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वायुदाब एवं वायुमंडलीय प?रसंचरण िजनक े क ? ? म? उ?तम वायुदाब होता है। 'उ? दाब' और 'िन? दाब ' श? आमतौर पर िकसी िविश? मान को नहीं दशा?ते ह?, ब?? इनका ?योग सापेि?क ?प से िकया जाता है। 1. वायुदाब का िवतरण पृ?ी क े धरातल पर वायुमंडलीय दाब का िवतरण एक समान नही है। इसम? उ?ा?धर तथा ?ैितज दोनों ?कार की िभ?ताएँ ?ि?गोचर होती ह?। (i) वायुदाब का उ?ा?धर िवतरण ऊ ँ चाई क े साथ वायुदाब म? सदैव कमी आती है, लेिकन इसक े घटने की दर एकसमान नहीं होती है। यह दर वायु क े घन?, पवन संचार, पृ?ी क े घूण?न, तापमान, जलवा? की मा?ा तथा गु??ाकष?ण श?? जैसे प?रवत?नशील कारकों पर िनभ?र करती है। धरातल क े िनकट, वायु क े घन? म? कमी आने क े कारण वायुमंडलीय दाब ऊ ँ चाई क े साथ तेजी से घटता है, लेिकन अिधक ऊ ँ चाई पर इसकी ?ास दर म? कमी आ जाती है। वायुम?लीय दाब तापमान क े साथ ही वायुदाब का मौसम और जलवायु क े अ? कारकों क े साथ घिन? संबंध है। तापमान म? अंतर वायु क े घन? म? प?रवत?न लाता है, िजसक े कारण वायुदाब म? प?रवत?न होते ह?। वायुदाब म? यही प?रवत?न वायु म? ?ैितज गित उ?? करते ह?, िजसे हम पवन कहते ह?।पवन?, ऊ?ा और आ??ता क े पुनिव?तरण को संभव बनाकर वायुमंडलीय प?रसंचरण को िनयंि?त करती ह?। िविभ? ?कार की जलवायु और जलवायु ?देशों म? भी वायुदाब और पवन की िदशाएँ िविश? ?कार की होती ह?। इसिलए, वायुमंडलीय दाब को मौसम क े पूवा?नुमान क े िलए एक मह?पूण? सूचक माना जाता है। पृ?ी की सतह पर वायु ?? ?ारा दबाव डाला जाता है। मा? समु?तल से वायुमंडल की अंितम सीमा तक एक इकाई ?े?फल क े वायु ?? क े भार को वायुमंडलीय दाब कहते ह?। वायुदाब को मापने की इकाई िमलीबार तथा पा?ल ह?। सामा? दशा म? समु? तल पर वायु दाब पारे क े 76 से?ीमीटर अथवा 760 िमलीमीटर ऊ ँ चे ?? ?ारा पड़ने वाले दाब क े बराबर होता है। वायुदाब को मापने क े िलए पारद वायुदाबमापी (Mercury barometer) एवं िन??व बैरोमीटर (Aneroid barometer) का ?योग िकया जाता है। ऋतु मानिच?ों म? वायुदाब का ?ैितज िवतरण समदाब रेखाओं क े ?ारा ?दिश?त िकया जाता है। समदाब रेखाएँ सागर तल पर समान वायुदाब वाले ?थानों को िमsलाने वाली क??त रेखाएँ होती ह?। वायुदाब म? प?रवत?न क े ?ारा ही पवनों की उ?ि?, वेग एवं िदशा िनधा??रत होती है। पवन सदैव उ? वायुदाब ?े? से िन? वायुदाब ?े? की ओर ?वािहत होती है। पवनों का वेग दाब ?वणता की ती?ता पर िनभ?र करता है। दाब ?वणता िजतनी अिधक होती है, पवन की गित भी उतनी ही अिधक होती है। िन? वायुदाब ?णाली एक या अिधक समदाब रेखाओं से िघरी होती है िजनक े क ? ? म? िन?तम वायुदाब होता है। उ? दाब ?णाली म? भी एक या अिधक समदाब रेखाएँ होती ह? https://yojnaias.com/ 1
?े?ीय च?र? है िजसक े कारण वायुदाब किटबंधों का िनमा?ण होता है। ?ैितज िवतरण को समदाब रेखाओं की सहायता से ?दिश?त िकया जाता है। पृ?ी क े धरातल पर चार मु? वायुदाब किटबंध है। ये ह?: िवषुवतीय या भूम?रेखीय िन?-वायुदाब किटबंध, उपो? उ? वायुदाब किटबंध, उप?ुवीय िन? वायुदाब किटबंध तथा ?ुवीय उ? वायुदाब किटबंध | िन? वायुमंडल म? वायुदाब की ?ास दर ??ेक 10 मीटर की ऊ ँ चाई पर 1 िमलीबार होती है। समु? तल से लगभग 5 Km की ऊ ँ चाई पर वायुदाब की मा?ा, समु?तल पर वायुदाब की तुलना म? लगभग आधी हो जाती है। ऊ?ा?धर दाब ?वणता ?ैितज दाब ?वणता की अपे?ा अिधक होती है। ऊ?ा?धर दाब ?वणता अिधक होने क े बावजूद, हम श??शाली ऊ?ा?धर पवनों का अनुभव नहीं करते ह? ?ोंिक यह िवपरीत िदशा म? काय?रत गु??ाकष?ण बल से ?ितसंतुिलत हो जाती है।ss (ii) वायुदाब का ?ैितज िवतरण पवनों की िदशा और वेग क े संदभ? म? वायुदाब म? अ? अंतर भी मह?पूण? है। इस संदभ? म? ऊ?ा?धर उ? दाब ?वणता क े िवपरीत, िन? ?ैितज दाब ?वणता ब?त अिधक मह?पूण? है। उ?री गोलाध? म? वायुदाब क े िवतरण म? मौसमी िवरोधाभास अिधक ??तया ?ि?गोचर होते ह? तथा दि?णी गोलाध? म? सभी ?थानों पर वायुदाब क े औसत िवतरण म? कम िभ?ता िदखाई देती है । यह अ?र दोनों गोलाध? म? ?थल तथा जल क े असमान िवतरण क े कारण उ?? होता है। दि?णी गोलाध? म? महासागरीय भागों की अिधकता क े कारण तापमान और वायुदाब दोनों म? अिधक समता होती है। 2. पवन की िदशा व वेग को ?भािवत करने वाले कारक वायुमंडलीय दाब क े अ?ांशीय िवतरण को वायुदाब का ?ैितज िवतरण कहते ह?। इसकी मु? िवशेषता इसका https://yojnaias.com/ 2
