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Shardiya Navratri 2024 u2013 u0915u094du092fu093e u0915u0930u0947u0902 u0914u0930 u0915u094du092fu093e u0928 u0915u0930u0947u0902? u091cu093eu0928u0947u0902 u0936u0941u092d u092eu0941u0939u0942u0930u094du0924 u0914u0930 u092au0942u091cu093e u0935u093fu0927u093f
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HinduNidhi.Com Shardiya Navratri Shardiya Navratri 2024 – 2024 – या है इस या है इस नवराि का िवशेष नवराि का िवशेष योग जान शुभ मुहूत योग जान शुभ मुहूत और पूजा िविध और पूजा िविध © HinduNidhi.Com
Shardiya Navratri िहंदू धम म अयिधक महवपूण पव है, जो देवी दुगा क े नौ प की आराधना क े िलए मनाया जाता है। यह पव आिवन महीने म आता है और िवशेष प से शरद ऋतु क े आगमन का तीक है। यह नवराि पूरे भारत म भत ारा हषोलास क े साथ मनाई जाती है। HinduNidhi.Com िहंदू धम म देवी-देवताओं और योहार का बहुत महव है। नवराि का योहार भी ऐसा ही एक खास योहार है। इस योहार म नौ िदन तक मां दुगा क े नौ अलग-अलग प की पूजा की जाती है। साल म चार बार नवराि आती है। यादातर लोग िसफ चै (वासंती नवराि) और शारदीय नवराि (अिवन नवराि) क े बारे म जानते ह, लेिकन दो गुत नवराि (माघ और आषाढ़ नवराि) भी होती ह। सबसे यादा महव शारदीय नवराि (Shardiya Navratri) का होता है। यह अिवन माह म शुल प की ितपदा से शु होती है। इन नौ िदन म मां दुगा क े भत पूरे समपण से पूजा करते ह, वत रखते ह और नौव िदन कया पूजन करते ह। माना जाता है िक इन िदन मां दुगा सभी की ाथनाएं सुनती ह और अपने भत को आशीवाद देती ह। Shardiya Navratri 2024 क े शुभ मुहूत Shardiya Navratri 2024 का ारंभ 3 अटूबर 2024 से हो रहा है और यह 12 अटूबर 2024 तक चलेगा। नौ िदन तक देवी दुगा क े अलग-अलग प की पूजा की जाएगी। नवराि म पूजा क े िवशेष मुहूत का बहुत महव है। आइए जानते ह
2024 क े मुख मुहूत: घट थापना का मुहूत Shardiya Navratri की घट थापना 3 अटूबर 2024 को सुबह 6:15 बजे से HinduNidhi.Com 8:00 बजे तक का समय सबसे शुभ माना गया है। पूजा क े मुख समय पूजा क े समय म िदन और रात दोन समय महवपूण होते ह। शुभ मुहूत म देवी की पूजा से िवशेष आशीवाद की ाित होती है। नवराि का पहला िदन घट थापना से शु होता है, जबिक दसव िदन िवजयादशमी का पव मनाया जाता है। िवजयादशमी, देवी दुगा की रास मिहषासुर पर िवजय का तीक है। Shardiya Navratri म देवी क े नौ प Shardiya Navratri म येक िदन माँ दुगा क े अलग-अलग प की पूजा की जाती है। आइए इन नौ प को िवतार से समझते ह: शैलपुी : शैलपुी देवी दुगा का पहला प है। यह पवतराज िहमालय 1. की पुी ह और इनकी पूजा नवराि क े पहले िदन की जाती है। बचािरणी : दूसरे िदन माँ बचािरणी की पूजा होती है। यह देवी 2. तपया की देवी मानी जाती ह।
