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Apako naav ki keel ki anguthi ko baandkar shanivaar ko apni anamika angulee mein pehanna hai. Aisa karne se shani dev ka prakop kaam ho jaata hai. Saath hi apke kariyar, naukri, vyavsaay, aadi mein bhi kismat chamakane ke aasaar badh jaate hai.
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१०००८ म??? ?वारा अ?भमं??त/energised नाव क? क?ल क? अंगूठ? नाव क? क?ल क? अंगूठ? का रह?य
?यो?तष शा?? म? श?न देव को ?ूर ?ह माना जाता है, इसक? ि?थ?त से ?कसी भी ?यि?त का पूरा जीवन ?भा?वत होता है। श?न को ?यायधीश का पद ?ा?त है। यह हम? हमारे कम? का फल ?दान करता है। िजस ?यि?त क े जैसे कम? होते ह? उसी क े अनुसार उ?ह? फल क? ?ाि?त होती है। श?न साढ़ेसाती और ढै?या क े समय सबसे अ?धक ?भावी होता है। ?मा?यता: साढ़ेसाती और ढै?या क े समय अ?धकांश ?यि?तय? को परेशा?नय? का सामना करना पड़ता है। इनसे बचने क े ?लए सबसे ज?र? है ?क श?न देव क? आराधना और धा?म?क कम? कर?। श?न कृपा ?ाि?त क े ?लए एक स?टक उपाय बताया गया है नाव क? क?ल। नाव क? क?ल का छ?ला बनवाकर इसे ?म?डल ?फंगर म? श?नवार क े ?दन पहन?। यह एक स?टक उपाय है। श?न देव का ?कोप ?कसी पर पड़ जाए तो उसका जीवन क?ट? से भर जाता है। ?यि?त क े अ?छे –बुरे कम? का फल श?न देव ह? देते ह?। इस?लए ज?र? है ?क आप श?नदेव को ?सन रख? और भि?त भाव से उनक? पूजा कर?। श?न देव का ?कोप अ?यंत ह? भयंकर प?रणाम देता है। नाव क? क?ल क? अंगूठ? धारण करने से श?न क? साढ़ेसाती और ढै?या म? शुभ प?रणाम ?ा?त होते ह?। ?बगड़े काय? ?वत: ह? बन जाते ह?। सभी प?रणाम आपक े प? म? आने लगते ह?। लोहे क? क?ल श?न क? है । और जब यह? क?ल नाव म? लग जाती है तो कुछ और बन जाती है । चं? क े पानी पर यह नाव तैरती है। मंगल क े कटाव बहाव को चीरती आगे बढ़ती है । शु? क े ??कोण होते है नाव और क?ल म? और राहुका ह? तो है यह सारा सम?दर और जल?य जीव । यह समु?? नांव क? क?ल क? अंगूठ? (ring ) नीलम क? तरह बेहद असरकारक है । नीलम भी इसक े आगे कुछ नह?ं । पर इसको ?नमा?ण और धारण करने क े कुछ ?वशेष ?व?ध है । और जब यह सह? ढंग से तैयार हो जाती है तो शु?आत हो जाती है अपत???त सफलताएं और आ?चय? जनक ?प से हर मुसीबत , ?कसी भी परेशानी और ?लेश से छुटकारा आज श?नवार क े ?दन हम आपको बताते ह? श?नदेव को ?सन करने का महा उपाय -: इस समु?? नाव क? क?ल क? अंगूठ? श?नवार या श?न जयंती अथवा श?न अमाव?या क े ?वशेष ऊजा? काल क े ?दन ?बना अि?न मे तपाये बनाई जाती है। इसे ?तल्क े तेल म? 7 ?दन श?नवार से श?नवार तक रखा जाता है तथा उस पर श?न मं? क े 1008 जाप से ?स?ध तथा ?ाण ??ति?ठत करक े भेजा जाता है। श?नवार क े ?दन शाम क े समय इसे धारण कर?। यह अंगूठ? म?यमा (श?न क? अंगुल?) म? ह? पहन? तथा इसक े ?लए पु?य, अनुराधा, उ?रा, भा?पद एवं रो?हणी न?? सव??े?ठ ह?।