?ैितज ?प से गितशील वायु को पवन (Wind) कहते ह? जबिक ऊ?ा?धर ?प से गितशील वायु वायुधारा (Air current) कहलाती ह?। पवन एवं वायु धाराएँ वायुमंडलीय संचरण क े िलए उ?रदायी ह?। पृ?ी की घूण?न गित क े कारण धरातल पर वायुदाब म? कािलक एवं ?थािनक प?रवत?न होते रहते ह?। इन प?रवत?नों को संतुिलत करने क े िलए पवन? उ?दाब से िन?दाब की ओर ?वािहत होती ह?। भूतल पर धरातलीय िवषमताओं क े कारण ?वािहत पवनों तथा धरातल क े म? घष?ण भी पैदा होता है, जो पवनों की गित को ?भािवत करता है। पृ?ी क े धरातल पर ?ैितज पवन? िन?िल?खत तीन ?मुख कारकों का संयु? प?रणाम ह? : oदाब ?वणता oघष?ण बल oको?रऑिलस बल इसक े अित?र?, गु??ाकष?ण बल भी पवनों क े ?वाह को ?भािवत करता है। (i) दाब ?वणता (Pressure Gradient) वायुमंडलीय दाब ?वणता पवन ?वाह क े िलए ?ाथिमक कारक होता है। दो ?थानों क े म? वायुदाब म? प?रवत?न की दर दाब ?वणता कहलाती है। दाब ?वणता बल हमेशा बैरोमेिट?क ढाल अथा?त् कम होते ?ए वायुदाब की ओर होती है, िजससे पवन का ?वाह मु? ?प से उ? वायुदाब से िन? वायुदाब वाले ?े?ों की ओर होता है। पवन वेग दाब ?वणता क े समानुपाती होता है। यिद क े वल दाब ?वणता बल ही वायु ?वाह क े िलये उ?रदायी हो तो पवनों की िदशा समदाब रेखाओं की समकोण िदशा पर होगी। हालाँिक, क ु छ अ? कारकों क े ?भाव से, पवन? समदाब रेखाओं को समकोण पर न िमलकर ?ून कोण पर िमलती ह?। पृ?ी क े अपने अ? पर घूण?न क े कारण वायु की िदशा म? िव?ेप या िवचलन हो जाता है। वायु की िदशा को िव?ेिपत करने वाले इस बल को को?रऑिलस बल कहते ह?। को?रऑिलस बल क े ?भाव से पवन? उ?री गोलाध? म? अपनी मूल िदशा से दािहनी ओर एवं दि?णी गोलाध? म? बाईं ओर िव?ेिपत हो जाती ह?। को?रऑिलस बल की ती?ता पवनों क े वेग तथा अ?ांशों क े अनुसार बदलती रहती है। जब पवनों का वेग अिधक होता है, तब िव?ेपण भी अिधक होता है। इसी ?कार, भूम?रेखा से बढ़ती दूरी क े साथ िव?ेपण की दर भी बढ़ती जाती है। िवषुवत् वृ? पर को?रऑिलस बल शू? और ?ुवों पर सवा?िधक होता है। को?रऑिलस बल दाब ?वणता क े समकोण पर काय? करता है। दाब ?वणता िजतनी अिधक होगी, पवनों का वेग उतना ही अिधक होगा। इसक े कारण को?रऑिलस बल क े ?भाव से पवनों की िदशा उतनी ही अिधक िव?ेिपत होगी। िवषुवत् वृ? पर को?रऑिलस बल शू? होने क े कारण पवनों म? िव?ेपण अनुप??थत होता है। यही कारण है िक िवषुवत् वृ? क े िनकट उ?किटबंधीय च?वात नहीं आते ह?। (iii) घष?ण बल धरातल ?ारा ?वािहत पवनों पर घष?ण बल आरोिपत होता है, िजससे पवनों का वेग और िदशा ?भािवत होते ह?। यह बल पवन ?वाह की िदशा क े िवपरीत काय? करता है, िजससे पवन क े वेग म? कमी आ जाती है। (ii) को?रऑिलस बल (Coriolis Force) https://yojnaias.com/ 3
असमान धरातल पर घष?ण का ?भाव अिधक होता है। समु? की सतह पर घष?ण ?ूनतम होता है। ऊ ँ चाई क े साथ घष?ण का ?भाव कम होता जाता है। धरातल से लगभग 1000 मीटर तक की ऊ ँ चाई वाले भाग को घष?ण ?र (Friction Layer) कहा जाता है। इसक े ऊपर वायुमंडल म? घष?ण बल का ?भाव नग? हो जाता है। (iv) अपक ? ?ीय बल पवन क े वेग को ?भािवत करने वाला एक अ? मह?पूण? कारक, पवन का अपक ? ?ीय बल होता है। जब पवन का माग? व?ाकार अथवा वृ?ाकार होता है, तब इस ?कार क े बल की उ?ि? होती है। अपक ? ?ीय बल पवनों क े वृ?ाकार पथ क े क ? ? से बाहर की ओर आरोिपत होता है और उनक े पथ म? िव?ेपण उ?? करता है। पवन का वेग तथा उसक े पथ की व?ता िजतनी अिधक होगी अपक ? ?ीय बल उतना ही अिधक होगा। (v) भूिव?ेपी पवन जब वायुदाब ?वणता बल तथा को?रऑिलस बल म? संतुलन ?थािपत हो जाता है, तब पवनों का ?वाह समदाब रेखाओं क े समानांतर हो जाता है। इस ?