330 likes | 603 Views
पिछड़ा वर्ग. बैठक दिनाँक 24 अप्रैल 2011 स्थान चंद्राकर छात्रावास. स्वागतम `. विभिन्न जानकारियां जिसने इस बैठक हेतु मजबूर किया. # केन्द्र शासन की सेवाओं में आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व # अन्य पिछडा वर्ग के प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया में अनियमितता
E N D
पिछड़ा वर्ग • बैठक दिनाँक 24 अप्रैल 2011 • स्थान चंद्राकर छात्रावास
स्वागतम ` विभिन्न जानकारियां जिसने इस बैठक हेतु मजबूर किया
# केन्द्र शासन की सेवाओं में आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व #अन्य पिछडा वर्ग के प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया में अनियमितता # क्रीमी लेयर (संपन्न वर्ग) को परिभाषित किये जाने को तोड़ मरोड़ किया जाना # बैकलाग के पदों को भरा जाना # अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु वर्तमान में लागू नियमों को ईमानदारी से लागू किया जाना #आरक्षण के प्रतिशत को 14 प्रतिशत से 27 या अधिक तक बढ़ाया जाना # छ.ग.के कुछ जिलो में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण प्रतिशत को 27% तक बढ़ाया जाना #शिक्षा सम्बन्धी छात्रवृति दर पात्रता एवं छात्रावासो की कमी # छत्तीसगढ़ में लागु अन्य अनु जाति एवं जनजाति हेतु जारी योजनाए जिसका लाभ अन्यपिछड़ा वर्ग को भी दिया जाना चाहिए # मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़े वर्ग हेतु जारी योजनाये जिन्हें छत्तीसगढ़ में भी लागू लिया जाना चाहिए # छत्तीसगढ़ राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु अलग मंत्रालय ,संचानालय ,सलाहकार मंडल,अन्य पिछडा वर्ग वित्त विकास निगम तथा पिछडा वर्ग आयोग का गठन # छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा अब तक की गई मुख्य अनुसंशा एवं सुझाव पर कार्यवाही किया जाना
(स्रोत कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंसनमंत्रालय का वार्षिक प्रतिवेदन 2005 पृष्ट 28 परिशिस्ट 1)
विश्लेषण (ANALYSIS) उपरोक्त तालिका में दिए गए अंक यह स्पष्ट करते है कि अनु जाती अनु जन जाति वर्ग को तो आरक्षण का लाभ मिल रहा है मगर अन्य पिछड़ा वर्ग को जिन्हें वर्ष 1993 से नौकरियो में 27 % आरक्षण का लाभ का आदेश दिया जा चुका है ,उन्हें वास्तव में पिछले लगभग 20 वर्षों में भी आरक्षण का वास्तविक लाभ प्राप्त नहीं हुआ है इसका मतलब यह है कि यह आरक्षण सिर्फ कागजो में दिया जा रहा है इसी कारण से 27%कि जगह में सिर्फ 4.5 प्रतिशत संख्या में ही अपिव वर्तमान में नौकरी प्राप्त कर पाए है ! ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अनु जाति / अनु जनजाति हेतु बैकलोग कि भरती एवं पदोन्नति में आरक्षण लागू है ! यह स्पष्ट रूप से अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए विशेष भर्ती अभियान अतिशीघ्र प्रारम्भ किये जाने की आवश्यकता को स्थापित करता है ताकि पूरे भारत भर में अन्य पिछड़े वर्ग के लगभग 708459 पदों की बैकलाग को दूर कर पायेगा ! उपरोक्त से स्पष्ट है कि अन्य पिछडा वर्ग और पिछड़ता जा रहा है क्या उपरोक्त तथ्य अन्य पिछड़े वर्ग के कर्मचारीयों को पद्दोन्नति में आरक्षण एवं पिछड़े वर्ग के बैकलाग की पूर्ति हेतु अनु जाति / जनजाति की तरह ही विशेष भरती अभियान चलाये जाने की जरूरत का समर्थन नहीं करते है ? अधिक जानकारी के लिए देखे www.cgahead.com या email करे cgapaks@rediffmail.com पर क्या आप अन्य पिछड़ा वर्ग के संघर्ष में साथ देना चाहते है तो छ.ग. अनु जाति ,जनजाति अल्पसंख्यक एवं अन्य पिछड़ा वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ (अपाक्स ) से जुड़े !