चंदघंटा : तीसरे िदन देवी चंदघंटा की पूजा होती है, जो शांित और 3. बहादुरी का तीक मानी जाती ह। कूमांडा : चौथे िदन माँ कूमांडा की पूजा होती है, जो सृिट की उपि HinduNidhi.Com 4. का तीक मानी जाती ह। क ं दमाता : पाँचवे िदन देवी क ं दमाता की पूजा होती है, जो भगवान 5. काितक े य की माता ह। कायायनी : छठे िदन माँ कायायनी की आराधना की जाती है, जो 6. साहस और वीरता की तीक मानी जाती ह। कालराि: सातव िदन माँ कालराि की पूजा होती है, जो बुराइय क े 7. नाश का तीक मानी जाती ह। महागौरी : आठव िदन माँ महागौरी की पूजा होती है। यह प शुता और 8. शांित का तीक माना जाता है। िसद्िधदाी : नौव िदन माँ िसद्िधदाी की पूजा होती है, जो िसद्िधय 9. की दाी मानी जाती ह। Shardiya Navratri 2024 का िवशेष योग Shardiya Navratri 2024 म कई िवशेष योग बन रहे ह, जो इसे और भी शुभ बनाते ह। इस वष नवराि म गु और चंदमा की िवशेष िथित से पूजा का महव बढ़ेगा।
िवशेष योग क े कारण इस नवराि म देवी की पूजा और अनुठान से िवशेष फल ात हगे। इस वष बनने वाले योग से साधक को आयािमक लाभ और समृद्िध की ाित होगी। Shardiya Navratri की पूजा िविध HinduNidhi.Com शारदीय नवराि िहंदू धम म िवशेष महव रखती है और मां दुगा की आराधना का यह नौ िदवसीय पव अयंत ा और भित से मनाया जाता है। इस दौरान माता क े नौ प की पूजा की जाती है। यहां शारदीय नवराि की पूजा िविध का वणन िकया गया है : पहले िदन सुबह नान करक े वछ व धारण कर। पूजा थल को साफ कर, वहां एक चौकी पर लाल व िबछाएं। इसक े ऊपर िमट्टी का घड़ा (कलश) थािपत कर। कलश म जल भरकर उसम आम क े पे और नािरयल रख। कलश की थापना करते समय िनन मं का जाप कर: “ॐ ऐं ीं लीं चामुंडाय िवचे नमः” माता की पूजा क े िलए अखंड दीपक जलाएं। यह दीपक पूरे नवराि क े दौरान िनरंतर जलता रहना चािहए। मां दुगा की ितमा या िच को थािपत कर और िनन मं क े ारा उनका आवाहन कर: “ॐ सवमंगल मांगये िशवे सवाथ सािधक े , शरये ्यंबक े गौिर नारायिण नमोऽतुते” नवराि क े दौरान दुगा सतशती का पाठ अयंत शुभ माना जाता है। इसे
ा पूवक पढ़ना चािहए। माता रानी को फूल, नािरयल, व, िमठाई, और फल का भोग लगाएं। रोजाना ताजे फूल से मां दुगा की आरती कर। अटमी या नवमी क े िदन कया पूजन का िवशेष महव है। नौ कयाओं को HinduNidhi.Com आमंित कर उह भोजन कराएं और समानपूवक िवदा कर। Shardiya Navratri म या कर और या न कर शारदीय नवराि म या कर नवराि क े दौरान हर िदन नान कर और शु व धारण कर। पूजा थल को वछ रख और पिवता बनाए रख। नवराि म मां दुगा क े नौ प की िविधपूवक पूजा कर। सुबह और शाम िनयिमत प से दुगा सतशती या देवी तो का पाठ कर। शारदीय नवराि म उपवास रखने का िवशेष महव है। यह वत अन या क े वल फलाहार लेकर िकया जा सकता है। उपवास से शारीिरक और मानिसक शुद्िध होती है। अटमी या नवमी क े िदन नौ कयाओं को आमंित कर उह भोजन कराएं और उपहार द। कया पूजन से मां दुगा अयंत सन होती ह। नवराि क े दौरान यान और साधना का िवशेष महव है। मां दुगा का यान
करने से मानिसक शांित ात होती है। नवराि क े दौरान दान करने से पुय की ाित होती है। जरतमंद को अन, व, या धन का दान कर। शारदीय नवराि म या न कर HinduNidhi.Com नवराि क े दौरान अहंकार, ोध और नकारामक िवचार से बचना चािहए। मन को शांत और संयिमत रखना चािहए। नवराि क े समय मांसाहार, मपान, लहसुन और याज का सेवन नहीं करना चािहए। शु सािवक भोजन कर। सय बोल और िकसी भी कार क े छल, कपट या धोखाधड़ी से दूर रह। मां दुगा की क ृ पा पाने क े िलए ईमानदारी से जीवन जीएं। पूजा क े दौरान मोबाइल फोन या अय िकसी काम से यान न भटकाएं। पूरी ा और एकागता क े साथ पूजा कर। नवराि क े दौरान िकसी से भी कठोर या अिय शद का योग न कर। सभी से ेम और सौहाद से बात कर। ऐसे कायों से बच जो समाज या िकसी यित क े िलए नुकसानदायक ह। माता की आराधना म सय और धम का पालन करना आवयक है। Shardiya Navratri क े साथ जुड़े मुख योहार Shardiya Navratri क े साथ दुगा पूजा, दशहरा और गरबा भी जुड़े हुए ह, जो अलग-अलग राय म िवशेष महव रखते ह।