कार समदाब रेखाओं क े समानांतर चलने वाली पवनों को भूिव?ेपी (Geostrophic) पवन? कहते ह?। यह ??थित घष?ण बल क े ?भाव क े नग? होने एवं समदाब रेखाओं क े सीधे होने पर ही उ?? होती है। ?ायः पवन? पूण?तः भूिव?ेपी नहीं होती ह? ?ोंिक वायुदाब म? प?रवत?न होने क े साथ ही वायुदाब ?वणता बल तथा को?रऑिलस बल क े म? ?थािपत संतुलन िबगड़ जाता है। (3) वायुदाब पेिटयों का िवतरण भू-तल पर पाई जाने वाली वायुदाब ?व?था को उ?? करने वाले कारकों को ?थूल ?पs से दो वग? म? िवभािजत िकया जाता है: तापीय कारक एवं ग?ा?क कारक। धरातल पर इन कारकों ?ारा िविभ? उ? एवं िन? वायुदाब पेिटयों का िनमा?ण होता है। ये वायुदाब पेिटयाँ िन? ह?: (i) भूम?रेखीय िन? वायुदाब पेटी यह िन? वायुदाब पेटी भूम?रेखा क े दोनों ओर 10° उ?र और 10° दि?ण अ?ांशों क े म? ??थत है। इसकी ??थित ?थायी नहीं होती ह? तथा सूय? क े उ?रायण एवं दि?णायन होने क े साथ ही इस पेटी म? ?थानांतरण होता रहता है। इस पेटी म? सूया?तप की अिधक मा?ा उपल? होने क े कारण धरातल अ?िधक गम? रहता है िजससे वायु गम? होकर संवहनीय धाराओं क े ?प म? आरोिहत होती है। इस कारण यहाँ सदैव िन? दाब बना रहता है। चूँिक इसकी उ?ि? तापीय कारकों से होती है, इसिलए इसे तापज? िन? वायुदाब पेटी भी कहते ह?। इस ?े? म? धरातल पर पवन? अ?ंत मंद गित से एवं िनि?त िदशा म? ?वािहत नहीं होती ह?। इस कारण से इस पेटी को डोलड ? म (शा? ?े?) ?े? कहा जाता है। इस पेटी को अंतर- उ?किटबंधीय अिभसरण ?े? या इंटर- ट?ॉिपकल कनवज?? जोन (ITCZ) क े ?प म? भी जाना जाता है, ?ोंिक उपो? उ? वायुदाब पेटी से ?वािहत होने वाली ?ापा?रक पवन? यहाँ आकर अिभस?रत होती ह?। (ii) उपो? उ? वायुदाब पेटी दोनों गोलाध? म? 25° से 35° अ?ांशों क े म? उ? वायुदाब पेिटयाँ पाई जाती ह?। भूम?रेखीय िन? वायुदाब तथा उप?ुवीय िन? वायुदाब ?े?ों से आरोिहत वायु, पृ?ी की घूण?न गित क े ?भाव से, इन अ?ांशों म? अवतिलत होती है। इस कारण यहाँ उ? वायुदाब का िनमा?ण होता है। अतः इस पेटी की उ?ि? गितकीय कारकों से संबंिधत है। इन वायुदाब किटबंधों को 'अ? अ?ांश' (Horse Latitude) भी कहा जाता है। उ?री गोलाध? म?, धरातलीय भाग की उप??थित क े कारण यह पेटी अिधक अिनयिमत है। यहाँ उ? दाब क े वल सागरीय ?े?ों पर ही अलग कोिशकाओं या को? क े ?प म? होता है; सामा?तः भूिव?ेपी पवन? वायुमंडल क े ऊपरी भागों म? ही पाई जाती ह? ?ोंिक ऊपरी वायुमंडल म? पवन? धरातलीय घष?ण क े ?भाव से मु? होती ह? और मु?तः दाब ?वणता तथा को?रऑिलस बल से ही िनयंि?त होती ह?। धरातल क े िनकट घष?ण बल क े कारण भूिव?ेपी पवनों का िवकास नहीं हो पाता। https://yojnaias.com/ 4
इ?? अटलांिटक और ?शांत ?े? म? ?मशः अजोस? और हवाईयन को? कहा जाता है। (iii) उप?ुवीय िन? वायुदाब पेटी इस पेटी का िव?ार दोनों गोलाथ? म? 55° से 65° अ?ांशों क े बीच पाया जाता है। वष?भर तापमान कम होने पर भी यहाँ िन? वायुदाब होता है। उपो? और ?ुवीय उ? वायुदाब ?े?ों से आने वाली पवन? इस पेटी म? अिभस?रत होकर ऊपर की ओर आरोिहत होती ह?। इस कारण यहाँ िन? वायुदाब ?े? का िनमा?ण होता है। 22 िदसंबर को सूय? दि?णायन हो जाता है तथा मकर रेखा पर लंबवत् होता है, िजस कारण वायुदाब पेिटयाँ 5° से 10° दि?ण की ओर ?थानांत?रत हो जाती ह?। पुनः 21 माच? को सूय? क े भूम? रेखा पर लंबवत् होने क े कारण ये पेिटयाँ अपनी यथावत् ??थित आ जाती ह?। इस तरह ऋतु प?रवत?न क े साथ वायु पेिटयों म? ?थानांतरण होता रहता है। वायुदाब पेिटयों क े ?थानांतरण का सबसे अिधक ?भाव समशीतो? ?े?ों म? देखा जाता है। उपो? और ?ुवीय ?े?ों से आने वाली पवनों क े तापमान म? अिधक अंतर होता है। इस कारण इस पेटी म? च?वातीय दशा उ?? होती है। दि?णी गोलाध? म?, यह ?ून दाब पेटी महासागरीय उप??थित क े कारण अिधक ?? होती है और इसे उप-अंटाक ? िटक गत? भी कहा जाता है। लेिकन उ?री गोलाध? म?, 60° उ?री अ?ांश क े समानांतर अ?ंत शीतल वृहत ?थलीय भू-भाग है। इसिलए, इन ?थलों क े ऊपर दाब बढ़ जाता है। इस ?