपायहै।सैक्सहृदयरोग, मानलसकतनाव, रक्तचापऔरददलक ेदौरेसेदूररखताहै। सैक्ससेदूरभागनेवालेइनरोगोंसेअगधकपीड ि़तरहतेहैं। सैक्सएकप्रकारकाव्यायामभीहै।इसक ेललएखासककस्मक े सूट, शूजयामींहगीएक्सरसाइजसामग्रीकीआवश्यकतानहीीं होती।सैक्सव्यायाम, शरीरकीमाींसपेलशयोंक ेखखींचावकोदूर करताहैऔरशरीरकोलचीलाबनाताहै।एकबारसींभोगकक्रया करनेसे, ककसीथकादेनेवालेव्यायामयातैराकीक े 10-20 चक्करोंसेअगधकअसरदारहोतीहै।सैक्सववशेषज्ञोंक े अनुसारमोटापादूरकरनेक ेललएसैक्सकाफीसहायकलस( होताहै।सैक्ससेशारीररकऊजाथखचथहोतीहै, जजससेककचबी घटतीहै।एकबारकीसींभोगकक्रयामें 100 से 500 क ै लोरीऊजाथ खचथहोतीहै। आह, उह, आउच, कमरददथ, पीठददथ, गदथनददथसेपरेशानपत्नी आजनहीीं, अभीनहीींकरतीहैं, लेककनयददवहबबनाककसीभय क ेपनतक ेसाथसींभोगकक्रयामेंशालमलहोजाएतोउसक ेददथ

  32. कोउडनछूहोनेमेंदेरनहीींलगती।लसरददथ, माइग्रेन, ददमाग कीनसोंमेंलसकुडन, उन्माद, दहस्टीररयाआददकािैक्िएक िफलइलाजहै।अननराकीबीमारीमेंबबस्तरपरकरवट बदलनेयाबालकनीमेंरातभरटहलनेक ेबजाएबेि़परबगल मेंलेटीयालेटेसाथीसेसैक्सकीपहलकरें, कफरदेखेंककखराथटें आनेमेंज्यादादेरनहीींलगती।ननयलमतरृपसेसींभोगकक्रया मेंपनतकोसहयोगदेनेवालीस्रीमाहवारीक ेसमस्तववकारों सेदूररहतीहै।राबरक ेअजन्तमपहरमेंककयागयासैक्स ददनभरक ेललएतरोताजाकरदेताहै।सैक्सकोलसफ थयौन सम्बन्धतकहीसीलमतनरखें।इसमेंअपनीददनचयाथकी छोटी-छोटीबाींते, हींसी-मजाक, स्पशथ, आललींगन, चुींबनआददको शालमलकरें।सींभोगकक्रयातभीपूणथमानीजाएगी।सैक्सक े बारेमेंयहबातध्यानरखेंककअपनीपत्नीक ेसाथयाअपने पनतक ेसाथककयागयासैक्सस्वास््यएवींसौंदयथकोबनाए रखताहै।इसप्रसींगमेंयहबातववशेषध्यानदेनेयोग्यहैकक जहाींवववादहतजीवनमेंपत्नीक ेसाथसींभोगकक्रयाअनेकतरह सेलाभप्रदहै, वहीींअवैधरृपसेवेश्याओींवबाजारृऔरतोंक े साथबनाएगयेसैक्ससम्बन्धोंसेअननरा, हृदयरोग, मानसिकववकार, िुंडापन, सिफसलि, िुजाक, गनेररया, एड्ि

