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सर्दियों में बालों की देखभाल के लिए आयुर्वेदिक तेल – नीलीभृंगादि तैलम

Experience the nourishing benefits of Punarvasuu2019s Neelibhringadi Tailam, crafted with Ayurvedic herbs to prevent dryness, promote hair growth, and maintain healthy, lustrous hair during winter.

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सर्दियों में बालों की देखभाल के लिए आयुर्वेदिक तेल – नीलीभृंगादि तैलम

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Presentation Transcript


  1. सर्दियों में बालों की देखभाल के लिए आयुर्वेदिक तेल – नीलीभृंगादि तैलम

  2. सर्दियों के ठंडे मौसम में बालों की सही देखभाल करना एक चुनौती हो सकती है। इस मौसम में बालों में रूखापन, डैंड्रफ और बाल झड़ने जैसी समस्याएँ आम होती हैं। सर्दियों में हवा ठंडी और शुष्क होती है। इसका हमारी त्वचा और स्कैल्प पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इस मौसम में नमी कम होने से बालों में कई समस्याएँ होने लगती हैं जैसे की बालों में रूखापन, डैंड्रफ  या रूसी, दोमुहे बाल, बालों का झड़ना, टूटना, सफ़ेद होना आदि। इन समस्याओं के उपचार या निरोध के लिए ज़रूरी है बालों की सेहत बनाये रखना। सर्दियों में बालों की देखभाल (winter hair care)के लिए प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उत्पादों को चुनना अधिक लाभदायी है। आयुर्वेदिक उत्पाद कठोर रसायनों के बजाय प्राकृतिक जड़ी-बूटियाँ से बनते हैं। इसलिए वे नाज़ुक स्कैल्प पर नरमी से काम करते हैं और बालों के पोषण और विकास को बढ़ावा देते हैं। नीलीभृंगादी तैलम ऐसा ही एक आयुर्वेदिक तेल है, जो बालों की समस्याओं को प्राकृतिक रूप से ठीक करता है। इसके नियमित उपयोग से बालों में नमी बढ़ती है, बालों की बनावट में सुधार होता है, और समय के साथ बालों का गिरना और झड़ना भी कम हो जाता है। • सर्दियों में बाल क्यों झड़ते हैं? • आपने देखा होगा की हवा ठंडी होते ही बाल झड़ना अक्सर बढ़ जाता है। पर ऐसा क्यों होता है? सर्दियों में बालों के झड़ने के मुख्य कारण हैं: • पर्यावरण का प्रभाव • मौसम में होते बदलाव का असर सिर्फ बालों पर ही नहीं बल्कि स्कैल्प और जड़ों पर भी होता है। सर्द वातावरण में बालों में नमी कम हो जाती है। हमारी स्कैल्प भी रूखी और परतदार हो जाती है। सर तक खून का प्रवाह भी कम हो जाता है, जिससे बालों की जड़ों तक पोषण नहीं पहुँच पाता और जड़ें कमज़ोर होने लगती है। कमज़ोर जड़ों के कारण बालों का गिरना भी बढ़ जाता है। • शरीर में कौन सी कमी के कारण बाल झड़ते हैं? • नमी के अलावा बालों के स्वास्थ्य के लिए पोषण भी बहुत आवश्यक है। कुछ ज़रूरी पोषक तत्त्व जैसे की प्रोटीन, आयरन, बायोटिन, फोलिक एसिड, विटामिन डी आदि बालों को मज़बूती देते हैं और उनके विकास में मदद करते हैं। यदि शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी हो जाए तो बाल कमज़ोर होकर झड़ने लगते हैं। हमारे शरीर को अधिकतम पोषण खाने से मिलता है। इसलिए इन पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए संतुलित आहार लेना आवश्यक है। साथ ही साथ नियमित तेल मालिश, संभवतः किसी उत्तम आयुर्वेदिक तेल (ayurvedic hair oil) से मालिश, भी स्कैल्प और बालों के लिए अत्यंत लाभदायी हो सकती है।