कार वायुदाब पेिटयों की िनरंतरता भंग हो जाती है। (iv) ?ुवीय उ? वायुदाब पेटी ?ुवीय ?े?ों म? िन? ताप क े कारण, वायु म? संक ु चन होता है एवं उसका घन? बढ़ जाता है। अतः यहाँ वष? भर उ? वायुदाब पाया जाता है। यह उ? वायुदाब उ?री ?ुव महासागर की तुलना म? अंटाक ? िटका महा?ीप क े ?थलीय ?े? पर अिधक ?? होता है। उ?री गोलाध? म?, उ? वायुदाब पेटी '?ुव तक क ? ि?त नहीं है, ब?? यह ?ीनल?ड से कनाडा क े उ?री भाग म? ??थत ?ीपों तक फ ै ली ?ई है। (5) वायुमंडल का सामा? प?रसंचरण धरातलीय सतह तथा ऊपरी वायुमंडल म? वायुदाब ?वणता क े कारण ?थानीय ?र से वैि?क ?र पर दैिनक, मौसमी एवं वािष?क ?प म? पवनों का गितशील होना वायुमंडलीय प?रसंचरण कहलाता है। वायुमंडल म? पवनों क े संचार की िदशा और ती?ता म? प?रवत?न होता रहता है। वायुमंडल म? पवन संचार को तीन ?ापक ?ेिणयों म? वग?क ृ त िकया जा सकता है:• (v) वायुदाब पेिटयों का मौसमी ?थानांतरण वायुदाब की पेिटयों म? ?थािय? नहीं होता है। पृ?ी की वािष?क गित क े कारण इसकी सूय? से संबंिधत ??थित म? प?रवत?न होता रहता है, िजस कारण वायुदाब पेिटयों म? भी ?थानांतरण होता रहता है। 21 जून को सूय? कक ? रेखा पर लंबवत् होता है, िजस कारण सभी वायुदाब पेिटयाँ (?ुवीय उ? वायुदाब को छोड़कर) उ?र िदशा म? 5° से 10° ?थानांत?रत हो जाती ह?। ?ाथिमक या दीघ?कािलक प?रसंचरणः इसक े अ?ग?त ?हीय पवन ?णािलयों को स??िलत िकया गया है, जो पृ?ी की सतह पर वायुदाब पेिटयों की सामा? ?व?था से संबंिधत ह?। ?हीय पवनों क े ?वाह क े ?ा?प को वायुमंडल का सामा? प?रसंचरण भी कहा जाता है। ?ाथिमक 23 िसतंबर को सूय? भूम? रेखा पर लंबवत् होता है, िजस कारण वायुदाब पेिटयाँ अपनी यथावत् ??थित म? आ जाती ह?। https://yojnaias.com/ 5
प?रसंचरण अ? प?रसंचरणों क े िलए ?ापक आधार तैयार करता है। इसम? प?रवत?नशील प?रसंचरण जैसे जेट ??ीम, वॉकर संचरण तथा ENSO को भी स??िलत िकया जाता है। ि?तीयक प?रसंचरणः इसम? च?वात, ?ितच?वात, मानसून आिद शािमल ह?। तृतीयक प?रसंचरणः इसम? सभी ?थानीय पवन? शािमल ह?, जो ?थानीय कारणों जैसे भू-आक ृ ितयों, समु?ी ?भाव आिद ?ारा उ?? होती ह?। इनका ?भाव िकसी िवशेष ?े? म? ही िदखाई देता है। (i) वायुमंडल का किटबंधीय ( ?ैितज ) प?रसंचरण ?हीय पवन? (Planetary Winds) ?ाथिमक या ?हीय पवन? उ? वायुदाब से िन? वायुदाब की ओर वष?भर ?वािहत होती ह?। वष? भर इनकी िदशा ?ायः एक समान रहती है, पर?ु इनक े ?े?ों म? मौसमी ?थानांतरण होता रहता है। इनका िवतरण स?ूण? ?ोब (महा?ीप और महासागर) पर होता है, िजस कारण इनको ?हीय पवन? कहा जाता है। ?ापा?रक पवन? (Trade winds), पछुआ पवन? (Westerlies) तथा ?ुवीय पवन? (Polar winds), ?हीय पवनों क े अंतग?त स??िलत की जाती ह?। िवषुवत् वृ? पर सूया?तप की अिधक मा?ा क े कारण वायु संवहन धाराओं क े ?प म? आरोिहत होती ह?। ये वायु धाराएँ ?ोभ सीमा तक आरोिहत होकर ?ुवों की तरफ ?वािहत होती ह?। पृ?ी की घूण?न गित क े कारण लगभग 30° उ?र एवं दि?ण अ?ांशों पर वायु एकि?त होकर अवतिलत हो जाती ह? और इस ?कार उपो? उ?दाब का िनमा?ण होता है। उपो? उ?दाब ?े? पर धरातल क े िनकट वायु का अपसरण होता है और यह िवषुवत वृ? की ओर ?ापा?रक पवनों क े ?प म? ?वािहत होती है। को?रऑिलस बल क े कारण, इनकी िदशा उ?री व दि?णी गोलाध? म? ?मशः उ?र-पूव? तथा दि?ण-पूव? हो जाती है। िवषुवत् वृ? क े दोनों तरफ से ?वािहत होने वाली ?ापा?रक पवन? अंतर उ?किटबंधीय अिभसरण Convergence Zone; ITCZ) म? अिभस?रत होती ह?। इस ?कार, धरातल से ऊपरी वायुमंडल तक एक पूण? को? (Cell) का िनमा?ण होता है । उ?किटबंधीय ?े? मे ??थत इस को? को हेडली को? ( Hadley Cell) कहा जाता है। उप?ुवीय िन? वायुदाब ?े? म? उपो? किटबंधीय उ? वायुदाब ?े? से आने वाली उ? पवनों एवं ?ुवों से आने वाली शीतल पवनों का अिभसरण होता है। इसक े फल??प उ? पछुआ पवन? शीतल एवं भारी ?ुवीय पवनों क े ऊपर आरोिहत होती ह?। आरोिहत वायु का क ु छ भाग ?ुवों की ओर तथा शेष भाग िवषुवत् रेखा की ओर मुड़ जाता है। इन पवनों का अवतलन उपो? उ?दाब पेटी और ?ुवीय उ? दाब पेटी पर होने से ?मशः फ े रल को? और ?ुवीय को? का िनमा?ण होता है। ?े? (Inter Tropical फ े रल को? क े अ?ग?त उपो? उ?दाब से उप?ुवीय िन? दाब की ओर धरातलीय पवन? चलती ह?। दोनों गोलाध म? इनकी िदशा पि?म से पूव? की ओर होती ह?। इ?? पछुआ पवन कहा जाता है। ?ापा?रक पवनों की अपे?ा पछुआ पवनों की िदशा और ती?ता अिधक प?रवत?नशील होती है। च?वातों और ?ितच?वातों क े साथ-साथ ?ुवीय वायु रािशयों https://yojnaias.com/ 6
