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NeNew income tax law do not becomw income tax law do not become as simple as gst

Budget. Budget 2024 ,Goods And Services Tax, GST Hindi Articles<br>u0935u093fu0924u094du0924 u092eu0902u0924u094du0930u0940 u0926u094du0935u093eu0930u093e u092au0942u0930u094du0923 u0915u093eu0932u093fu0915 u092cu091cu091f u0968u096a u092eu0947u0902 u0938u092cu0938u0947 u092au094du0930u092eu0941u0916 u0918u094bu0937u0923u093e u0915u0908 u0938u093eu0932u094bu0902 u0938u0947 u0932u0902u092cu093fu0924 u092eu093eu0902u0917 u0906u092fu0915u0930 u0938u0930u0932u0940u0915u0930u0923 u0915u0940 u0925u0940u0964

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Presentation Transcript


  1. नया आयकर कानून: जीएसटी जैसा सरल न बन जाएं

  2. वित्त मंत्री द्वारा पूर्ण कालिक बजट २४ में सबसे प्रमुख घोषणा कई सालों से लंबित मांग आयकर सरलीकरण की थी। वित्त मंत्री ने कहा की अगले ६ माह में आयकर कानून की समीक्षा कर एक नया एवं सरल आयकर कानून लाया जावेगा। यही बात हाल में सीबीडीटी के चेयरमेन रवि अग्रवाल ने रखी। *मुख्य प्रावधान जिनमें सबसे अधिक विवाद होता है और समीक्षा मांगते हैं:* 1. ट्रस्ट और संस्थाओं के लिए सीधे एवं सरल प्रावधान हो 2. रेशिडेन्शियल निवासी स्टेट्स के प्रावधानों की समीक्षा जरूरी है 3. व्यापारिक खर्च के लिए नियमों का सरलीकरण हो

  3. 4. शिक्षा स्वास्थ्य आवागमन बिजली खर्च पर छूट मिलें 5. एक ही टैक्स सिस्टम हो 6. केपिटल गेन टैक्स प्रणाली ख़ासकर कंपनियों और फर्मों के लिए व्यापक समीक्षा हो 7. आयकर निर्धारण की एक स्टेन्डर्ड प्रक्रिया हो और मान्य दस्तावेज की लिस्ट हो जिसके आधार पर निर्धारण तय हो। मतलब साफ है आयकर कानून की समीक्षा और सरलीकरण समय की मांग और जरुरत है लेकिन नए कानून में फिर नियमों और अनुपालनों की भरमार होगी तो यह प्रक्रिया मात्र समय की बरबादी होगी जैसा की हम जीएसटी कानून आने के बाद अभी तक भुगत रहे हैं। जरुरत इस बात की है कि कानून की समीक्षा विशेषज्ञों की समिति तो करेगी ही लेकिन सरकार को इसके उद्देश्य और मापदंड समीक्षा से पहले तय करने होंगे ताकि इसका लाभ जन हितैषी हो।

  4. कुछ बिंदु जो ध्यान देने योग्य है: 1. कानून करदाता को चोर न समझे 2. कानून का उद्देश्य टैक्स चोरी रोकने पर हो न कि नियमों और अनुपालनों की भरमार पर 3. प्रावधान जन सामान्य के लिए हो न कि टैक्स रिकवरी पर फोकस हो ताकि आमजन कानूनों से जुड़े । 4. रीयल एस्टेट प्रापर्टी पर सरल प्रावधान हो। 5. कानून की समीक्षा में प्रौद्योगिकी का उपयोग कर नियमों को सरल रखना 6. नया अधिनियम टैक्स से जुड़े विवाद और मुकदमेबाजी कम करें मौजूदा आयकर अधिनियम में अभी 298 धाराएं, 23 अध्याय और अन्य प्रावधान शामिल हैं। आयकर कानून-1961 की कुछ धाराओं के चलते देश में आयकर से जुड़े मुकदमों की भरमार है। जुलाई 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, आयकर ट्रिब्यूनल के पास आयकर के 50 लाख रुपये तक के विवाद से जुड़े 47,940 मामले लंबित थे। इस से ज्यादा बड़ी रकम के मामले में अदालत जाना पड़ता है। वहां भी करीब हजारों मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। *जरुरी है कि समीक्षा करते समय उपरोक्त उद्देश्यों को ध्यान रखकर किया जावे ताकि नए आयकर कानून का हाल जीएसटी की तरह न हो!* *सीए अनिल अग्रवाल जबलपुर ९८२६१४४९६५*Read more at: https://taxguru.in/income-tax/new-income-tax-law-do-not-become-as-simple-as-gst.htmlCopyright © Taxguru.in

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