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क्या आयुर्वेद सभी सी.के.डी. स्टेजों के लिए काम करता है? • किडनी के रोग में क्रोनिक किडनी डिजीज एक गंभीर रोग है, क्योंकि वर्तमान चिकित्सा विज्ञान में इस रोग को खत्म करने की कोई दवा उपलब्ध नहीं है। पिछले कई सालों से इस रोग के मरीजों की संख्या में उत्तरोतत्तर वृद्धि हो रही है। दस में से एक व्यक्ति को किडनी की बीमारी होती है। डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, पथरी आदि रोगों की बढ़ती संख्या इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है।
काफी लंबे समय के बाद मरीजों की दोनों किडनी सिकुड़कर एकदम छोटी हो जाती है और काम करना बंद कर देती है, जिसे किसी भी दवा, ऑपरेशन या डायलिसिस से ठीक नहीं किया जा सकता है। क्रोनिक किडनी डिजीज को पहले क्रोनिक रीनल फेल्योर कहते थे, लेकिन फेल्योर शब्द एक गलत धारण देता है। क्रोनिक किडनी डिजीज की शुरूआती स्टेज में किडनी द्वारा कुछ हद तक कार्य संपादित होता है और अंतिम स्टेज में ही किडनी पूर्ण रूप से कार्य करना बंद कर देती है। क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीज का पहला स्टेज उचित दवा देकर तथा खाने में परहेज से किया जा सकता है।
नीचे हर स्टेज के लिए क्रोनिक किडनी डिजीज और जीएफआर के पांच स्टेज हैं - • स्टेज 1 – सामान्य या उच्च जीएफआर (जीएफआर – 90 एमएल/मिनट) • स्टेज 2 – अल्प सीकेडी (जीएफआर – 60-89 एमएल/मिनट) • स्टेज 3 (ए) – मध्यम सीकेडी (जीएफआर – 45-59 एमएल/मिनट) • स्टेज 3 (बी) – मध्यम सीकेडी (जीएफआर – 30-44 एमएल/मिनट) • स्टेज 4 – गंभीर सीकेडी (जीएफआर – 15-29 एमएल/मिनट) • स्टेज 5 – अंतिम स्टेज सीकेडी (जीएफआर – 15 एमएल/मिनट)
क्रोनिक किडनी डिजीज में दिखाई देने वाले लक्षण - • किडनी के खराब होने के संकेत और लक्षण बीमारी के आखिरी स्टेज पर नजर आते हैं। इस बीमारी के आम लक्षण इस प्रकार है - • थकान महसूस होना • ज्यादा देर व्यायाम ना कर पाना • दिल की बीमारी • पेट, पीठ और जोड़ों में दर्द होना • कुपोषण, हाई स्किन और खुजली • सांस की कमी • झाग के समान व गहरे रंग का पेशाब आना • पेशाब के दौरान दर्द व जलन होना
क्रोनिक किडनी डिजीज का इलाज • ज्यादातर लोग जल्दी आराम के लिए डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट जैसे एलोपैथी इलाज को चुनते हैं। जब किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती है तो डायलिसिस खराब किडनी के लिए वैकल्पिक होता है। किडनी ट्रांसप्लांट तब किया जाता है जब किडनी पूरी तरह से कार्य करने से असफल हो जाती है और किडनी नई किडनी के साथ बदली होती है। इन दोनों ही उपचार एक अस्थायी समाधान है और जो की किडनी की समस्या को पूरी तरह से ठीक नहीं करती है।
किडनी की जांच किसे करवानी चाहिए? • किसी भी व्यक्ति को किडनी की बीमारी हो सकती है, लेकिन निम्नलिखित उपस्थित हो तो खतरा ज्यादा हो सकता है। • किडनी रोगों में प्रत्यक्ष लक्षण दिखाई देना • मधुमेह होना • रक्त का दबाव अनियंत्रित रहना • परिवार में वंशानुगत किडनी रोग होना • लंबे समय तक दर्द निवारक दवाईयां ली गई हो • तंबाकु का सेवन, मोटापा होना या 60 वर्ष से अधिक आयु का होना • पेशाबमार्ग में जन्म से ही खराबी होना • For more information visit- kidney treatment in india