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वर्तमान में मनुष्य अपने खान-पान का ववशेष ध्यान नह ीं रख पार्ा है जिस कारण उसे र्माम प्रकार प्रकार की बीमाररयाीं घेर लेर्ी है। इनह ीं बीमाररयों में एक है पथर जिसक े होने पर लोगों को पेट और मूत्र मागत में काफी ददत होर्ा है। आपको बर्ा दें कक जिन पदाथो में ऑक्सीलेट की मात्रा अधिक होर्ी है वो पेशाब में मौिूद क ै जशशयम क े साथ किया करक े पथर रोग को िनम देर्े है। अक्सर पथर क े छोटे रूप में होने पर यह आसानी से मूत्र मागत क े िररए गलकर बाहर ननकल िार्ी है
लेककन कई बार इनका आकार इर्ना बढ़ िार्ा है कक ये मूत्र मागत को बािा उत्पनन कर देर्े है और जिससे मूत्र मागत क े आस-पास स्थानों में काफी ददत का अनुभव होर्ा है। पथर होने क े कई कारण होर्े है जिनमें से कुछ मुख्य कारणों को हम आपको नीचे बर्ा रहे है िो पथर होने का कारण बनर्ी है-
Pathri Hone Ke Karan in Hindi अधिक नमक का सेवन- अगर आप अपने भोिन में नमक का अधिक सेवन करर्े है इसमें उपजस्थर् सोडियम पेट में िाकर क ै जशशयम बन िार्ा है और बाद में िीरे-िीरे यह पथर का रूप िारण कर लेर्ा है इसललए आप भोिन नमक का सेवन ऊधचर् मात्रा में ह करें।
बीज वाली वस्तुओं का सेवन- यदद आप अपने आहार में अधिक बीि वाल वस्र्ुओीं का सेवन करर्े है र्ो इससे भी पथर होने का खर्रा बन रह सकर्ा है क्योंकक इनमें ऑक्सलेट पाया िार्ा है। टमाटर, बैगन, अमरृद का सेवन आपको सीलमर् मात्रा में करना चादहए। 1. मांसाहारी पदार्थो का सेवन- माींसाहार पदाथो क े अधिक सेवन से इसमें मौिूद प्रोट न की मात्रा ककिनी में प्यूर न की मात्रा में वृद्दद करर्ा है जिससे यूररक एलसि का स्र्र बढ़ार्ा है िो पथर का कारण बनर्ा है। इसललए इन आहार का सेवन कम मात्रा में करना चादहए। 2.
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