  33. जैसीअनेकप्रकारकीबीमाररयााँउत्पन्नहोसकतीहैं।यददजैसीअनेकप्रकारकीबीमाररयााँउत्पन्नहोसकतीहैं।यदद आपसफलवसींतुजष्टदायकसैक्सकरनेमेंअसमथथहैंऔर सैक्ससेसम्बजन्धतककसीभीकमजोरीयालशकायतसेपरेशान हैंतोबेखझझकलमलें। िम्भोगकािमयककतनाहोनाचाहहए यहएकऐसाप्रश्नहैहैजोप्रायिःरोगीभाईहमसेपूछतेरहतेहैं ककसम्भोगकासमयककतनाहोनाचादहए? इससम्बन्धमें अलगअलगगचककत्सकोंकीअलगअलगरायहै, कुछ गचककत्सकयहमानतेहैंककिम्भोगकीअवधध 3-4 समनटहोनी चाहहए,जबकककुछयहमानतेहैंककयोननमेंललींगप्रवेशक ेबाद 15 लमनटतकसम्भोगककयाजानाचादहए।इससम्बन्धमें हमारीराययहीहैककसम्भोगकीआदशथअवगधवहहोनीचादहए जजसमेंस्रीवपुरूषदोनोंउत्तेजनाकीचरमसीमापरपहुींचजाए औरदोनोंहीसम्भोगकाशारीररकवमानलसकआनन्दप्राप्त करसक े ।यददककसीस्रीवपुरृषक ेबीचसम्भोगक ेसमय दोनोंक ेआनन्दकीचरमसीमातकपहुींचनेक ेपहलेहीजस्ख्लत

  34. होजाताहैऔरसम्भोगमेंककसीएककोपूराआनन्दप्राप्तनहोजाताहैऔरसम्भोगमेंककसीएककोपूराआनन्दप्राप्तन होतोउनदोनोंकावववादहकजीवनबेकारहोजाताहै।ऐसेमें ककसीयोग्यगचककत्सककीसलाहलेनीचादहए, जजससेस्थायी इलाजकरानेकेेबादपनतपत्नीदोनोंपूरीतरहसन्तुष्टहोकर अपनेवैवादहकजीवनकावास्तववकआनन्दउठातेहुएसुखमय जीवनव्यतीतकरसक े । शास्रोक्त-यूनानीनुस्खे सददयोंसेयूनानीइलाजकोहरवगथकीतरफसेयहााँतककक देशववदेशमेंभीमान्यतालमलतीआरहीहैक्योंककआजकी आधुननकऐलोपैगथकगचककत्सामनुष्यकीजजनतकलीफोंका इलाजनहीींकरसकतीउन्हीींतकलीफोंकाइलाजयूनानी गचककत्सासेसुलभहै।यूनानीइलाजसेजदटलसेजदटल शारीररकव्यागधयोंकाभीसफलइलाजहोसकताहै। हजारोंवषथपहलेऐलोपैथीइलाजकाचलननहीींथातबमनुष्य क ेसभीरोगोंकाइलाजयूनानीपद्धनतसेहीहोताथा।जजससे मनुष्यपूरीतरहसेआरामपाजाताथा।आजक ेयुगमेंभीवही

  35. नुस्खें, जडी-बूदटयाीं, खननजों, रव्यों, कुश्तों, रसायनोंएवीं कीमतीभस्मोंआददसेपररष्कृतवैज्ञाननकप(नतद्वारातैयार ककयेजातेहैंजजनकाअसरभीकाफीतेजवप्रभावशालीहोता है। कुछलोगोंनेलालचवशअगधकधनबटोरनेक ेललएशुद्धजडी बूदटयोंवरव्योंक ेबदलेनकलीरींगोवरसायनोंकाप्रयोगकरक े अपनेइलाजकोराजामहाराजावनवावोंवालाइलाजबताकर यूनानीकोबदनामकरददयाहैइसकामतलबतोयहीहैकक पहलेयूनानीइलाजलसफ थराजामहाराजाओींकाहीककयाजाता था, साधारणजनताकानहीीं।इन्हीींसबबातोंकोध्यानमें रखकरहमनेंशुद्धयूनानीतरीक ेसेदुलथभअसलीजडी-बूटी, असलीरव्योंवरसायनोंतथाकीमतीभस्मों, कुश्तोंसेइलाज तैयारकरक ेउनननराशरोगगयोंकीसेवाकरनेकासींकल्पललया हैजोकईप्रकारक ेरोगोंसेनघरकरअपनेजीवनकोनक थबना चुक ेहैं।तथाराजामहाराजावनवाबोंवालेइलाजकीसामथ्र्य नहीींरखते।ऐसेरोगीननराशनहोंहमसेलमलेंयाललखेंउन्हें सहीरास्ताबताकरभटक ेहुएतथाननराशहुएरोगगयोंको स्वास््यलाभप्राप्तकराकरउन्हेंसहीददशाप्रदानकरेंगे।