#अन्य पिछडा वर्ग के प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया में अनियमितता क्या आप जानते है कि मध्य प्रदेश में वर्ष 2005 में ही राज्य सरकार ने कक्षा 8 तक पढ़ने वाले छात्रों को शाला में ही जाति प्रमाण पत्र निशुल्क जारी किया जाना आवश्यक कर दिया है एवं इसकी जिम्मेदारी शासकीय कर्मचारियो पर डाली है, देरी या अनियमितता पर दोषी सरकारी कर्मचारियों को दण्डित किये जाने का भी प्रावधान किया गया है ! जो छात्र छात्रा कक्षा 8 तक प्रमाणपत्र नहीं ले पाए है उनके लिए भी शासन ने स्पष्ट नियम बना दिए है स्पष्ट समयसीमा निर्धारित कर दी गई है जिसमे दंडात्मक प्रावधान भी है ! यह आश्चर्य का विषय है कि हर नियम कानून में मध्यप्रदेश की लगभग आँख मुंद कर नक़ल करने वाले छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस विषय में कोई भी कार्यवाही नहीं कि है ,इसका कारण ढूंढे जाने कि आवश्यकता है ??
# क्रीमी लेयर (संपन्न वर्ग) को परिभाषित किये जाने को तोड़ मरोड़ किया जाना भारत सरकार के कार्मिक लोकप्रशासन तथा पेंशन मंत्रालय (कार्मिक और प्रशीक्षण विभाग ) के पत्र संख्या 36033/5/2004- स्थापना (आरक्षण ) दिनाँक 14 अक्टूबर 2004 के पेज क्र 5 के द्वितीय पैरा में निम्नानुसार अंकित है "किसी उम्मीदवार के आय का परीक्षण करने के लिए संपन्न वर्ग के दर्जे का निर्धारण करने के लिए आय /सम्पति का निर्धारण करते समय वेतन से होने वाली आय तथा कृषि भूमि से होने वाली आय को नहीं गिना जायेगा !इसका तात्पर्य यह है की यदि किसी उम्मीदवार के माता पिता के वेतन से होने वाली आय 2.50 लाख रूपए प्रति वर्ष से अधिक हो ,कृषि भूमि से होने वाली आय 2.50 लाख प्रति वर्ष से अधिक हो किन्तु अन्य श्रोतो से होने वाली आय /सम्पति परीक्षण के आधार पर उम्मीदवार को संपन्न वर्ग के अंतर्गत नहीं माना जायेगा बशर्ते की उसके माता पिता (दोनों ) के पास लगातार तीन वर्षों की अवधि से सम्पति कर अधिनियम में यथा निर्धारित छूट सीमा से अधिक धन न रहा हो !" ( केंद्र शासन ने दिनाँक 14 अक्टूबर 2008 से उपरोक्त 2.50 लाख को बढ़ा कर 4.50 लाख कर दिया है जिसे छ.ग. सरकार ने म. प्र. के बढाने के बाद पूरे 9 माह बाद 24-6-2009 से रु 4.50 लाख किया है मगर यहाँ जानबूझ कर एक शब्द "संयुक्त रूप से " का अनावश्यक रूप से समावेश कर अर्थ का अनर्थ करने की कोशिश की है ! जिस कारण भ्रान्ति व्याप्त है !)
# बैकलाग के पदों को भरा जाना छ.ग.शासन ने जहां एक और अनु जाति ,अनु जनजाति हेतु वित्त विभाग से अनुमति की आवश्यकता के नियम को शिथिल कर दिया है मगर अन्य पिछड़े वर्ग के बैकलाग कि भरती हेतु वित्त विभाग से अनुमति आवश्यक कर दिया है जो कि सभी जानते है कि वित्त विभाग से प्राप्त करना साधारणतया कठिन है ! (कही ऐसा जानबूझ कर तो नहीं किया गया है की सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे ??) #आरक्षण के प्रतिशत को 14 प्रतिशत से 27 या अधिक तक बढ़ाया जाना छत्तीसगढ़ विधानसभा ने दिनाँक 19-4-2001 को सर्वसम्मति से अन्य पिछडावर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने कि कार्यवाही किये जाने के संकल्प को स्वीकृति दी थी !इस विषय में कुछ प्रयास भी हुए थे ,मसलन मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन ने दिनाँक 5 मई 2005 को पत्र लिख कर कई उन राज्यों से जहा 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण लागू है की जानकारी मंगाई थी ,उन्होंने दिनाँक 31-5-2005 को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को अर्धशासकीय पत्र लिख कर पुन: जानकारी मंगाई थी ,उपरोक्त पत्र में यह स्पष्ट उल्लेख था कि नियमानुसार भारत के संविधान के अनुच्छेद 16(4) में उचित आरक्षण का उल्लेख है एवं 50 प्रतिशत कि सीमा निर्धारित नहीं है कुल 50 प्रतिशत कि सीमा निर्धारण सम्बन्धी उच्चतम न्यायलय के निर्णय में यह सिद्धांत भी प्रतिपादित किया गया है कि विशेष परिस्थियों को देखते हुए 50 % कि अधिकतम सीमा बढ़ाई भी जा सकती है !
