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हरिवंशिायबच्छनकीकववताओंसेविलतीहैहरिवंशिायबच्छनकीकववताओंसेविलतीहै पॉविविवविी बच्छनपरिवािकाइवतहासहिेशासेगौिवियीिहाहै।हरिवंश िायबच्छनकानाििबभीआताहै, तोउनकीवलखीिचनाओंकी ओिध्यानबिबसहीखखंचाचलािाताहै।आइए, इसलेखक े ज़रिएहिहरिवंशिायबच्छनकीकववताओंकोिानतेहैं, वहीं उसिेंविपीपॉविविवविीकोहावसलकितेहैं।
सतीशवसंह 10 January 2023 हरिवंशिायबच्छनकािन्ययूपीक ेप्रतापगढ़विलेिेंवर्ष 1907 िेंहुआथा। इन्ोंनेइलाहाबादववश्वववद्यालयिेंबतौिइंखिशप्रवक्ताक ेतौिपिकाि वकया।इसक ेबादइन्ोंनेआकाशवाणीिेंकािवकयाऔिविल्ोंक ेगीतभी वलखे।सबसेखासबातयहहैवकइन्ींकावलखागीतिंगबिसेभीगेचुनि वाली…कोनक े वलइनक ेबेिेवसदीक ेिहानायकअविताभबच्छननेगाया, बखिअवभनयकिलोगोंकावदलभीिीता।साल 1935 िेंिधुशालावलखनेक े बादइनकोसबसेज्यादाप्रवसखिविली। हरिवंशिायबच्छनकीिचनाओंकीबातकिेंतोिधुबाला, अंगािे, िधुकलश, सतिंगीनी, विलनदोचट्टानेभािती, एकांतसंगीत, वनशावनिंत्रण, खादीक ेि ू ल सवहतअन्रहैं।इनक ेवलखेगीतोंिेंआत्मकथाकीझलकदेखनेकोविलतीहै। इनक ेप्रवसिकाव्यसंग्रहकीबातकिेंतोउसिेंविलनयाविनी, िधुशाला, धाि
क ेइधि-उधिशाविलहैं।आइए, इसलेखिेंहिउनकीऐसीकववताओंक े बािेिेंपढ़ेंगे, विससेआिलोगोंकोिीवनिेंसंघर्षकिक ेनईऊ ं चाईयोंतक पहुंचनेकीप्रेिणाविलतीहै।इनकीवलखीकववताओंकाहिएकशब्दहििें िोशवऊिाषकासंचािकिताहै।हिहरिवंशिायबच्छनकीकववताओंिेंसे क ु िपंखक्तयांआपक ेवलएलाएंहैंऔिउसकाअथषसिझनेकीकोवशशकिेंगे, तावकउससेिीवनिेंपॉविविवविीहावसलकिसक ें । अग्निपथकग्नितासेग्निलतीहैहारनिाननेकीसीख तूनथक े गाकभी, तूनरुक े गाकभी, तूनिुडेगाकभी, किशपथ, किशपथ, किशपथ, अविपथअविपथअविपथ। हरिवंशिायबच्छनकीइसकववतासेहिेंयहीसीखविलतीहैवकिीवनिें यवदक ु िपानाहै, तोहिेंवबनाथक े , वबनारुक ेआगेबढ़तेिहनाहोगा।संकि क ेसािनेआनेपिउसकासािनाकिनाहोगातभीहिवज़ंदगीिेंसिलहो पाएंगे।येशपथहिेंखुदसेहीलेनाहोगा।इसकववतासेहिेंयहीसीखविलती हैवकिीवनिेंहिेंकभीभीहािनहींिाननाचावहए।ऊ ं चेइिादोंवहौसलोंक े दिपिहििोचाहेवोपासकतेहैं। जोबीतगई, सोबातगईसेग्निलतीहैआगेबढ़नेकीसीख िीवनिेंएकवसतािाथा िानावहबेहदप्यािाथा वहड ू बगयातोड ू बगया
अम्बिक ेआननकोदेखो वकतनेइसक ेतािेिूिे वकतनेइसक ेप्यािेि ू िे िोि ू िगएवििकहांविले पिबोलोिूिेतािोंपि कबअम्बिशोकिनाताहै िोबीतगईसोबातगई हरिवंशिायबच्छनकीइसकववतासेहिेंयहीसीखविलतीहैवकिीवनिें हिेशाआगेबढ़तेिानाहै।िीवनिेंकईअच्जेवबुिेएक्सपीरियंसकाभीहिें सािनाकिनापडेगा, लेवकनउन्ेंहंसकिपािकिनेिेंहीसच्छीसिलताहै। इसकाव्यक ेज़रिएहिेंयहसीखविलतीहैवकयवदहिनेकोईलक्ष्यतय वकयाऔिवकसीकािणसेहिउसेहावसलनकिपािहेहैं, तोउसक ेबािेिें शोकिनानेकीबिायहिेंआगेबढ़तेिहनेपिध्यानदेनाचावहए। चलिरदानेकग्नितासेजगतीहैदेशभक्तिकीललक चलििदाने, सीनाताने, हाथवहलाते, पांवबढ़ाते, िनिुस्काते, गातेगीत। एकहिािादेश, हिािा वेश, हिािीकौि, हिािी िंवज़ल, हिवकससेभयभीत। हरिवंशिायबच्छननेप्रेि, पॉविविवविी, िीवनक ेसंघर्षवप्रेिककववताएं वलखनेक ेसाथ-साथदेशभखक्तपिभीकववताएंवलखीहैं।इनकीवलखीकववता