  36. आजक ेयुगमेंपहलेतोअसलीवस्तुकोप्राप्तकरनाहीकदठन हैयददप्राप्तभीहोगईतोकौनगचककत्सकइतनाकदठन पररश्रमयापैसाखचथकरताहैलेककनहमारेपासलसफ थरोगीका कल्याणहै, रोगीकारोगदूरहोतथावहजीवनभरसुखीरहे ताककहमेंभीयशप्राप्तहोहमइसीउद्देश्यकोलेकरउत्तमसे उत्तमइलाजतैयारकरतेहैं।इलाजवहीजजससेरोगउम्रभरक े ललएकटजायेऔररोगीकोएकदमस्वस्थवननरोगबनादे। ऐसेप्रभावशालीइलाजकावणथनप्राचीनशास्रोंवग्रन्थोंमेंहै। हमारेइलाजकाभीमूलआधारयहीग्रन्थहैं। जडी-बूहटयोंएवुंभस्मोंकामहत्व यूींतोइलाजमेंप्रयोगहोनेवालीअनगगनतजडी-बूदटयाीं, खननजवभस्मेंहैंयददहमसभीकावणथनकरनेतोइसक ेललए एकमोटीपुस्तकअलगसेललखनीपडजाएगीलेककनहमयहाीं आपकीजानकारीक ेललएकुछचुनीहुईजडीबूहटयोंएवींभस्मों क ेनामललखरहेहैंजजनक ेगुणअलग-अलगहैंतथायेसब रोगीकीपूरीहालत, रोग, उम्रवमौसमक ेअनुसारइलाजमें प्रयोगकीजातीहैं।

  37. हीरकभस्म, मुक्ताभस्म, स्वणथभस्म, अभ्रकभस्म, लोहा भस्म, यस्तभस्म, लस( मकरध्वज, कहरवा, वपष्टी,जाफरान, अम्बर, मुश्क, जायफल, जाववरी, वींशलोचन, अश्वगींधा, लशलाजीत, छोटीइलायची, हरड, बहेडा, आाँवला, गोखरृ, कोंच बीज, मूसली, शतावरी, सालबलमश्री, मुलहठी, अकरकरा, सेमल कीजड, ववधाराआददअनेकोंऐसेरस-रसायनहैंजजनक ेप्रभाव अलग-अलगहोतेहैंतथाइनक ेसेवनसेददमागीनाड ि़योंऔर ग्रजन्थयोंकीशजक्तबढतीहै,वीयथपुष्टहोताहै।ददमाग, जजगर, गुदाथ, मसाना, अण्ि़कोषआददअींगोंकीकमजोरीदूरहोजाती है।थकावट, ि़र, वहम, घबराहट, क्रोध, चक्कर, बैचेनी, गचडगचडापन, काममेंमननलगना, टाींगों, बाींहोंवकमरमेंददथ, थोडासाकामकरनेसेसाींसफूलना, भूखकमलगना, कब्ज, पेटगैस, रक्तकीकमी, शीघ्रपतन,स्वप्नदोष, प्रमेह, पेशाबका बारबारआना, नपुींसकता, कमजोरीआददसभीलशकायतेंदूरहो जातीहैंइसमेंऐसीजडी-बूदटयाींवभस्मेंभीहैंजजनसेखाया- वपयाशीघ्रहीपचजाताहैशरीरकोभीलगनेलगताहै, नया खूनबनताहै, जजससेचेहरेपरनईरौनकवचमकआजातीहै ददलमेंउत्साहऔरशरीरमेंस्फूनतथपैदाहोतीहैखोईहुईमदायना वशारीररकताकतवापिलौटआतीहैशरीरउमींगोंवजवानी