का इस पवन sक े ?े? म? तेजी से आगमन होता है। पछुआ पवन शीतकाल म? अिधक सि?य हो जाती है। दि?णी गोलाध? म? ?थल की कमी क े कारण इनकी गित ती? होती है। इनकी ?चंडता क े कारण ही दि?ण गोलाध? म? इ?? 40° अ?ांशों क े पास गरजती चालीसा ( roaring forties), 50° दि?ण अ?ांश क े पास ?चंड पचासा (furious fifties) तथा 60° क े पास चीखता साठा (screaming sixties) आिद नामों से जाना जाता है। ?ुवीय को? क े अ?ग?त ?ुवीय उ?दाब से उप?ुवीय िन? दाब की ओर धरातलीय पवन? चलती ह?। उ?री गोलाध? म? इनकी िदशा उ?र-र-पूव? से दि?ण-पि?मी की ओर तथा दि?ण गोलाध? म? दि?ण-पूव? से उ?र-पि?म की ओर होती ह?। इसे ?ुवीय पूवा? पवन? (Polar Easterlies) कहा जाता है। (6) ?थानीय पवन? ( Local Winds) भूतल क े गम? व ठंडे होने म? िभ?ता तथा दैिनक व वािष?क च?ों क े िवकास से ब?त सी ?थानीय व ?े?ीय पवन? ?वािहत होती ह?। इनकी उ?ि? पूण?तः ?थानीय कारकों ?ारा होती है, इसिलए इ?? ?थानीय पवन? कहा जाता है। इनको दो ?मुख ?ेिणयों सामियक ?थानीय पवनों तथा ?े?ीय या ?ादेिशक ?थानीय पवनों म? वग?क ृ त िकया जा सकता है। ये ?थानीय पवन? ?थान िवशेष क े मौसम तथा जलवायु म? मह?पूण? भूिमका िनभाती ह?। िव? क े अलग-अलग भागों म? पाई जाने वाली क ु छ ?मुख ?थानीय पवनों का संि?? िववरण िन?ानुसार है। (1) सामियक ?थानीय पवन? दैिनक ?र पर वायुदाब एवं तापमान म? प?रवत?न क े करण उ?? पवनों को इसक े अंतग?त स??िलत िकया जाता ह?। ?थल और सागर समीर, पव?त एवं घाटी समीर इसक े ?मुख उदाहरण है। मानसून पवन? बृहत् पैमाने पर भूम?लीय पवनतं? का ही लघु ?पांतरण ह?। (i) ?थल और सागर समीर (Land & Sea Breeze ) इन मंद वेग वाली ?थानीय पवनों की उ?ि? का मु? कारण जल तथा ?थल का असमान ?प से गम? और ठंडा होना है। इन तटीय पवनों की िदशा म? दैिनक प?रवत?न होता है। उ? अ?ांशों की तुलना म? उ?किटबंधीय ?े?ों म? जहाँ स?ूण? वष? तापमान अिधक बना रहता है, ती? और िनयिमत समीर का अनुभव होता है। ?थल और सागर समीर का िव?ृत िववरण नीचे तािलका म? िदया गया है। सागर समीर ?थल समीर िदन क े समय ?थल भाग, सागर की अपे?ा अिधक ती? से गम? हो जाते ह?। अतः ?थल से पवन? ऊपर को उठती ह? और िन? दाब ?े? बनता है, जबिक सागर अपे?ाक ृ त ठंडे रहते ह? और उन पर उ? वायुदाब बना रहता है। इससे सागर से ?थल की ओर दाब ?वणता उ?? होती है। राि? म?, ?थलीय भाग सागर की अपे?ा शी? ठंडा होता है, िजससे ?थलीय भाग पर उ? दाब बन जाता है, जबिक सागरीय भागों पर अपे?ाक ृ त िन? वायुदाब ?े? रहता है। इससे ?थल से सागर की ओर दाब ?वणता उ?? होती है। पवन? सागर से ?थल की तरफ, सागर समीर क े ?प म? ?वािहत होती ह?। पवन? ?थल से सागर की तरफ, ?थल समीर क े ?प म? ?वािहत होती ह?। ?ातः 4 से 5 बजे क े बीच सवा?िधक सि?य होती ह?। राि? म? ?थल एवं जल का तापा?र िदन की अपे?ा कम रहता है। ?ैितज एवं ऊ?ा?धर िव?ार अपे?ाक ृ त कम रहता है। ?थल और सागर समीर िदन म? 1 से 2 बजे क े बीच सवा?िधक सि?य होती ह?। सागर समीर का ?ैितज एवं ऊ?ा?धर िव?ार अपे?ाक ृ त अिधक रहता है। https://yojnaias.com/ 7