चलििदाने…सेहििेंदेशभखक्तकीभावनािगतीहै।यहकववतास्वतंत्रताचलििदाने…सेहििेंदेशभखक्तकीभावनािगतीहै।यहकववतास्वतंत्रता सैनावनयोंिेंवयुवाओंिेंउसदौििेंिोशभिनेकाकािकिनेक ेसाथही आिभीदेशवावसयोंिेंदेशभखक्तकीभावनािगािहेहैं। कोग्नशशकरनेिालोोंकीकभीहारनहीोंहोती लहिोंसेडिकिनौकाकभीपािनहींहोती, कोवशशकिनेवालोंकीकभीहािनहींहोती।। नन्ीचीिीिबदानालेकिचलतीहै, चढ़तीदीवािोंपिसौबािविसलतीहै, िनकाववश्वासिगोंिेंसाहसभितेिाताहै, चढ़किवगिना, वगिकिचढ़नानअखिताहै, आखखिउसकीिेहनतबेकािनहींहोती, कोवशशकिनेवालोकीकभीहािनहींहोती।। हरिवंशिायबच्छनक ेकाव्यसंग्रहिेंयेकववताकािीखासहै।ऐसाइसवलए है, क्ोंवकइसकाव्यकाहिएकशब्दलोगोंिेंक ु िकिगुज़िनेकासाहस भिताहै।वहींइसेपढ़किहिेंयेसीखविलतीहैवकिोलोगकोवशशकितेहैं, वेिीवनिेंकभीभीहािकासािनानहींकितेहैं।इसवलएहिेंकोवशशकिने सेकभीभीबािनहींआनाचावहए।हिेशाकोवशशकितेिहनाचावहए।इस काव्यक ेसािकीबातकिें, तोविसप्रकािलहिोंसेिकिानेक ेबादहीनाव पािहोतीहै, उसीप्रकािकोवशशकिनेवालेलोगभीकभीहािनहींिानतेहैं। यहांकववनेलहिोंवचींिीकाउदाहिणदेतेहुएिीवनिेंक ु िकिगुज़िनेकी सीखदीहै।
िाोंपरकग्निता…सेिनहोताहैप्रफ ु क्तित आििेिावििसेिुस्क ु िानेकािनवकया। िांकीऊ ं गलीपकडकिघूिनेिानेकािनवकया।। उंगवलयांपकडकििांनेिेिीिुझेचलनावसखायाहै। खुदगीलेिेंसोकििांनेिुझेसूखेवबस्तिपेसुलायाहै।। वकसीकववनेबहुतखूबवलखाहैवकिांपिकववतावलखनाबहुतिुखिलहै। क्ोंवकिांपिकहनेकोइतनीसािीबातेंहैंविन्ेंकिसेकिशब्दोंिेंबयां किपानाहिवकसीक ेवलएिुिवकननहीं।लेवकनहरिवंशिायबच्छनकीये कववतािीलकापत्थिहै।इनकीवलखीइसकववताकोपढ़कििनप्रि ु खित होउठताहै।इसकववताकोपढ़किहिबच्छेक ेवदलिेंविपीिांक ेप्रवतस्नेह कोिानसकतेहैं।वहींबच्छेक ेपालन-पोर्णक ेवलएउनकीक ु बाषवनयोंकोभी सिझसकतेहैं। ग्नदनजल्दी-जल्दीढलताहै…सेग्निलतीहैचलतेरहनेकीप्रेरणा होिायनपथिेंिातकहीं, िंविलभीतोहैदूिनहीं यहसोचथकावदनकापंथीभीिल्दी-िल्दीचलताहै वदनिल्दी-िल्दीढलताहै। हरिवंशिायबच्छनकीइसकववतासेहिेंचलतेिहनेकीप्रेिणाहावसलहोती है।इसकववताक ेिरिएकववनेयेबतानेकीकोवशशकीहैवकिास्तेिेंचलते- चलते, लक्ष्यहावसलकिनेकीवदशािेंबढ़तेहुएिातभीहोिाएतोिंविलको
दूिनहींसिझनाचावहए।वहींिंविलपानेसेपहलेयवदउसक ेबािेिेंसोचा िाएतोलक्ष्यपानेकीकोवशशिेंतेिीआिातीहै।इसकववताक ेिरिएभी हिेंहिेशाचलतेिानेकीप्रेिणाविलतीहै।