  38. कीबहारोंमेंलहलहाउठताहै।व्यजक्तकोपूणथरृपसेपुरृषकीबहारोंमेंलहलहाउठताहै।व्यजक्तकोपूणथरृपसेपुरृष कहलानेकाअगधकारप्राप्तहोताहै। िफलजीवनकारहस्य 1.सुबहसवेरेउठकरप्रनतददनसैरकरेंयददहोसक ेतोकुछ व्यायामकरें।भोजनहल्का, सन्तुललतवजल्दीहीहज़म होनेवालाकरें।राबरकोभोजनसोनेसे 2-3 घींटेंपहलेही करलें।कब्जनरहनेदे। 2.हस्तमैथुननकरे, गन्देउपन्यासतथाअश्लीलसादहत्यन पढेमनक ेववचारशुद्धअच्छासादहत्यपढेजबभीमनमें बुरेववचारआयेंतोअपनेप्रभुकोयादकरें। 3.सोनेसेपहलेमूरत्यागअवश्यकरलेंतथारातमेंजबभी नीींदखुलेतोपेशाबकरलें, सुबहशौचसमयपरजायें। अपनीगुप्तेन्रीकीसफाईहररोजनहातेसमयकरें। अन्यथामैलजमकरखुजलीउत्पन्नकरेगी। 4.वेश्याओींक ेसींपक थसेहमेशादूररहेंउनकासम्पक थहीअनेक रोगोंकामूलकारणहै।एड्सजैसीप्राणघातकबीमारीभी होसकतीहैतथातन,मनधनतीनोंकाहीनाशहोताहै।

  39. 5.मालसकसमयमेंस्रीसेसींम्भोगकदावपनकरेंइससेकई5.मालसकसमयमेंस्रीसेसींम्भोगकदावपनकरेंइससेकई तरहकीबीमाररयााँहोजातीहै।अगधकसम्भोगनकरे। ददनप्रनतददनक ेसम्भोगसेनतोस्रीकोसींतुजष्टहोतीहै तथानहीपुरृषमेंशजक्तरहतीहै।यादरखें, जस्रया अगधकसींम्भोगसेप्रसन्ननहीरहतीजबभीसम्भोगकरें जीभरक ेकरेताककस्रीकोपरमसींतुजष्टप्राप्तहो। 6.कभी-कभीशरीरमेंतेलकीमाललशकरें।माललशकरनेसे शरीरसुगदठतहोगाकमजोेेरीसुस्तीदूरहोगीतथाचेहरे परचमकआयेगीराबरकोअगधककपडेपहनकरनहीीं सोनाचादहए। 7.वववाहसेपहलेशारीररकननरीक्षणककसीअनुभवीवयोग्य गचककत्सकसेअवश्यकरालेनाचादहएक्याींेेककथोडीसी कमीआपक ेपूरेवववादहतजीवनमेंदरारि़ालसकतीहै। 8.ककसीरोगकासींक्रमणहोतेहीतुरन्तअपनाइलाजकराना चादहएक्योंककसमयपरइलाजनहोनेपररोगक ेअगधक बढजानेकाि़ररहताहैकफररोगकोपूरीतरहदूरकरनेक े ललएअगधककदठनाईउठानीपडसकतीहै। 9.बादएकपश्चात्एकठीकननजश्चतअन्तरालपरभोग ववलासकरनागृहस्थजीवनकाब्रह्मचायथहै।सम्भोगका