# छ.ग.के कुछ जिलो में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण प्रतिशत को २७% तक बढ़ाया जाना
प्री मेट्रिक छात्र वृति की दरों की तुलनात्मक सारणी तालिका क्र. 1 अन्य पिछडा वर्ग को देय छात्रवृति की दर मध्य प्रदेश तथा केंद्र शासन के नियमों से भी कम है एवं अनु जाति, अनु जनजाति तथा अल्प संख्यको को प्राप्त / पात्रता से भी कम है जो कि निराशाजनक है !
पोस्ट मेट्रिक छात्र वृति की दरों एवं अन्य सुविधाओ की तुलनात्मक सारणी तालिका क्र. 2
प्री मेट्रिक छात्रुवृति हेतु केन्द्र शासन से प्राप्त राशि तालिका क्र. 3 NA जानकारी उपलब्ध नहीं! उपरोक्त जानकारी का श्रोत प्रशासकीय प्रतिवेदन आदिम जाति तथा अनु जाति विकास विभाग केंद्र शासन का वेबसाइट पोस्ट मेट्रिक छात्रुवृति हेतु केन्द्र शासन से प्राप्त राशितालिका क्र. 4 उपरोक्त जानकारी का श्रोत प्रशासकीय प्रतिवेदन आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग केंद्र शासन का वेबसाइट NA जानकारी उपलब्ध नहीं
छात्रावास हेतु केन्द्र शासन से प्राप्त राशि तालिका क्र. 5 छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा राज्य छात्रवृतितालिका क्र. 6
पोस्ट मेट्रिक छात्रुवृति तालिका क्र. 7 उपरोक्त जान कारी का श्रोत प्रशासकीय प्रतिवेदन आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग एवं राज्य शासनद्वारा प्रकाशित अन्य दस्तावेज आ.जाति तथा अनु जाति विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावासो / आश्रमों कि जानकारी तालिका क्र. 8 उपरोक्त जान कारी का श्रोत प्रशासकीय प्रतिवेदन आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग एवं राज्य शासन द्वारा प्रकाशित अन्य दस्तावेज यहाँ यह उल्लेख किया जाना आवश्यक है कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट में अन्य पिछडा वर्ग के छात्रों को 100 % छात्रवृति प्रदान की जाती है एवं वर्ष 2009-10 में लगभग 560 करोड (56000 लाख ) की राशि व्यय की गई है एवं लगभग 16 लाख छात्र /छात्राए लाभाविन्त हुई है . (श्रोत श्री शिवराज मेघे सामाजिक न्याय मंत्री का विधान सभा में दिया बयान, प्रकाशित DNA दिनाँक 24-10-2010)
भूत काल से वर्तमान तकइतिहास धरती ब्रह्माण्ड एवं आपका और हमारा
ब्रम्हांड उत्पत्ति • एक बड़े विस्फोट के साथ पृथ्वी का जन्म • ब्रम्हांड (cosmos) में अनेक तारे है • सूर्य एक तारा है 9 ग्रह सूर्य के चक्कर लगाते है • पृथ्वी एक ग्रह है 2/3 पानी 1/3 जमीन • लगभग 204 देश है • भारत एक देश है
मानव का इतिहास • आधुनिक मानव 10000 वर्ष पहले • 5000-6000 वर्ष पाषाण युग • आधुनिक सभ्यताओं का उदय • भारत - सिंधु घाटी सभ्यता • चीन - चीन की सभ्यता • इरान इराक - मेसेपोटेमिया की सभ्यता • मिश्र की सभ्यता
धातु युग - आर्यो का आक्रमण • 4000-5000 – आर्यो का आक्रमण • सिंधु घाटी की सभ्यता का विनाश (मूल निवासियों की सभ्यता का विनाश ) • 600 बी सी - भगवान बुद्ध • 300 बी सी सम्राट अशोक • ??? आर्यो द्वारा अपनी सभ्यता को भारत के मूल निवासी पर थोपा जाना • वर्ण व्यवस्था, मनु स्मृति का सृजन (आरक्षण का प्रारम्भ -प्राम्भिक आरक्षण का ?? संविधान )