धारण करने क े बाद ??ा? क? माला से नीचे ?लखे ?कसी एक मं? क? कम से कम 5 माला जप कर? तथा श?नदेव से सुख-संप?? क े ?लए ?ाथ?ना कर?। य?द ??येक श?नवार को इस मं? का इसी ?व?ध से जप कर?गे तो शी? लाभ होगा। आज श?नवार क े ?दन हम आपको बताते ह? श?नदेव को ?सन करने का महा उपाय -: इस समु?? नाव क? क?ल क? अंगूठ? श?नवार या श?न जयंती अथवा श?न अमाव?या क े ?वशेष ऊजा? काल क े ?दन ?बना अि?न मे तपाये बनाई जाती है। इसे ?त?ल? क े तेल म? 7 ?दन श?नवार से श?नवार तक रखा जाता है तथा उस पर श?न मं? क े 1008 जाप से ?स?ध तथा ?ाण ??ति?ठत करक े भेजा जाता है। श?नवार क े ?दन शाम क े समय इसे धारण कर?। यह अंगूठ? म?यमा (श?न क? अंगुल?) म? ह? पहन? तथा इसक े ?लए पु?य, अनुराधा, उ?रा, भा?पद एवं रो?हणी न?? सव??े?ठ ह?। धारण करने क े बाद ??ा? क? माला से नीचे ?लखे ?कसी एक मं? क? कम से कम 5 माला जप कर? तथा श?नदेव से सुख-संप?? क े ?लए ?ाथ?ना कर?। य?द ??येक श?नवार को इस मं? का इसी ?व?ध से जप कर?गे तो शी? लाभ होगा।:- 1. य?द आपक? रा?श म? श?न अथवा राहुआ रहा है तो नांव क े क?ल क? अंगूठ? धारण कर सकते ह?। 2. अगर आप साढ़ेसाती से ??त हो तो नांव क े क?ल क? अंगूठ? धारण कर सकते ह?। 3. य?द आपक? रा?श का अढैया चल रहा हो नांव क े क?ल क? अंगूठ? धारण कर सकते ह?। 4. य?द आप श?न ?ि?ट से ??त एवं पी?ड़त हो तो नांव क े क?ल क? अंगूठ? धारण कर सकते ह?। 5. य?द आप कारखाना, लोहे से संब?ध उ?योग, ?ेवल, ?क, ?ांसपोट?, तेल, पे?ो?लयम, मे?डकल, ?ेस, कोट?-कचहर? से संबं?धत हो नांव क े क?ल क? अंगूठ? धारण कर सकते ह?। 6. य?द आप कोई भी अ?छा काय? करते हो तो नांव क े क?ल क? अंगूठ? धारण कर सकते ह?। 7. य?द आपका पेशा वा?ण?य, कारोबार म? ??त, घाटा, परेशा?नयां आ रह? ह? तो नांव क े क?ल क? अंगूठ? धारण कर सकते ह?। 8. अगर आप असा?य रोग क?सर, ए?स, कु?ठरोग, ?कडनी, लकवा, साइ?टका, ?दयरोग, मधुमेह, खाज-खुजल? जैसे ?वचा रोग से ??त तथा पी?ड़त हो तो आप ?ी श?नदेव क े नांव क े क?ल क? अंगूठ? धारण अव?य क?िजए। 9. जो ?यि?त बीमार? से ??सत ह? या िज?ह? बार-बार वाहन दुघ?टना का सामना करना पड़ रहा ह?, तो उ?ह? नांव क े क?ल क? अंगूठ? धारण करनी चा?हए, इससे रोग और दुघ?टना से ?नजात ?मलेगी। 10. िजन जातक? को कड़ी मेहनत क े बाद भी मनवां?छत फल ?ा?त नह?ं हो रहे ह?, उ?ह? नांव क े क?ल क? अंगूठ? धारण करना चा?हए तथा हर श?नवार अपने शर?र पर तेल क? मा?लश करनी चा?हए। इससे ?वा??य लाभ क े साथ-साथ ?क े हुए काम भी बनने लगते ह?।
य?द आपक? कुं डल? मे राहुअथवा क े तु नीच रा?श मे है, अशुभ ि?थ?त मे है तो राहुक े तु क? दशा अंतर दशा मे आपको नांव क े क?ल क? अंगूठ? अव?य धारण करना चा?हए। धारण करने क? ?व?ध :- श?नवार को सायं अंगूठ? को ?तल क े तेल म? डुबोकर श?न क े शां?त मं? का (ॐ ?ां ?ीं ?? सः शनै?चराय नमः) जाप करते हुए) धारण करना चा?हए . इस काय? क े ?लए गंगा/ सरयू नद? ( िजस नद? को बनवास जाते समय भगवान राम ने सीता माता एवं ल?मण क े साथ पार ?कया था क े वट ना?वक ?वारा ) मे चलने वाल? नाव क? क?ल क? अंगूठ? /छ?ला सव?तम है गंगा/ सरयू नद? पर चलने वाल? नाव क? क?ल क? अंगूठ? Aur Jaanne ke liye: https://swatiastroresearchcentre.com/naav-ki-kil-ki-anguthi-15