  40. उत्तमसमयराबर 12 बजेसे 4 बजेतकहै।सम्भोगसे पहलेककसीप्रकारकानशानकरें। 10. प्रत्येकव्यजक्तमेंएकअमृतकुण्ि़हैजोइन्रीद्वारा टपक-टपककरबहजाताहै।इन्रीक ेऊपरननयन्रण रखकरइसअमृतकुण्ि़कीरक्षाकीजासकतीहै। पनत-पत्नीकापहलासमलनिुहागरात सुहागरातकायहप्रथमलमलनक े वलशारीररकलमलनहीनहीीं होताबजल्कमानलसकवआजत्मकलमलनहै।इसघडीमेंदो जजस्मएकजानहोजातेहैंतथादोजानेअबतकअलगअलग थीीं।इसरातकोपहलीबारएकहोजातीहैतथायहीघडी वैवादहकजीवनकीनीींवकापत्थरबनजाती है।तथासफल जीवनक ेसुनहरीभववष्यकाननमाथणकरतीहै।इसरातकी नीींवबहुतहीमजबूतहोजानीचादहएताकककभीभीथोडी हलचलक ेकारणवैवाहहकजीवनमेंदरारपडजाये।यहरात एकदूसरेकोसमझनेकीरातहोतीहैयहीकारणहैकककुछ लोगशादीहोनेपरशादीमेंआएहुएररश्तेदारोंवअन्यपररवार जनोंसेभरेघरपरपनतपत्नीएकदूसरेकोसमझनेमें

  41. कदठनाईमहसूसकरतेहैंतथावकहीींपवथतीयस्थानयाककसीकदठनाईमहसूसकरतेहैंतथावकहीींपवथतीयस्थानयाककसी रमणीकस्थलपरएकान्तमेंजाकरएकदूसरेकोगहराईसे जाननेकीजजज्ञासारखतेहैं।हनीमूनयािुहागरातसभीदेशोंव सभीजानतयोंमेंप्रचललतहैतथासभीजगहइसकासमान महत्वहै। यददआपअपनीनईदुल्हनक ेसच्चेजीवनसाथीनबनपाए तोसेजक ेसाथीभीनबनपाएींगे।नईदुल्हनक े वलआपको एककामीव्यजक्तववासनाकालोभीभींवरासमझकरस्वयींको बललकाबकरासमझनेलगेीइसललएप्रथमलमलनकीघड ि़या जीवनकीबहुतहीअनमोलघड ि़याहोतीहै।यददअपनेरृखे व्यवहारपरजल्दबाजीसेकोईपुरृषअपनेकोसींभालनहीीं पातातोउसकीसुहागरातदुभाथग्यराबरमेंबदलजातीहै।आज क ेयुगमेंलडककयाींभीलशक्षक्षतहोतीहैंतथासमाजमें वातावरणकोभलीप्रकारसेसमझतीहैंइसीक ेफलस्वरृप प्रत्येकलडकीअपनेवववादहतजीवनकाएकशुखहालगचर अपनेददलददमागमेंरखतीहैतथाउसीगचरक ेअनुसारही अपनापनतचाहतीहै।यददपनतअपनीनईदुल्हनक ेहृदयको जीतलेनेमेंसफलहोजाताहैतोननश्चयहीयहउनक ेवैवादहक

  42. जीवनकाशुभारींभहै।पहलीरातमेंपनतकोसम्भोगक ेललए कभीभीउतावलानहीींहोनाचादहएबजल्कउसक ेप्रत्येकवस्तु जैसेरृपरींग, आींखें, होंठ, नाक, चेहरेकीबनावट, कपडोंकी आददकीखूबप्रशींसाकरनीचादहए।अपनीनईदुल्हनक ेसामने भूलकरभीककसीदूसरीलडकीयास्रीक ेसौन्दयथ, गुणोंव कपडोंआददकीप्रशींसानकरेंइसक ेआपकीपत्नीमेंहीनभावना आजाएगीतथाआपक ेसाथपूरासहयोगदेपायेगी।पहलेआप पत्नीक ेमनकोवशमेंकरेऔरअपनेऊपरएकसीमातक ननयींरणरखें, जबउसेआपकायहप्रेमीवसफलपुरृषकारृप मुग्धकरदेगातोवहआपकोखुशीवपूणथसहयोगक ेसाथ अपनासवथस्वअपथणकरदेगी।नईदुल्हनक ेललएपहला सहवासकष्टदायकहोताहैइसललएपहलेशुरृमेंउसक ेकष्ट काध्यानरखतेहुएधीरेधीरेहीउसकासींकोचखझझकदूरकरने कीचेष्टाकरें। प्रत्येकनववववादहताक ेललएयहअत्यन्तआवश्यकहैककवे अपनीसुहागरातकीघडीमेंकोईशराबयानशेकीवस्तुका सेवननकरेंजजससेउनक ेआगामीवववाहहतजीवनपरबुरा प्रभावपडे।यहरातजीवनमेंक े वलएकहीबातआतीहै।इसी