आरक्षण का प्रारम्भ • 186 बी सी में सम्राट बृहद्रथ की ह्त्या ,सेनापति पुष्यमित्र शुंग (ब्राह्मण) द्वारा • मनु स्मृति को भारत का कानून बनाया जाना • मनु कौन था ? • व्यक्ति नहीं ,पुश्यमित्र द्वारा गठित एक ब्राह्मणों की समिति थी !जिसका गुप्त एजेंडा था ब्राह्मणों की सत्ता को स्थापित करना
मनु स्मृति द्वारा प्रदत्त आरक्षण • वर्ण जनसँख्या प्रतिशत आरक्षण भारत छ.ग. क्षेत्र प्रतिशत में में ब्राहमण 4 1 शिक्षा में 100 % क्षत्रिय 5 1 राज्य,धन,धरती 100 % वैश्य 6 1 व्यसाय में 100% शुद्र 85 97 श्रम/गुलामी में 100% २२०० सालो से अभी तक सवर्णों को आरक्षण जारी
आर्यो के बाद अन्य विदेशी आक्रमण • 712 AD मुस्लिम आक्रमण शिया सुन्नी मुग़ल पठान आदि • 1406 AD यूरोप से आक्रमण पुर्तगाल फ़्रांस आदि • 1813 AD ईस्ट इंडिया कम्पनी द्वारा शिक्षा को शुद्रो के लिए खोला गया • 1833 AD उंच नीच छुवाछूत अपराध घोषित • 1848 ज्योतिबा फुले (जाति माली ) द्वारा शुद्र अति शुद्र के लिए शिक्षा हेतु आंदोलन प्रारम्भ • 1902 छत्रपति शाहूजी महाराज (कुर्मी)द्वारा कोल्हापुर राज्य में पिछडो को 50 % आरक्षण प्रारम्भ
पिछडो/शुद्रो को आरक्षण • 1932 अनुसूचित जाति को आरक्षण • 1942 अनुसूचित जनजाति को आरक्षण • 1984 म.प्र. में महाजन आयोग की रिपोर्ट • 1990-93 मंडल आयोग केन्द्र में लागु • 1996 मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण लागू मात्र 14 % • अभी भी पूर्णरूपेण लागू नहीं
छत्तीसगढ़ में आरक्षण की स्थिति • केन्द्र शासन की भरती में • श्रेणी 1 एवं 2 हेतु (अखिल भारत स्तर पर भरती ) • अनु जाति 15% अज जाति 7.50% अपिव 27% • श्रेणी 3 एवं 4 हेतु (छ ग. हेतु )(राज्य स्तर पर ) • अनु जाति 12% अज जाति 32% अपिव 6%
छत्तीसगढ़ में आरक्षण की स्थिति राज्य शासन की भरती में • श्रेणी 1 एवं 2 हेतु (राज्य स्तर पर भरती ) • अनु जाति 15% अज जाति 18 % अपिव 14 % • श्रेणी 3 एवं 4 हेतु (छ ग. हेतु )(राज्य स्तर पर ) • अनु जाति 16 % अज जाति 20 % अपिव 14 % • कई जिलो में लगभग 12 में कुल आरक्षण 50 से अधिक
अन्य राज्यों में आरक्षण • राज्य अ.जा. अजजा अपिव • कर्णाटक 18.00 6.00 49.00 • तमिलनाडु 18.00 1.00 50.00 • उडीसा 16.25 22.50 27.00 • झारखण्ड 32.00 14.00 27.00 • केरला 8.00 2.00 40.00 • आन्ध्र 15.00 6.00 25.00
छ.ग. में अपिव को 27 % • छ.ग. विधानसभा ने 19-5-2001 सर्वसम्मति से 27 % आरक्षण का संकल्प पारित किया • प्रमुख सचिव ने 5-5-2005 को अन्य राज्यों से जानकारी मांगी • 31-5-2005 को स्मरण पत्र जारी किया • वर्तमान स्थिति • अभी भी सिर्फ 14 % आरक्षण जारी
The uneven plebeianisation of Madhya Pradesh politics CHRISTOPHE JAFFRELOT (इंटरनेट में उपलब्ध )link http://www.india-seminar.com/2008/591/591_christophe_jaffrelot.htm
छत्तीसगढ़ में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का जातिगत आधार पर वर्गीकरण कोष्टक में मंत्रियो के विभागों की संख्या दर्शायी गई है ! * सामान्य सीट में आदिवासी वर्ग को टिकट मिली एवं जीते !
धन्यवाद मगर क्यों ?
क्योंकि, क्यों का जवाब आप ही दे सकते है !
आईए जुड़े ,जोड़े और जीते • वापस छीने उन सभी मौको को , • एवं आगे बड़े मिलजुल कर