(ii) पव?त एवं घाटी समीर ?थानीय पवनों का एक अ? ?कार पव?त एवं घाटी समीर है, इनम? दैिनक प?रवत?न होता है। िदन क े समय पव?तीय ढाल अिधक तापमान क े कारण घािटयों से अिधक गम? हो जाते ह?। इसिलए, ढाल पर घािटयों क े िनचले भाग की अपे?ाक ृ त िन? वायुदाब हो जाता है। वायु ढाल क े सहारे ऊपर उठती है और इस ?थान को भरने क े िलए घाटी से पवन? ढाल की और ?वािहत होती है। इन पवनों को घाटी समीर (Valley Breeze) या एनाबेिटक पवन (Anabatic Winds) क े ?प म? जाना जाता है। घाटी समीर कभी-कभी पव?तीय चोिटयों क े पास कपासी ( Cumulus) मेघ का िनमा?ण करती है तथा वहाँ पर पव?तीय वषा? करती है। समझने क े िलए कोई िव?सनीय आधार नहीं ?दान कर पाती। मानसून की उ?ि? क े िवषय म? ??ुत वत?मान िस?ा?ों म? ?ोन क े िस?ा? क े ?प म? मा?ता ?ा? ?ई है। इनक े अनुसार मानसूनी तं?, नीचे धरातल पर तथा ऊपर ?ोभमंडल क े उ?री सं?र म? भी, भूमंडलीय और ?े?ीय कारकों की पार??रक ि?या का ही प?रणाम है। सूय? ?ारा पृ?ी को गम? करने वाली ?ि?या क े बदलते मौसमी ?ा?प क े कारण उ?री गोलाध? म? ?ी? म? उपो? उ? वायुदाब किटबंध और तापीय िवषुवत रेखा क ु छ उ?र की ओर ?खसक जाते ह?। एिशया म? ?थलख? क े ?भाव से यह ?खसकाव बड़े पैमाने पर होता है तथा दि?ण-पि?मी ?ी?कालीन मानसूनी पवनों का िनमा?ण होता है। शीत ऋतु म?, उपो? उ? वायुदाव किटबंध और तापीय िवषुवत रेखा दि?ण की ओर वापस लौट आते ह?। सामा? ?ापा?रक पवन च? िफर से ?थािपत हो जाता है। यही शीतकालीन उ?र-पूव? मानसूनी पवन है। राि? क े समय पव?तीय ढाल ठंडे हो जाते ह? और सघन पवन? घाटी म? नीचे की ओर उतरती ह?, िज?? पव?तीय समीर (Mountain Breeze) कहते ह?। उ? ढालों से घाटी म? बहने वाली इन ठंडी पवनों को अवरोही या क े टाबेिटक पवन? (Katabatic Winds) भी कहते ह?। (आगामी अ?ाय म? हम मानसून की ि?यािविध को िव?ार से समझ?गे) (2) ?े?ीय या ?ादेिशक ?थानीय पवन इनकी उ?ि? तापीय या गितक कारकों से होती है, िवशेष दशाओं म? पव?तीय अवरोध क े कारण भी ये िनिम?त हो सकती है। तापीय आधार पर इनको गम? तथा ठंडी पवनों म? वग?क ृ त िकया जा सकता है। िचनूक, फॉन, िम??ल, बोरा, लू, सांता अना आिद इनक े ?मुख उदाहरण ह?। (i) गम? ?थानीय पवन? ये उ? पवनों क े अिभवहन ( advection) से िनिम?त गम? ?थानीय पवन? होती ह?। इनकी उ?ि? ऊ ँ चाई वाले भागों से नीचे की तरफ अवतिलत होती पवनों क े गम? होने से भी हो सकती है। क ु छ ?मुख गम? पवन? िन? ह?: 'लू' एक गम? और शु? पवन है, जो मई और जून क े महीनों म? भारत क े उ?री मैदानों क े ऊपर अिधक श??शाली होती (iii) मानसूनी पवन मानसूनी पवनतं? की ?मुख िवशेषता मौसम क े अनुसार पवन की िदशा म? प?रवत?न से है। परंपरागत ढंग से मानसूनी पवनों की ?ा?ा एक बड़े पैमाने पर ?थल- समीर और समु? समीर क े ?प म? ही होती रही है। इस ?कार इ?? एक वृहत पैमाने पर संवहनी संचरण ही समझा जाता रहा है। दुभा??वश, यह ?ा?ा इस तं? की काय??णाली को ठीक से https://yojnaias.com/ 8
है। इसक े ?वाह की िदशा उ?र-पि?म तथा पि?म से पूव? की ओर होती है। इसका अनुभव सामा?तः दोपहर क े बाद होता है। इसका तापमान 45° से 50°C क े म? प?रवित?त होता रहता है। फॉन: आ?? पव?त क े पवन िवमुखी ढालों क े सहारे चलने वाली गम? तथा शु? ?थानीय पवनों को फॉन कहा जाता है। ?े?ीय दाब ?वणता पवनों क े पव?तों क े ऊपर आरोहण हेतु बल ?दान करती है। ढाल क े सहारे अवरोिहत होती पवन? कभी-कभी पवनो?ुखी ढाल पर वषा? भी करती ह?। पव?तीय चोटी को पार करने क े बाद, फॉन पवनिवमुख ढाल या उ?री ढाल क े सहारे अवतिलत होती है, िजस कारण यह गम? तथा शु? हो जाती है। इसक े आगमन से तापमान म? 15°C से 20°C की वृ?? हो जाती है। इसक े कारण बफ ? िपघलने म? मदद होती है, िजससे पशु चराई क े िलए चारागाह भूिम उपल? हो जाती है तथा अंगूर की फसल शी? पक जाती है। िचनूक: रॉकी पव?त क े पूव? ढालों क े सहारे चलने वाली गम? तथा शु? ?थानीय पवनों को संयु? रा? अमे?रका और कनाडा म? िचनूक कहते ह? । िचनूक का शा??क अथ? 'िहम भ?क' होता है, ?ोंिक इसक े आगमन से िहमचादर समय से पूव? िपघलने क े कारण शीतकाल म? भी हरी भरी घास? उग आती ह? तथा चारागाह वष? भर उपल? रहते ह?। इस ?कार ये पवन? पशुपालकों क े िलए काफी मददगार होती ह?। िसरोको: यह गम?, शु? तथा रेत से भरी पवन होती है, जो सहारा रेिग?ान म? उ?? होती है एवं सहारा से इटली की तरफ ?वािहत होती है। यह पवन ?ायः ??ेक मौसम म? चलती है परंतु बसंत काल म? सवा?िधक सि?