  43. रातकीयादेंस्रीपुरूषअपनेजीवनभरक ेललएगाींठमेंबाींध लेतेहैंतथाकुछअज्ञानीलोगयहीसमझतेहैंककपहलीरात सम्भोगमेंरक्तआनाजरृरीहैजोनववधुक ेकौमायथकी ननशानीहोतीहैउनकीयहधारणाबबल्कुलगलतहैक्योंकक कुछलडककयोंमेंयोननच्छेदकीखझल्लीबहुतसख्तहोतीहै तथाकुछकीयहखझल्लीबहुतपतलीवकोमलहोतीहैजो बचपनमेंखेलकूद, बस, गाडीमेंचढतेउतरतेसमयसाधारण चोटसेभीफटजातीहै।फलस्वरृपसम्भोगसेपहलेहीफट चुकनेक ेकारणरक्तआनेकाप्रश्नहीपैदानहीींहोताइसललए रक्तनआनेपरअपनीनईदुल्हनक ेचरररकाव्यथथहीशक नहीींकरनाचादहएअन्यथावववादहतजीवनएकदुखोंकी ज्वालाबनकरसारीजजन्दगीआपकोजलातीरहेगी। एकअिफलपुरूषकादुख, हस्तमैथुन कईददनपहलेमैंअपनेदवाखानेमेंहमेशाकीतरहअपनेरोगी भाइयोंकोदेखरहाथातोउनमेंएकरोगीकाफीननराशउदास वसहमाहुआसाबैठाथा।जबउसकीबारीआईतोमैंनेउससे सबसेपहलेयहीपूछाककतुमइतनेघबरायेहुएक्योंहोतोउस युवकरोगीकासब्रबाींधटूटगयातथाउसकीआींखेंमेंआींसू

  44. छलछलाआए।मैंनेउसेपूरीतसल्लीदीतथामैंनेकहाककछलछलाआए।मैंनेउसेपूरीतसल्लीदीतथामैंनेकहाकक अपनीपरेशानीबताओतथागचन्ताकीकोईबातनहीींहैतब उसनेबतायाककमैंएकसम्माननतमध्यवगीयपररवारसे सम्बन्धरखताहूींतथाअभीथोडेहीददनहुएअपनीकॉलेजकी पढाईपूरीकीहै।अतिःअपनेववद्याथीजीवनमेंगलतसींगतमें पडगया।हस्तमैथुनभीककया।जबकुछसमझआईतो हस्तमैथुनकीइच्छाकोदबायातथास्वप्नदोषहोनेलगाकफर पेशाबमेंलारसीननकलनेलगीजजससेमुझेबेहदकमजोरी महसूसहोनेलगी।उठते-बैठतेशरीरददथ, चक्कर, अींधेरावसाींस फूलनेतथाददनभरसुस्तीछायीरहतीहै, ककसीकाममेंमन नहीींलगता।चूींककअबमैंव्यस्कहोयाहूींमेरेमातावपतामेरी शादीकरनेपरजोरदेरहेहैंलेककननजानेक्योंमैंशादीक े नामसेपरेशानहोगयाहूींक्योंककमैंअपनेआपकोउपरोक्त कमजोररयोंक ेकारणवववाहयोग्यनहीींसमझताऔरनहीयह चाहताहूींककमेरीकमजोरीवहालतकीवजहसेमेरीआनेवाली पत्नीकाजीवनभीदुखमयहोजायेअतिःमैंआपकानामव इलाजकीप्रशींसासुनकरआपक ेपासआयाहूीं।मैंनेउसकीपूरी हालतजानकरउसकीपूरीतरहशारीररकजाींचकी।अबवह बबल्कुलठीकबोलरहाथा।वास्तवमेंहीवहअपनीअज्ञानता

