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HinduNidhi.Com या है दािभषेक जान या है दािभषेक जान इसकी िविध, महव और इसकी िविध, महव और लाभ लाभ © HinduNidhi.Com
अिभषेक शद का अथ है “नान कराना”। दािभषेक का अथ है भगवान द, यानी भगवान िशव का अिभषेक करना। यह पिव नान िशविलंग पर द क े मं क े साथ िकया जाता है। दािभषेक एक शितशाली अनुठान है जो भगवान िशव को सन करने और HinduNidhi.Com जीवन म सुख-समृद्िध ात करने का एक उम तरीका है। दािभषेक य िकया जाता है दाटायायी क े अनुसार, िशव ही द ह और द ही िशव ह। वे हमारे सभी दुख को दूर करते ह। दािभषेक से जीवन म आने वाले संकट और नकारामक ऊजा से मुित िमलती है। यह भगवान िशव को सन करने और उनका आशीवाद ात करने का एक उम तरीका है। दािभषेक की पूण िविध पूजा थल को साफ कर। िशविलंग को थािपत कर और उसे पंचामृत से नान कराएं। द मं का जाप कर या दाटायायी का पाठ कर। दाटायायी क े एकादिशिन दी क े यारह आवृि का पाठ िकया जाता है। इसे ही लघु द कहा जाता है। यह पंचामृत से की जाने वाली पूजा है।
इस पूजा को भावशाली मं और शाोत िविध से िवान बाण ारा संपन करवाया जाता है। भगवान िशव को फल, फूल और िमठाई अिपत कर। भगवान िशव की आरती कर। HinduNidhi.Com दािभषेक से लाभ जल से अिभषेक : हर तरह क े दुख से मुित दूध से अिभषेक : भगवान िशव का आशीवाद ाित फल क े रस से अिभषेक : अखंड धन लाभ और कज से मुित सरस क े तेल से अिभषेक : गह बाधा नाश चने की दाल से अिभषेक : शुभ काय का आरंभ और काय म उनित काले ितल से अिभषेक : तं बाधा नाश और बुरी नजर से बचाव शहद िमित गंगा जल से अिभषेक : संतान ाित और पािरवािरक सुख-शांित घी व शहद से अिभषेक : रोग का नाश और लंबी आयु क ु मक ु म क े सर हदी से अिभषेक : आकषक यितव का ाित दािभषेक क ै से कर
जल से अिभषेक 1. हर तरह क े दुख से छुटकारा पाने क े िलए। ताबे क े पा म शु जल भर कर पा पर क ु मक ु म का ितलक HinduNidhi.Com कर। ॐ इदाय नम : का जाप करते हुए पा पर मौली बांध। दूध से अिभषेक 2. िशव को सन कर उनका आशीवाद पाने क े िलए। ताबे क े पा म दूध भर कर पा को चार ओर से क ु मक ु म का ितलक कर। ॐ ी कामधेनवे नम : का जाप करते हुए पा पर मौली बांध। फल का रस 3. अखंड धन लाभ व हर तरह क े कज से मुित क े िलए। ताबे क े पा म गने का रस भर कर पा को चार ओर से क ु मक ु म का ितलक कर। ॐ क ु बेराय नम : का जाप करते हुए पा पर मौली बांध। सरस क े तेल से अिभषेक 4. गहबाधा नाश हेतु। ताबे क े पा म सरस का तेल भर कर पा को चार ओर से क ु मक ु म का ितलक कर।
ॐ भं भैरवाय नम : का जाप करते हुए पा पर मौली बांध। चने की दाल 5. िकसी भी शुभ काय क े आरंभ व काय म उनित क े िलए। HinduNidhi.Com ताबे क े पा म चने की दाल भर कर पा को चार ओर से क ु मक ु म का ितलक कर। ॐ यनाथाय नम : का जाप करते हुए पा पर मौली बांध। काले ितल से अिभषेक 6. तं बाधा नाश हेतु व बुरी नजर से बचाव क े िलए। ताबे क े पा म काले ितल भर कर पा को चार ओर से क ु मक ु म का ितलक कर। ॐ हुं कालेवराय नम : का जाप करते हुए पा पर मौली बांध। शहद िमित गंगा जल 7. संतान ाित व पािरवािरक सुख-शांित हेतु। ताबे क े पा म शहद िमित गंगा जल भर कर पा को चार ओर से क ु मक ु म का ितलक कर। ॐ चदमसे नम : का जाप करते हुए पा पर मौली बांध। घी व शहद 8. रोग क े नाश व लंबी आयु क े िलए। ताबे क े पा म घी व शहद भर कर पा को चार ओर से क ु मक ु म
का ितलक कर। ॐ धवतरयै नम : का जाप करते हुए पा पर मौली बांध। क ु मक ु म क े सर हदी HinduNidhi.Com 9. आकषक यितव की ाित हेतु। ताबे क े पा म क ु मक ु म, क े सर, हदी और पंचामृत भर कर पा को चार ओर से क ु मक ु म का ितलक कर। ॐ उमायै नम : का जाप करते हुए पा पर मौली बांध। Read This Online या है दािभषेक जान इसकी िविध, महव और लाभ Visit HinduNidhi https://hindunidhi.com Noitce & Disclaimer: This document may contain some errors / mistakes in form of language, grammar, characters, or any other.
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