य होती है और क ु छ ही िदनों म? समा? हो जाती है। भूम? सागर को पार करने क े बाद, िसरोको सागरीय नमी ?ारा ठंडी हो जाती है। शु?, ती? गित तथा धूलकण यु? होने क े कारण इन पवनों का वन?ित, क ृ िष तथा फलों क े बाग़ पर िवनाशकारी ?भाव होता है । इस पवन को ?ेन म? लेवेच, िम? म? खमिसन, एिजयन सागर ?े? म? घब?, लीिबया म? िगबली, ?ूनीिशया म? िचली आिद िविभ? नामों से जाना जाता है। हरम?न: यह सहारा रेिग?ान से ?वािहत होने वाली एक अित?च? गम? तथा शु? पवन है जो उ?र-पूव? अ?ीका से उ?र-पि?म अ?ीका क े ऊपर ?वािहत होती है। हरम?न क े आगमन पर मौसम शु? हो जाने क े कारण सुहावना एवं ?ा??द हो जाता है, ?ोंिक इससे वायुमंडल की आ??ता कम हो जाती है। इस कारण िगनी तट पर इस हवा को डॉ?र पवन भी कहा जाता है। ?ैक रोलर: उ?री अमे?रका क े िवशाल मैदान म? चलने वाली गम? एवं धूल भरी वायु को ?ैक रोलर कहा जाता है। िबन िफ?र: यह ऑ??ेिलया क े म??थलीय ?े?ों म? ?वािहत गम? एवं ती? वेग वाली शु? पवन है। सा?ा अना: क ै लीफोिन?या म? सा?ा अना घाटी म? ?वािहत गम?, शु? एवं रेतीली पवन है। इसक े कारण क ै लीफोिन?या म? फलों क े बगीचों को काफी नुकसान होता है। योमाः सा?ा अना क े समान पवन को ही जापान म? योगा कहा जाता है। जो?ा : अज?टीना म? ?वािहत उ? एवं शु? पवन। बा?ो: िफिलपींस म? ?वािहत उ? किटबंधीय च?वातीय पवन। (ii) ठंडी ?थानीय पवन? ठंडी ?थानीय पवन? शीतकाल म? िहम आ?ािदत पव?तों पर उ?? होती ह? और ढालों क े सहारे घािटयों की ओर ?वािहत होती ह?। इनम? से क ु छ मह?पूण? पवन? िन? ह?: िम??ल: यह आ?? पव?त पर उ?? होती है तथा रोन नदी की संकरी घाटी से होकर भूम? सागर क े उ?री-पि?मी भाग तथा ?ांस को ?भािवत करती है। यह ब?त ही ठंडी, शु? और उ? वेग वाली पवन है। इसक े आगमन पर तापमान िहमांक क े नीचे िगर जाता है। बोरा: यह भी एक शु? तथा अ?िधक ठंडी ?च? पवन है, जो िक एिड ? यािटक सागर क े उ?र- पूव? िकनारे पर ?वािहत होती है। यह महा?ीपीय यूरोप और भूम? सागर क े बीच दाब ?वणता म? अंतर क े कारण भी उ?? होती है। इसकी उ?ि? आम तौर पर सिद?यों म? होती है। कभी-कभी इसकी गित 150 िकलोमीटर ?ित घंटे तक प?ँच जाती है। ??जड?: ये िहम क े कणों से यु? ?ुवीय पवन? ह?। इससे साइबे?रयाई ?े?, कनाडा, संयु? रा? अमे?रका ?भािवत होता है। इन पवनों की गित कभी-कभी 160 िकमी ?ित घंटे तक प?ँच जाती है और तापमान िहमांक क े नीचे (-70° से??यस) तक प?ँच जाता है। ?स क े टु? ? ा ?देश एवं साइबे?रया ?े? म? ??जड? का ?थानीय नाम ?मशः पुरगा व बुरान है। बुरान (Buran): ?स एवं म?वत? एिशया म? ?वािहत होने वाली उ?रपूव? ?थानीय पवन को बुरान कहा जाता है। नाथ?र (Norther) : यह वा?व म? एक ?ुवीय पवन है जो अवरोध क े अभाव क े कारण दि?ण म? अमे?रका क े टे?ास https://yojnaias.com/ 9
एवं खाड़ी तटीय ?े?ों तक प?ँच जाती है। यह अ?ंत ही ठंडी, शु? एवं ?चंड वेग से ?वािहत होने वाली पवन है। पै?ेरो (Pampero): अज?टीना एवं उ??े क े प?ास ?े? म? दि?ण एवं दि?णपूव? से चलने वाली अ?ंत शीतल ?ुवीय पवन है। कभी-कभी ये पवन? च?वातीय वषा? भी लाती ह?। ट?ामो?ानाः पि?म भूम? सागरीय ?े? (कोिस?का ) म? शीत काल म? ?वािहत होने वाली शु? एवं शीतल पवन। जेट ??ीम अध??ैितज अ? सहारे ?वािहत होती है तथा इसम? लंबवत् एवं ?ैितज पवन अप?पण (wind shear) होता है। जेट ??ीम की क ु छ ?मुख िवशेषताएँ िन?िल?खत ह?: जेट ??ीम का संचरण ऊपरी ?ोभ मंडल म? अिधक ऊ ँ चाई पर संकरी प?ी म? पि?म से पूव? िदशा म? होता है। जेट ??ीम म? पवन वेग म? मौसमी प?रवत?न होता रहता है। ?ी?काल की तुलना म? शीतकाल म? ये अिधक ?बल हो जाती ह? तथा इनका वेग दो गुना अिधक हो जाता है। इनका आकार सिप?लाकार होता है। जेट ??ीम म? वायु का वेग बाहर की तरफ तेजी से कम होने लगता है। जेट ??ीम का ?वाह सीधी रेखा म? नहीं होता है। इनका ?वाह माग? िवसिप?त एवं लहरदार होता है। कभी-कभी जेट ??ीम ?ोभसीमा (ट?ोपोपॉज) को पार कर समतापमंडल क े िनचले भाग म? ?वेश करती है। इसक े साथ जलवा? की क ु छ मा?ा िनचले समतापमंडल म? प?