  3. सर्दियों में बालों की देखभाल के लिए आयुर्वेदिक तेल – नीलीभृंगादि तैलम • डैंड्रफ होने के कारण • डैंड्रफ या रुसी भी बालों के झड़ने का एक मुख्य कारण है। लेकिन ये डैंड्रफ क्यों होता है? ठंडे वातावरण में स्कैल्प शुष्क होने से डैंड्रफ हो सकता है। इसके अतिरिक्त पोषण की कमी और फंगल संक्रमण के कारण भी डैंड्रफ हो सकता है। • महिलाओं के बाल झड़ने के कारण • वैसे तो बालों का झड़ने में लिंग या जाती का भेद नहीं होता। किन्तु महिलाओं और पुरुषों में बालों के गिरने के कारण में भेद हो सकता है। अधिकतर महिलाओं के बाल झड़ने के कारण हैं हार्मोनल असंतुलन, तनाव, मनो अवसाद, और प्रसवोत्तर में पोषण की कमी। गर्भावस्था, प्रसवोत्तर, और मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं के शरीर में हॉर्मोन के बदलाव होना सामान्य है। कुछ थायरॉइड जैसी बिमारियों में भी हॉर्मोन्स असंतुलित हो सकते है, जिससे बालों का गिरना बढ़ जाता है। इसी तरह अधिक तनाव या मनो अवसाद जैसी मानसिक स्थिति में भी बालों का गिरना बढ़ जाता है। • पुरुषों के बाल झड़ने के कारण • होर्मोनल बदलाव पुरुषों में भी देखा जाता है जिससे बाल झड़ना बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त, ध्रूम्रपान या अस्वस्थ जीवन शैली रखने वाले पुरुषों में भी बालों का गिरना कई बार जल्दी से होने लगता है। पुरुषों के बाल झड़ने के का एक और मुख्य कारण एंड्रोजेनिक एलोपेसिया हो सकता है जिसे मेल पैटर्न गंजापन भी कहते हैं। इसमें आम तौर पर बालों का झड़ना कान के ऊपर से शुरू होता है और सर के आगे के भाग तक जाते हुए “M” आकार बनाता है। इस तरह के गंजेपन में सिर के शीर्ष पर भी बाल पतले हो सकते हैं। • सर्दियों में बाल झड़ने की समस्या को कैसे रोके? • आयुर्वेदिक उपचार में बालों का झड़ना रोकने (ayurvedic treatment for hair fall) के लिए आवश्यक है उनके गिरने के कारणों का निवारण करना। जैसे की हमने जाना, बाल झड़ने के मुख्य कारण हैं स्कैल्प का रूखापन, जड़ों की कमज़ोरी, हॉर्मोन्स का असंतुलन, और ज़रूरी पोषण की कमी। इसलिए सबसे ज़रूरी है शरीर में पोषण और नमी को बढ़ाना। संतुलित आहार लेने और आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स जैसे की पुनर्वसु की ब्राह्मी वटी या भृंगराज घनवटी का सेवन करने से बालों को ज़रूरी पोषण और मज़बूती मिल सकती है। साथ ही साथ बालों का नियमित ध्यान रखना भी उतना ही आवश्यक है:

