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Masik Shivratri Katha Hindi PDF Download

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Presentation Transcript


  1. HinduNidhi.Com मािसक िशवराि मािसक िशवराि पौरािणक कथा पौरािणक कथा © HinduNidhi.Com

  2. || मािसक िशवराि पौरािणक कथा || धािमक पौरािणक कथा क े अनुसार िचभानु नामक एक िशकारी था। जानवर की हया करक े वह अपने पिरवार को पालता था। वह एक साहूकार का कजदार था, HinduNidhi.Com लेिकन उसका ऋण समय पर न चुका सका। ोिधत साहूकार ने िशकारी को िशवमठ म बंदी बना िलया। संयोग से उस िदन िशवराि थी। िशकारी यानमन होकर िशव-संबंधी धािमक बात सुनता रहा। चतुदशी को उसने िशवराि वत की कथा भी सुनी। शाम होते ही साहूकार ने उसे अपने पास बुलाया और ऋण चुकाने क े िवषय म बात की। िशकारी अगले िदन सारा ऋण लौटा देने का वचन देकर बंधन से छूट गया। अपनी िदनचया की भांित वह जंगल म िशकार क े िलए िनकला। लेिकन िदनभर बंदी गृह म रहने क े कारण भूख-यास से याक ु ल था। िशकार खोजता हुआ वह बहुत दूर िनकल गया। जब अंधकार हो गया तो उसने िवचार िकया िक रात जंगल म ही िबतानी पड़ेगी। वह वन म एक तालाब क े िकनारे एक बेल क े पेड़ पर चढ़ कर रात बीतने का इंतजार करने लगा। िबव वृ क े नीचे िशविलंग था जो िबवप से ढंका हुआ था। िशकारी को उसका पता न चला। पड़ाव बनाते समय उसने जो टहिनयां तोड़ीं, वे संयोग से िशविलंग पर िगरती चली गई। इस कार िदनभर भूखे-यासे िशकारी का वत भी हो गया और िशविलंग पर

  3. िबवप भी चढ़ गए। एक पहर राि बीत जाने पर एक गिभणी िहरणी तालाब पर पानी पीने पहुंची। िशकारी ने धनुष पर तीर चढ़ाकर य ही यंचा खींची, िहरणी बोली- ‘म गिभणी HinduNidhi.Com हूं। शीघ  ही सव क ं गी। तुम एक साथ दो जीव की हया करोगे, जो ठीक नहीं है। म बचे को जम देकर शीघ  ही तुहारे सम तुत हो जाऊ ं गी, तब मार लेना।’ िशकारी ने यंचा ढीली कर दी और िहरणी जंगली झािड़य म लुत हो गई। यंचा चढ़ाने तथा ढीली करने क े वत क ु छ िबव प अनायास ही टूट कर िशविलंग पर िगर गए। इस कार उससे अनजाने म ही थम हर का पूजन भी सपन हो गया। क ु छ ही देर बाद एक और िहरणी उधर से िनकली। िशकारी की सनता का िठकाना न रहा। समीप आने पर उसने धनुष पर बाण चढ़ाया। तब उसे देख िहरणी ने िवनमतापूवक िनवेदन िकया- ‘हे िशकारी म थोड़ी देर पहले ऋतु से िनवृ हुई हूं। कामातुर िवरिहणी हूं। अपने िय की खोज म भटक रही हूं। म अपने पित से िमलकर शीघ  ही तुहारे पास आ जाऊ ं गी।’ िशकारी ने उसे भी जाने िदया। दो बार िशकार को खोकर उसका माथा ठनका। वह िचंता म पड़ गया। राि का आिखरी पहर बीत रहा था। इस बार भी धनुष से लग कर क ु छ बेलप िशविलंग पर जा िगरे तथा दूसरे हर की पूजन भी सपन हो गई। तभी एक अय िहरणी अपने बच क े साथ उधर से िनकली। िशकारी क े िलए यह विणम अवसर था। उसने धनुष पर तीर चढ़ाने म देर नहीं लगाई। वह तीर छोड़ने

