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और बनाओ बाँध !. बहु - उद्देश्यीय नदी परियोजनायें और समन्वित जल-संसाधन प्रबंधन. कक्षा X सीबीएसई एनसीईआरटी की भूगोल पाठ्यपुस्तक के अनुसार समकालीन भारत II. Std X CBSE As per NCERT geography textbook Contemporary India II. अक्टूबर 1963.
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और बनाओ बाँध ! बहु-उद्देश्यीय नदी परियोजनायें और समन्वित जल-संसाधन प्रबंधन कक्षा X सीबीएसई एनसीईआरटी की भूगोल पाठ्यपुस्तक के अनुसार समकालीन भारत II Std X CBSE As per NCERT geography textbook Contemporary India II
अक्टूबर 1963 भारतीय वायु सेना के डकोटा विमानों ने ऊपर उड़ते हुये अपने पंखों को झुकाया पंडित नेहरू ने बाँध के जल द्वार खोल दिये और बटन दबा कर विद्युत केंद्र को प्रारंभ किया Which pro नीचे की ओर के गाँव वालों ने उत्सव मनाया और आतिशबाज़ी जलाई बाँध को राष्ट्र को समर्पित करते हुए उन्होंने अपने भाषण में बाँधों को ‘आधुनिक भारत का मंदिर’बताया हम किस परियोजना की बात कर रहे हैं?
हम किस परियोजना की बात कर रहे हैं? भाखड़ा बांध
Photo by Claire Arni and Oriole Henri यह जल को नियंत्रित करने वाली सबसे पुरानी संरचनाओं में से है और यह आज भी काम कर रही है
बाँध बहते पानी के आर-पार खड़ा किया गया अवरोध है। यह जल के प्रवाह को रोकता, निर्देशित करता और धीमा करता है। सामान्यतः यह एक जलाशय निर्मित करता है। क्षमता से अधिक पानीप्रवाह मार्गों या पक्की नालियों से बह जाता है। जल प्रवाह द्वार/ रेडियल द्वारजलाशय के नीचे की ओर पानी के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं (आजकल अधिकांश द्वार रेडियल द्वार होते हैं)। जलाशय प्रवाह मार्ग बिजली घर नदी लंबी दूरी की विद्युत तारें द्वार जनरेटर टर्बाइन के लिये जल आपूर्ति द्वार टर्बाइन नदी
बाँधोंकावर्गीकरण आकार के आधार पर– बड़े बाँध (>15 मीटर) विशाल बाँध (ऊँचाई में लगभग 150 मीटर से अधिक) उन्हें कभी-कभी नीचा, मध्यम और ऊँचा के रूप में भी वर्गीकृत किया गया है संरचना और निर्माण में प्रयोग किये सामान पर आधारित- टिंबर बाँध, आर्च ग्रैविटी बाँध, एंबैंकमेंट बाँध या मेसोनरी बाँध, इनके कई उप प्रकार हैं। उद्देश्य पर आधारित– सैडल बाँध, ड्राई बाँध, डायवर्जन बाँध आपके विचार से बाँध शिखर की तुलना में तली में अधिक चौड़े क्यों होते हैं?
पानी को नियंत्रित करने वाली प्रारंभिक संरचनायें सिंचाई के लिये पानी को रोक कर इकट्ठा कर लेती थीं। आज, जैसा कि उनके नाम से संकेत मिलता है वे हैं- बहुउद्देश्यीयनदी परियोजनायें
Tehri दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के औद्योगिक इलाक़ों के लिये प्रति दिन 27 करोड़ गैलन पीने के पानी की आपूर्ति विद्युत 1204 MW पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में एक करोड़ एकड़ सिंचाई घरेलू जल आपूर्ति Kutch ,Saurashtra 1181MW महानदी नदी द्वारा निचले डेल्टाई क्षेत्र में आने वाली बाढ़ का नियंत्रण 1920 MW 815.6 MW टिहरी सरदार सरोवर दामोदर घाटी हीराकुंड कोयना नागार्जुन सागर कृष्णा नदी बाढ़ नियंत्रण
Tehri अंतर्देशीय जल परिवहन जल-स्कीइंग, पाल नौकायन, कायाकिंग, स्पीड बोटिंग तथा वॉटर स्कूटर रेसिंग मछली की 51 प्रजातियों और उपप्रजातियों तथा जल –मुर्गाबियों का शरण स्थल मनोरंजन मछली पालन सूखे मौसम के दौरान यह गंगा के पानी को हुबली में मोड़ देता है ताकि जमी हुई गाद बहायी जा सके और कोलकाता के बंदरगाह में हुबली के ज़रिये यातायात को जारी रखा जा सके
आधुनिक भारत के मंदिर उद्योग जल आपूर्ति आजीविका+ मछली पकड़ना बिजली के लिये जल विद्युत सिंचाई अंतर्देशीय जलपरिवहन बाढ़ नियंत्रण
उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि और विकास के वाहकों के रूप में देखा जाता था और इसलिये पूजा के योग्य समझा जाता था।