  4. सर्दियों में बालों की देखभाल के लिए आयुर्वेदिक तेल – नीलीभृंगादि तैलम • नीलीभृंगादि तैलम – सर्दियों में बालों के लिए आयुर्वेदिक तेल (Ayurvedic Hair Oil) • नीलीभृंगादि तैलम एक प्रख्यात आयुर्वेदिक तेल है जो नीली, भृंगराज, अमला, यष्टिमधु, गूंजा, दारुहरिद्रा, इंद्रवारुणी जैसी गुणकारी जड़ी-बूटियों और तल तेल, नारियल तेल, जो दुग्ध, अजा दुग्ध, भैंस दुग्ध जैसे प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र्स के मिश्रण से बना है। यह बालों की जड़ों तक जाकर नमी और शक्ति प्रदान करता है। नीली, भृंगराज, आमला जैसी औषधियों महत्वपूर्ण पोषक तत्त्व होते हैं जो बालों को घने, लम्बे, मुलायम, और मज़बूत बनाने में बहुत लाभदायी हैं। नीलीभृंगादि तैलम से नियमित स्कैल्प मालिश करने से स्कैल्प में रक्त संचारण सुधरता है जिससे स्कैल्प का सूखापन घटता है और जड़ें मज़बूत होती हैं। जड़ों की शक्ति बढ़ने से बालों का झड़ना, टूटना, और गिरना कम होता है। यह तेल स्कैल्प और बालों की खोई नमी लौटाता है, डैंड्रफ कम करता है, और सेहत बढ़ाता है। • विंटर हेयर केयर टिप्स • सर्दियों में बालों की सही देखभाल और बालों का झड़ना रोकने के लिए आयुर्वेद में कई उपाय हैं जो आपके बालों को पूर्णतः स्वस्थ रखने में सहायता करते हैं।  ऐसी ही कुछ विंटर हेयर केयर (winter hair care) टिप्स हैं: • बालों को सूखने के बाद ही सुलझाना चाहिए। इसके लिए एक चौड़े दांतों वाली कंघी का उपयोग करना चाहिए, इससे बाल कम गिरते हैं। • केमिकल युक्त उत्पादों की जगह नेचुरल आयुर्वेदिक शैम्पू से बाल धोएँ। शैम्पू बनाने के लिए आमला, अरीठा, और शिकाकाई को रात भर पानी में भिगोये रखें। सुबह इस पानी को उबालें। ठंडा होने पर इसी पानी से बाल धोएँ। इस मिश्रण में नीम की पत्तियाँ डाल कर उबालने से डैंड्रफ भी कम हो सकता है। नीम एंटीबैक्टीरियल है इसलिए यह स्कैल्प के जीवाणुओं को मारता है। यह डैंड्रफ का आयुर्वेदिक इलाज है जो स्कैल्प और बालों की सेहत बढ़ाता है। • नियमित आयुर्वेदिक तेल से मालिश करें जैसे की पुनर्वसु के निलीभृंगादी तैलम, आँवला तेल, ब्राह्मी तेल, भृंगराज तेल, जासूद तेल आदि। • पौष्टिक आहार का सेवन करें जिसमे अधिक मात्रा में प्रोटीन, आयरन, बायोटिन, विटामिन डी, सी,ए, फोलिक एसिड आदि हो। • अपने डॉक्टर की सलाह लेकर विटामिन E और बायोटिन सप्लीमेंट्स का सेवन करें। • हर हफ्ते बालों के लिए लाभकारी आयुर्वेदिक औषधियाँ जैसे की आँवला, नीम, जासूद, शिकाकाई, त्रिफला, और मेथी का लेप बनाकर बालों में लगाएँ। • मानसिक तनाव से भी बालों का झड़ना बढ़ सकता है। तनाव को कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें।

  5. Couclusion • हम अक्सर सर्दी के मौसम में बालों में होती समस्याओं जैसे की रूखापन, झड़ना, डैंड्रफ, आदि से परेशान रहते हैं। निलीभृंगादी तैलम जैसे आयुर्वेदिक उत्पाद सर्दियों में बालों की देखभाल करने और समस्याओं को दूर करने के लिए बेहद प्रभावी हैं। यह आयुर्वेदिक तेल स्कैल्प में जाकर बालों की जड़ों को मज़बूत करता है जिससे बालों का झड़ना और टूटना कम होता है और बाल घने, मुलायम, और सुन्दर बनते हैं। केमिकल युक्त उत्पादों की जगह प्राकृतिक उपायों और सही जीवनशैली से बालों को लंबे समय तक स्वस्थ और मजबूत रखा जा सकता है। सर्दियों की ठण्ड जब बालों की नमी सोख लेती है तब उन्हें नमी लौटाने और स्वस्थ और घने बनाने के लिए पुनर्वसु का निलीभृंगादी तैलम उत्तम विकल्प है। तो आज ही इस तेल को अपने विंटर हेयर केयर रूटीन में शामिल करें और सर्दियों का खुलकर मज़ा लें!  • क्या आप बालों की समस्याओं का विशेष और स्थायी इलाज ढूँढ रहे हैं? पुनर्वसु में, हम आपके लिए लाए हैं पूर्वजों के ज्ञान से बने प्राकृतिक आयुर्वेदिक उत्पाद। आज ही हमारे आयुर्वेदिक हेयर केयर कॉम्बो (Hair care combo) को आज़माएँ और खुद फर्क महसूस करें!

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