  45. वशअपनीजवानीकोदोनोंहाथोंसेलुटाकरअपनेपुरूषत्वमेंवशअपनीजवानीकोदोनोंहाथोंसेलुटाकरअपनेपुरूषत्वमें घुनलगवाचुकाथा।मैंनेउसेअपनापरामशथनयातथापूरी लगनवमेहनतसेअसलीवनायाबनुस्खोंद्वाराउसकाइलाज तैयारकरवायाजजसक ेसेवनसेउसकीखोईहुईशारीररकव मदाथनाशजक्तउसेदोबारालमलनीशुरृहोगई।एकमहीनेक े बादहीउसकीशादीहोगईतथापहलीरातसेअबतकपूरी तरहसन्तुष्टहैतथाअपनेवववादहतजीवनकाभरपूरलुफ्त उठारहाहै। इसीप्रकारक ेअनेकोंरोगीभाईस्वयींहमारेपासआकरया अपनीपूरीहालतपरमेंललखकरअपनाइलाजप्राप्तकरतेहैं जजनक ेसेवनसेवपूरीतरहसेस्वस्थवननरोगहोकरहमारे इलाजकीप्रशींसाकरनानहीींभूलते।आभीलमलेयाललखें, पर व्यवहारपूणथतिःगुप्तरखाजाताहै।प्रत्येकपरकोध्यानसे पढकररोगीकीपूरीहालतपरववचारकरनेक ेबादहीपरामशथ याइलाजसींभवहोताहै। मदायनाकमजोरीकाइलाज

  46. क े सरकस्तूरीवालाहाशमीहाईपावरकोसथनयाखूनपैदाकरक े नक े वलकमजोरीदूरकरताहै, बजल्कप्रेमहरोग, स्वप्नदोष, शीघ्रपतननष्टकरकमर, गुदोवजजस्ममेंजबदथस्तताकत बढाताहै, खोईहुईसेहत, ताकतजवानीवापसलानेक ेललए दुननयाींक ेकोनेकोनेमेंहाशमीहाईपावरकोसथक ेपासथलरोजाना जातेहैंतथालाखोंलोगहाशमीहाईपावरइलाजसेनयाजीवन व्यतीतकररहेहैंकमजोरीचाहेककसीभीकारणहोकमजोरसे कमजोरइींसानबूढेतथावववादहतभीसेहत, ताकत, जवानी प्राप्तकरसकतेहैं, स्वस्थनवयुवकभीहाशमीहाईपावरकोसथ काप्रयोगकरक ेअपनीताकतकईेुनाबढसकतेहैं।वीयथशहद कीतरहगाढाहोजाताहैशरीरकीसारीकमजोरीदूरहोकर शरीरहष्टपुष्टहोकरताकतवरवफुतीलाहोजाताहै, मुदाथसे मुदाथनसों, नाड ि़योंमेंखोईताकतकफरसेप्राप्तकरनेक ेललए नतलाइरानीहाशमीहाईपावरकोसथक ेसाथहोनेपरसोनेपर सुहागेकाकामकरताहैयहकोसथबबल्कुलशुद्धमौललकएवीं

  47. अत्यन्तबहुमूल्यऔषगधयोंसेतैयारककयाजाताहैहाशमीहाईअत्यन्तबहुमूल्यऔषगधयोंसेतैयारककयाजाताहैहाशमीहाई पावरकोसथकामूल्यमौसम, आयु, रोगअनुसार। समस्तहालवपतागुप्तरखाजाताहैं समलनेकािमय: प्राप्त: 10 बजेसेसाींय 6 बजेतकदवाखानाप्रनतददन खुलताहैं हमारीकहीकोईब्राींचनहीहैं हाशमीदवाखाना , मौह०काजीजादा, अमरोहा ननिःशुल्कस्वास््यपरामशथक ेललए

  48. कॉलकरें, 9997782987

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