ँच जाती है। इस कारण समतापमंडल म? कभी-कभी प?ाभ मेघ भी िदखाई देते ह?। जेट ??ीम की ती?ता म? ?? ?प से देशांतरीय िभ?ता पाई जाती है। शीतकाल म?, जेट ??ीम का ?बलतम वायु वेग एिशया क े पूव? तट क े पास पाया जाता है तथा पूव? अटलांिटक और ?शांत महासागरों क े ऊपर इसका वेग ?ूनतम होता है। ?ी?काल म?, सबसे ?बल जेट कनाडा की सीमा और भूम?सागरीय ?े? म? ?वािहत होती ह?। (7) उ??रीय पवन संचार धरातल पर मौसम वायुमंडल की ऊपरी सतह पर घिटत होने वाली घटनाओं से जिटल ?प से संबंिधत है। ऊ ँ चाई क े साथ पवन का वेग बढ़ जाता है। इसका ?मुख कारण वायु का कम घन? तथा घष?ण बल म? कमी है। उ? वायुमंडलीय पवनों की िदशा भी धरातलीय पवनों क े समान नहीं होती है। उदाहरण क े िलए, जुलाई क े महीने म?, भारत म? धरातलीय पवन (मानसून पवन) दि?ण-पि?म िदशा से ?वािहत होती है, जबिक 10 िकमी की ऊ ँ चाई पर पवन पूव? से पि?म की ओर ?वािहत है। वैि?क ?र पर, ऊ ँ चाई पर वायुदाब िवतरण धरातलीय सतह की अपे?ा ब?त सरल होते ह?। इसका ?मुख कारण उ? वायुमंडल म? तापमान तथा ?थल खंड क े यांि?क ?भाव की कमी होना है। उ??रीय पवन संचार क े अंतग?त जेट ??ीम का िव?ार से वण?न िकया गया है। (i) जेट ??ीम ?ोभमंडल की ऊपरी परतों म? धरातल से 6 से 12 Km की ऊचाइयों क े म? पि?म से पूs की ओर ती? वेग से चलने वाली प?र?ुवीय पवन धाराओं को ही जेट ??ीम कहा जाता है। ये पवन धाराएँ दोनों गोलाथ? म? 20° उ?री एवं दि?णी अ?ांशों से ?ुवीय ?े?ों तक वष?भर िनरंतर ?वािहत होती ह?। https://yojnaias.com/ 10
उ? किटबंधी पूव? जेट ??ीम यह एक मौसमी जेट ??ीम है । इसका स?? ित?त क े पठार क े ऊ?न ( Heating) से होता है। इसका आिवभा?व ?ी?काल म? दि?ण-पि?मी मानसून क े दौरान भूम? रेखा और 20° उ?र अ?ांश क े बीच दि?ण- पूव? एिशया, भारत और अ?ीका क े ऊपर होता है। इसकी िदशा अ? दो जेट ??ी? क े िवपरीत होती है। यह पूव? िदशा से चलती है। यह 14 िकमी और 16 िकमी की ऊ ँ चाई पर संच?रत होती है। यह जेट ??ीम भारतीय मानसून की उ?ि? क े िलए उ?रदायी कारकों म? से एक है। गम? होने क े कारण यह सतही गम? व आ?? वायु को आरोिहत कर भारत म? संवहनीय वषा? कराती है। जेट ??ीम का मह?: जेट ??ीम का ?थानीय तथा ?ादेिशक मौसम पर पया?? ?भाव पड़ता है। ये च?वातों, ?ितच?वातों, तूफान और अवदाब को िनिम?त करने और उनक े ?वहार को ?भािवत करने म? काफी योगदान करती ह?। भारतीय मानसून की उ?ि? क े िलए उ?किटबंधीय जेट ??ीम ही उ?रदायी है। ??ेक गोलाध? म? ?थाई ?प से जेट ??ीम दो ?े?ों म? पाई जाती ह?। ?थम, उपो? किटबंधीय जेट ??ीम और दूसरा ?ुवीय वाता? जेट ??ीम । इसक े अित?र? एक अ? जेट ??ीम, उ? किटबंधी पूव? जेट ??ीम जो अ?थाई ?क ृ ित की होती है, भी पाई जाती है। इनको सं?ेप म? विण?त िकया गया है: उपो? किटबंधीय जेट ??ीम यह दोनों गोलाध? म? म? अ?ांश क े ऊपर पि?म से पूव? िदशा म? ?वािहत होती है। यह ?ुवीय वाता? जेट ??ीम की अपे?ा अिधक िनयिमत ?प से संच?रत होती है। इसकी गित ?ुवीय वाता? जेट ??ीम की तुलना म? कम होती है। िवषुवत् रेखीय ?े? क े पास से संवहन ि?या क े कारण ऊपर उठी ?ई वायु 30° उ?र और दि?ण अ?ांश पर अवतिलत होती ह?। इसी वायु धाराओं का एक िह?ा उपो? किटबंधीय जेट धाराओं का ?प लेता है। उ?र भारत म? ?ी?काल म? इसकी ??थित िहमालय पव?त क े उ?र म? हो जाती है। ?ुवीय वाता? जेट ??ीम इसका िनमा?ण धरातलीय ?ुवीय शीत वायुरािशयों एवं उ? किटबंधीय गम? वायु रािशयों क े अिभसरण ?े? क े ऊपर होता है। दो िवपरीत वायुरािशयों क े कारण ताप ?वणता अिधक होती है, िजसक े फल??प ?ुवीय वाता? जेट ??ीम की उ?ि? होती है। यह दोनों गोलाध? म? 40° और 60° अ?ांश क े म? िव?ृत है। पूव? से पि?म िदशा म? संच?रत होती है। इसका ?वाह माग? उपो? किटबंधीय जेट ??ीम की तुलना म? अिधक िवसिप?त होता है। यह ?ी?काल म? ?ुवों क े तरफ और शीतकाल म? भूम?रेखा की तरफ झुक जाती (swings) है। जब यह दि?ण की ओर झुकती है, तो यह अपने साथ ठंडी पवन को उपो?किटबंधीय ?े? की ओर ले जाती है। https://yojnaias.com/ 11