आधुनिक भारत के मंदिर? स्थानीय आदिवासियों का विस्थापन प्राकृतिक जैव विविधिता की क्षति ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थलों का विनाश वाष्पीकरण, ग्रीन हाऊस गैस का उत्सर्जन आजीविका की हानि
आधुनिक भारत के मंदिर? • नदी के पारिस्थितिकीय तंत्रों का विखंडन और जैव विविधता • पर दुष्प्रभाव • सैमन जैसी भ्रमणशील मछली के लिये अवरोध खड़ा करना और इस प्रकार उसकी जनसंख्या को प्रभावित करना • नदी के तटीय क्षेत्रों में प्राकृतिक आप्लावन कम हो जाने के कारण वहाँ की प्राकृतिक जैव विविधता में कमी • बाँध के नीचे की ओर का तापमान परिवर्तित हो सकता है जिससे • जलाशय और नदी में रहने वाले पौधे और जीव-जंतु प्रभावित होते हैं
जलाशय का अवसादन (बह कर आने वाली बारीक मिट्टी या गाद का भर जाना) • नदी में स्वाभाविक रूप से बह जाने वाली गाद • अवरुद्ध हो जाती है • जलाशय की जल संचयन क्षमता में कमी • विद्युत उत्पादन और पानी की उपलब्धतता • घट जाती है प्रवाह के नीचे की ओर क्षरण प्रवाह के नीचे की ओर गाद कम पहुँचती है और जल प्रवाह नदी के तल और तट की मिट्टी को काटता है (क्षरण), जिससे नदी के अंदर की और उसके किनारे की जैव विविधता प्रभावित होती है और तटीय क्षरण बढ़ता है
आधुनिक भारत के मंदिर? अन्य सामाजिक और पारिस्थितिकीय दुष्प्रभाव फसल उगाने के तरीक़े बदल गये हैं, अब पानी की अधिक खपत वाली फसलें उगाई जाती हैं - यह मिट्टी की गुणवत्ता को प्रभावित करता है जल को लेकर विवाद • अंतर्प्रादेशिक जल विवाद • महाराष्ट्र तथा कर्नाटक और आँध्र प्रदेश के बीच, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के बीच • किसानों और शहरी क्षेत्रों के बीच • साबरमती बेसिन, कावेरी बेसिन लेकिन क्या जल विवाद माँग और आपूर्ति में तालमेल के न होने के कारण होते हैं? क्या बाँध वास्तव में पानी की तंगी वाले कालखण्डों में जल प्रदाय करके विवादों का समाधान करते हैं? कक्षा में इस पर बहस करें।
विवाद आइये हम एक खेल खेलें
जल्लाद कक्षा को 5 दलों में बाँटें। किसी बाँध/ जलाशय/ बैराज के नाम में जितने अक्षर हैं उतने खाली स्थान खींचे। _ _ _ _ _ _ _ _ दल अ शुरू करता है। वे एक अक्षर का अनुमान लगाते हैं। यदि उस नाम में वह अक्षर होता है तो शिक्षक उसे सही स्थान पर लिख देता है। अन्यथा अक्षर को अलग एक तरफ लिख दिया जाता है। अधिकतम 10 गलत अनुमानों की अनुमति मिलती है। जितने गलत अक्षर एक तरफ अलग लिखे होते हैं, उतने अंक दल को मिलते हैं (अधिकतम 10 तक)। अंत में सबसे कम अंक पाने वाले दल की जीत होती है
बाँध, जलाशय, बैराज की सही स्थिति को नक्शे पर इंगित करें और अपनी अंकों की तालिका में से 2 अंक घटवा दें Source: Maps of India
गतिविधि1 नाटक खेलना विद्यार्थियों के बीच निम्न भूमिकायें बाँट दें • उच्चतम न्यायालय के 5 न्यायाधीशों की एक बैंच • एक व्यक्ति जो बाँध के निर्माण के कारण अपना घर और ज़मीनें खो देगा • एक समर्पित पर्यावरणविद् • मौसमी बाढ़ और सूखे से पीड़ित एक किसान जो प्रवाह के नीचे की ओर रहता है • एक उद्योगपति • पास के शहरी चुनाव क्षेत्र का एक नेता
गतिविधि1 नाटक खेलना • अपने राज्य की एक नदी का चुनाव करें। • प्रत्येक दल को किसी ऐसी बहुउद्देश्यीय नदी परियोजना के निर्माण पर अपने विचारों को सामने रखने दें जो उन्हें सीधे तौर पर प्रभावित करती हो। • प्रत्येक दल को विरोधी पक्षों के लिये समाधानों को भी प्रस्तुत करने के लिये कहें। • न्यायाधीश सामने रखे गये मामलों के अनुसार परियोजना पर कोई निर्णय दे सकते हैं।
गतिविधि 2 चर्चा कक्षा को दलों में विभाजित करें। टिहरी या कोयना पर बनाये गये बाँध के लाभों और नुकसानों की चर्चा करें। (कक्षा में होने वाली चर्चा के पहले विद्यार्थियों को तथ्यों की खोज करने को कहें)