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PrabhaSakshi is a Hindi-language news website, read largely by the Hindi-speaking belt namely Bihar, Chandigarh, Chhattisgarh, Delhi,Haryana,Himachal Pradesh, Jharkhand, Madhya Pradesh, Rajasthan, Uttarakhand and UttarPradesh. It is one of the leading news portals launched in 2001, which is owned by Dwarikesh Informatics Limited. It strivestoofferwell-researched,practical,richandhighestqualitycontenttoitsreaders. The website is continuously contributing towards bridging the digital divide by providing Hindi content to its readers and viewers. It is embracing a holistic way of approaching content, which incorporates Indian values and Western technologicalexpertise. Prabhasakshi.com has been a favourite of the Hindi readers in India as well as abroad for more than the last decade and a half. Presently, the content published on this portal is interesting, readable and of extremely refinedqualityandreceivesmorethanonemillionhitsperday. Many renowned journalists, writers, literates, cartoonists etc. have been associated with Prabhasakshi. Late Mr. Khushwant Singh, Late Mr. Arun Nehru, Late Mr. Dinanath Mishra kept writing regular columns for the portal. Presently, Shri Tarun Vijay, Shri Rajnath Singh Surya and Shri Kuldip Nayar, are some of the prominent writers associated with the portal as regularcolumnists. Prabahsakshi.comactivelyusesthesocialnetworkingplatformssuch asFacebook,Twitter,YouTube,Instagram and LinkedIn amongst manyotherstospread awarenessaswellastopro-activelyinteractwithitstargetsand receive theirfeedbacks. The mobile app of the news portal (www.prabhasakshi.com) is also available on Google Play Store and Apple Store. Readers can also read the news on UC News, Daily Hunt andTapzo. WWW.PRABHASAKSHI.COM
द्वारिके श इनफॉर्मेटिक्स लिलर्मिेड की ओि से 26 अक्तबू ि, 2001 को नयी टिल्िी र्में टिन्िी सर्माचाि पोिटि प्रभासाक्षी.कॉर्म की शुरुआत की गयी। प्रधान संपािक श्री गौतर्म र्मोिािका के नेतत्ृ व र्में आज यि सर्माचाि पोिटि िेश भि के पाठकों के बीच काफी िोकप्रप्रय िै। खबिों को 'पढ़ने, िेखने, सुनने औि सोशि र्मीडडया र्मंचों पि शये ि किने का नया अनुभव प्राप्तकिाता प्रभासाक्षी का नया 'िुक' तकनीकी लििाज से अंतििाष्ट्रीय र्मानिंडों के अनुरूप िै। प्रभासाक्षी.कॉर्म का डस्ेकिॉप वजनट र्मोबाइि फोन पि भी आसानी से औि तीव्र गतत से खुिता िै, पाठक िािाकाँ क चािें तो गगू ि प्िे स्िोि औि एप्पि स्िोि से प्रभासाक्षी का र्मोबाइि एप भी डाउनिोड कि सकतेि।ैं द्वारिके श इनफॉर्मेटिक्स लिलर्मिेड का िक्ष्य तकनीक का िाभ आर्म जनता तक पिुाँचाना िै औि इसके लिए आईिी औि र्मीडडया के क्षेत्र र्में कं पनी की ओि से काफी कायट ककये गये िैं। आईिी के क्षेत्र र्में कं पनी ने डिे ा प्रवश्िेषण, वेब डविपर्मेंि, सॉफ्िवेयि तनर्माटण, डोर्मेन प्रबंधन, वेब डडजाइन, वेब आधारित सुिक्षा तंत्र आटि के तनर्माटण का कायट भीककया िै। र्मीडडया के क्षेत्र र्में कं पनी की ओि से कं िेंि गिन प्रवश्िेषण के बाि तैयाि ककया जाता िै औि उसे तीव्र गतत से पाठकों तक उनके लिए सवाटधधक सुिभ फॉर्मेि र्में उपिब्ध किाया जाता िै। कं पनी की ओि से ग्राकफक डडजाइतनगं ,प्रचाि, पब्ब्िक रििेशन, प्रवज्ञापन औि प्रकाशन के क्षेत्र र्में भी सेवाएं प्रिान की जातीिैं। िर्मािी र्मुख्य कं पनी द्वारिके श शुगि इंडस्रीज लिलर्मिेड के अिावा अन्य ग्रािकों के लिए भी द्वारिके श इनफॉर्मेटिक्स लिलर्मिेड वेबसाइि डडजाइन, िखिखाव, अपडशे न आटि का कायट कितीिै। द्वारिके श इनफॉर्मेटिक्स लिलर्मिेड की ओि से सर्मय-सर्मय पि जन जागरूकता के लिए प्रवलभन्न कायक्रर्म भी चिाये जाते िैं। िर्मािे सर्माचाि पोिटि प्रभासाक्षी.कॉर्म की खबिें यसू ीन्य िेश भि से प्रभासाक्षी के साथ 100 से ज्यािा सकक्रय िेखक जुडे िुए िैं ब्जससे कश्र्मीि से िेकि कन्याकु र्मािी तककी िाजनीततक, सार्माब्जक परिब्स्थततयों के प्रवश्िेषण िर्मािे यिााँ प्रकालशत िोते िितेिैं। इस सर्माचाि पोिटि पि प्रकालशत सार्मग्री रुधचकि औि पठनीय िोने के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता से भिी िोती िै। जिा इंििनेि पि सनसनीखेज औि अशािीन सार्मग्रीकी भिर्माि िै, विीं प्रभासाक्षी ने साफ-सुथिी तथा तनष्ट्पक्षतापणू ट सार्मग्री केर्माध्यर्म से अपनी अिग पिचान बनाई िै। यि पाश्चात्य संस्कृ तत का अंधानुकिण निीं कि ििा अप्रपतु भाितीय संस्कृ ततऔि भाितीयता का संिेश प्रसारित किने र्में भी तल्िीनता के साथ जुडा िुआिै। िेश के अनेक जाने-र्माने पत्रकाि, िेखक, साटित्यकाि, व्यंग्यधचत्रकाि आटि प्रभासाक्षी के साथ जुडे ििे िैं। स्व. खुशवंत लसिं , स्व. अरुण नेिरू, स्व. िीनानाथ लर्मश्र प्रभासाक्षी पि तनयलर्मत कॉिर्म लिखते ििे। वतटर्मान र्में श्री तरुणप्रवजय, श्री जू औि डिे ी िंि र्मोबाइि एप पि भी उपिब्धिैं। िाजनाथ लसिं सयू ट औि श्री कु ििीप नायि जैसे प्रततब्ष्ट्ठत स्तभं काि प्रभासाक्षी से जुडे िएु ि।ैं तकनीकी दृब्ष्ट्िसे भी इस पोिटि ने नए प्रततर्मान कायर्म ककए िैं, प्रवशेषकि टििं ी भाषा र्में र्मौजिू प्रािंलभक सीर्माओं तथा कटठनाइयों क बावजिू उसने गांव-कस्बों र्में ििने वािे नागरिकों के लिए उनकी अपनी भाषा र्में सर्माचाि औि प्रवश्िेषण प्राप्त किना आसान बनायाि।ै WWW.PRABHASAKSHI.COM