दुगा अटमी: शारदीय नवराि क े आठव िदन दुगा अटमी का योहार मनाया जाता है। इसे महाटमी भी कहा जाता है। इस िदन मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस िदन कया पूजन का िवशेष महव होता है। महानवमी: नवमी का िदन मां िसद्िधदाी को समिपत होता है। महानवमी क े HinduNidhi.Com िदन वत का समापन िकया जाता है और मां दुगा की आराधना क े साथ भोग अपण िकया जाता है। दशहरा (िवजयादशमी): शारदीय नवराि क े अंितम िदन दशहरा या िवजयादशमी का पव मनाया जाता है। यह योहार बुराई पर अछाई की जीत का तीक है। इस िदन भगवान राम ने रावण का वध िकया था। रावण दहन क े प म यह पव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। दुगा िवसजन: दुगा पूजा क े अंितम िदन, िवशेष प से बंगाल म, दुगा ितमा का िवसजन िकया जाता है। इसे देवी दुगा को िवदाई देने का प माना जाता है और इसे बड़े उसाह और भित क े साथ िकया जाता है। गरबा और डांिडया: शारदीय नवराि क े दौरान गुजरात और महाराट म गरबा और डांिडया का आयोजन िकया जाता है। रात म मां दुगा की आराधना क े बाद डांिडया और गरबा क े नृय का आनंद िलया जाता है, जो इस पव का सांक ृ ितक िहसा है। Shardiya Navratri क े लाभ शारदीय नवराि की पूजा करने से अनेक आयािमक और भौितक लाभ ात होते ह:
माता की उपासना से मन और आमा को शांित िमलती है। भत का मानिसक संतुलन बढ़ता है और जीवन की किठनाइय म िथरता आती है। घर म कलश थापना और अखंड योित जलाने से घर का वातावरण पिव और सकारामक ऊजा से भर जाता है। HinduNidhi.Com मां लमी क े प म दुगा की पूजा से घर म धन और समृद्िध का वास होता है। दुगा सतशती का पाठ करने से जीवन क े सभी संकट दूर होते ह और हर कार की नकारामक ऊजा का नाश होता है। वत रखने से शरीर को शुद्िध िमलती है और मानिसक शांित भी ात होती है। नवराि क े दौरान पिरवार क े सभी सदय िमलकर पूजा करते ह, िजससे पिरवार म एकता और ेम बढ़ता है। इस कार, शारदीय नवराि की पूजा िविध को िविधपूवक करने से जीवन म सुख, शांित, समृद्िध और आयािमक उथान की ाित होती है। FAQ (सामाय न) Shardiya Navratri का ारंभ कब होता है Shardiya Navratri 2024 का ारंभ 3 अटूबर 2024 को होगा। नवराि क े दौरान कौन से योग बन रहे ह? इस वष गु और चंदमा की िवशेष िथित क े कारण पूजा क े िलए िवशेष योग बन
रहे ह। नवराि म कौन-कौन से वत िकए जाते ह? नवराि क े दौरान उपवास रखने का िवशेष महव है। भत नौ िदन तक फलाहार HinduNidhi.Com करक े वत रखते ह। या नवराि क े दौरान याा कर सकते ह? हाँ, लेिकन याा क े दौरान धािमक िनयम का पालन करना चािहए और अपने उपवास का यान रखना चािहए। Shardiya Navratri का समापन कब होता है? Shardiya Navratri का समापन 12 अटूबर 2024 को िवजयादशमी क े िदन होगा। Read This Online Shardiya Navratri 2024 – या है इस नवराि का िवशेष योग जान शुभ मुहूत और पूजा िविध
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