  4. ही वाला था िक िहरणी बोली- ‘हे िशकारी म इन बच को इनक े िपता क े हवाले करक े लौट आऊ ं गी। इस समय मुझे मत मारो।’ िशकारी हंसा और बोला- ‘सामने आए िशकार को छोड़ दूं, म ऐसा मूख नहीं। इससे HinduNidhi.Com पहले म दो बार अपना िशकार खो चुका हूं। मेरे बचे भूख-यास से यग हो रहे हगे।’ उर म िहरणी ने िफर कहा- ‘जैसे तुह अपने बच की ममता सता रही है, ठीक वैसे ही मुझे भी। हे िशकारी मेरा िववास करो, म इह इनक े िपता क े पास छोड़कर तुरंत लौटने की िता करती हूं।’ िहरणी का दुखभरा वर सुनकर िशकारी को उस पर दया आ गई। उसने उस मृगी को भी जाने िदया। िशकार क े अभाव म तथा भूख-यास से याक ु ल िशकारी अनजाने म ही बेल-वृ पर बैठा बेलप तोड़-तोड़कर नीचे फ  कता जा रहा था। पौ फटने को हुई तो एक हट-पुट मृग उसी राते पर आया। िशकारी ने सोच िलया िक इसका िशकार वह अवय करेगा। िशकारी की तनी यंचा देखकर मृग िवनीत वर म बोला- ‘हे िशकारी यिद तुमने मुझसे पूव आने वाली तीन मृिगय तथा छोटे-छोटे बच को मार डाला है, तो मुझे भी मारने म िवलंब न करो, तािक मुझे उनक े िवयोग म एक ण भी दुःख न सहना पड़े। म उन िहरिणय का पित हूं। यिद तुमने उह जीवनदान िदया है तो मुझे भी क ु छ ण का जीवन देने की क ृ पा करो। म उनसे िमलकर तुहारे सम उपिथत हो जाऊ ं गा।’ मृग की बात सुनते ही िशकारी क े सामने पूरी रात का घटनाच घूम गया। उसने

  5. सारी कथा मृग को सुना दी। तब मृग ने कहा- ‘मेरी तीन पिनयां िजस कार िताब होकर गई ह, मेरी मृयु से अपने धम का पालन नहीं कर पाएंगी। अतः जैसे तुमने उह िववासपा मानकर छोड़ा है, वैसे ही मुझे भी जाने दो। म उन सबक े साथ तुहारे सामने शीघ  ही उपिथत होता हूं।’ HinduNidhi.Com िशकारी ने उसे भी जाने िदया। इस कार ात : हो आई। उपवास, राि-जागरण तथा िशविलंग पर बेलप चढ़ने से अनजाने म ही िशवराि की पूजा पूण हो गई। पर अनजाने म ही की हुई पूजन का पिरणाम उसे तकाल िमला। िशकारी का िहंसक दय िनमल हो गया। उसम भगवद्शित का वास हो गया। थोड़ी ही देर बाद वह मृग सपिरवार िशकारी क े सम उपिथत हो गया, तािक वह उनका िशकार कर सक े , िक ं तु जंगली पशुओं की ऐसी सयता, सािवकता एवं सामूिहक ेमभावना देखकर िशकारी को बड़ी लािन हुई। उसने मृग पिरवार को जीवनदान दे िदया। अनजाने म िशवराि क े वत का पालन करने पर िशकारी को मो और िशवलोक की ाित हुई। || मािसक िशवराि पूजा सामगी || पूजा क े िलए एक वछ िशविलंग या िशव की मूित का उपयोग कर। दूध, दही, घी, शहद और चीनी को िमलाकर पंचामृत तैयार कर। यिद उपलध हो तो गंगाजल का उपयोग कर। बेलप, धतूरा, भांग ये भगवान िशव को िय ह। िविभन रंग क े फूल चढ़ाएं।

  6. पूजा क े िलए शु घी का दीपक और धूप जलाएं। ितलक लगाने क े िलए चंदन का उपयोग कर। भोग क े िलए फल, िमठाई आिद। िशव पुराण का पाठ कर। HinduNidhi.Com िशव चालीसा का पाप कर। िशव मं का जाप कर। || मािसक िशवराि पूजा िविध || पूजा शु करने से पहले नान करक े शरीर को शु कर और साफ कपड़े पहन। िशविलंग को एक वछ थान पर थािपत कर और उस पर गंगाजल िछड़क  । िशविलंग पर पंचामृत, गंगाजल, दूध और जल से अिभषेक कर। बेलप, धतूरा, भांग, फूल आिद अिपत कर। धूप और दीप जलाएं। भगवान िशव की मं का जाप कर जैसे “ॐ नमः िशवाय”, “महामृयुंजय मं” आिद। भगवान िशव को भोग लगाएं। आरती कर। Read This Online मािसक िशवराि पौरािणक कथा

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