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kaale ghode ki naal ke dono siro ko yadi niche ke taraf karake lagaya jaye tho isse buri aatmaon, najar-dosh tatha nakaaratmak urja se ghar eva kaaryalay ki raksha hoti hai. Ghode ki naal aur hamaare maanav shareer ya vaatavaran mein brahmandey-shakti ko pradaay karane mein sarvadhik sahayogee hote hai. Yahi hai ghode ki naal ke chamatkaree shakti ka vaigyaanik rahasy, jo hamaare praachen maharishiyon ne sadiyon pahale hi samajh liya tha |
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१००८ म??? ?वारा अ?भमं??त /energised काले घोड़े क? नाल चम?कार? तं? से कम नह?ं है-काले घोडे क? नाल हमारे बुजुग? कहा करते थे. घोडे पर सवार ?यि?त पर कोई तं? नह?ं चलता | आधु?नक ?ा?नय? ने कभी सोचा ?यो नह?ं चलता है? आगरा और ?द?ल? क े लाल ?कल? स?हत कर?ब 25-30 | अजेय ?कल? क े गेट पर म?ने घोडे क? नाल लगी | ?वयं देखी है मुगल और ?ह?दू दौन? सासक? ?वारा ?न?म?त ?कल? पर ?य? ? इन रह?यमय ??न? क े उ?र जानने क े ?लऐ.. इस लेख को पूरा पढ?। 1-पहले समझ? घोडे का वै?ा?नक रह?य और शि?त आधु?नक ?व?ान ने शि?त को मापने क े ?लऐ HP (हौस?-पावर) को ह? इकाई माना हाथी, चीते, शेर, डाइनासोर तथा क ं गा? जैसे ताकतवर अ?य ?कसी जीव को ?य? नह?ं कारण ये है ?क जो अ?भुत श?ती घोडे म? होती है | वो ?कसी भी ?तनधार? जीव म? नह?ं पायी जाती। 1 घोडा आजीवन खडा रह सकता है | बैठकर या लेटकर आराम क? आव?यकता उसको नह?ं होती। 2 घोडे क? सै?स-पावर आजीवन कभी ख?म नह? होती सम?त ?ा?णय? से अदभुत स?भोग- श?ती का धनी होता है। 3 घोडे जैसी अ??य खतर? को भाँपने का ?स?स-स?स शायद ह?... अ?य ?कसी ?ाणी म? हो... घोडा काफ? दूर से खतरे को भाँप कर ... ?क जाता है... और आगे नह?ं बढ़ता... कहा?नय? म? सुना होगा... ये स?य है।।* * ऐसी कई ?व?च?.. शि?तय? से स?प?न होता है... घोडा (हौस?) जो ?लखना भी संभव नह?ं है।* * आ?खर घोडा म? ऐसा ?या है जो ये शि?तयां ?ा?त ह? उसको...* * ??येक ?ाणी म? ... शर?र क े बाहर भी एक... तरंग? का आवरण होता है... िजसे हम..* *बॉडी लैस बॉडी-पावर... या ओज (ओरा श?ती) क े नाम से जानते है ।। और ये ह? आवरण ?ाणी-मा? को ई?वर?य श?ती क े ?प म?... ??मांडीय ऊजा?(काि?मक एनज?) को ?हण करक े काय?-?मता का ?वकास करते हुऐ.... नकारा?मक (नेगे?टव)... ऊजा?ओं से र?ा करता है.... और हमार? ऊजा? को न?ट होने से बचाता है।।... ये बॉडी लैस बॉडी-पावर... घोडे म? सबसे अ?धक पाई जाती है... इसी?लऐ घोडा अतभुत और ना थकने वाला ?ाणी है।।*सायद आप HP (हौस?-पावर) का रह?य समझ गये ह?गे।। 2- अब हम समझते है... घोडे नाल का रह?य...* * शर?र क े चारौ-ओर बने ... तरंग? क े आवरण का ?नमा?ण हमारे तन से ?नकल? ?वशेष तरंग? ह? करती...
क ै से:-* * जब भी कोई .. जप, तप, योग, ?यान या ?यायाम क? ??याऐं करता है... तो हमारे शर?र क े ?वधुतीकरण क? ???या तेज होने लगती है.. और ?वषेश ?कार क? ?वधुत- र?शमा हमारे कुछ अंग? िजसमे पैर नाखून? से सबसे ?यादा... बाहर क? ओर तेजी से ?वा?हत होती ह?... और हमारे ह? कुछ अंग चु?बक?य तर?क े से ... उन तरंग? को आक?ष?त करक े .. अपनी ओर खींचकर ... ?फर शर?र म? ह? अवशो?षत कर लेते ह?... इस पूर? ??कया म?... ये तरंग? क? काफ? ऊजा?.. न?ट भी होती रहती है।... घोडा म? ये ??या सवा??धक होती है.. जब वो तेजी से दौडता है... तो ये तरंग?.. तेजी से उसक े पैर? से... ?नकलने क? को?शश करती है... "और वहाँ पर लगी लोहे क? नाल.. दौडने क े कारण जमीन क े धष?ण से चु?बक क े ?प म? प?रव?त?त होकर... इन तरंग? को अवशो?षत करती रहती है... और घोडे से ?ा?त असी?मत एवं अदभुत शि?तय? का भंडार बनकर... ??मांडीय ऊजा? (कौि?मक-एनज?)... को आक?ष?त करने क? अकूत और अदभूत श?ती का भंडारण करने क? ?मता पा लेती है..... "घोडे क? नाल"...।। और हमारे मानव शर?र या वातावरण म? ??मांडीय-श?ती को ?दाय करने म? सवा??धक सहयोगी होती है।।... *यह? है घोडे क? नाल क? चम?कार? श?ती का वै?ा?नक रह?य... जो हमारे ?ाचीन महा?ष?य? ने स?दय? पहले ह?... समझ ?लया था.. और काले घोडे क? नाल... का उपयोग... मानव को नकारा?मक ऊजा? से बचाने... एवं श?ती-स?प?न बनाऐ रखने क े ?लऐ... एक तं? क े ?प म?... करना शु? कर ?दया था।।* * कुछ सावधा?नयां नाल को सह? उपयोगी... बनाए रखने क े ?लऐ ...* * घोडे क? नाल से... छ?ला(?रंग) अथवा कोई भी साम?ी ?नमा?ण क े समय साधारण अि?न से गम? नह?ं करना चा?हऐ... वरना उसक?... चु?बक?य श?ती न?ट हो जाती है और ?सफ ? लोहा (आयरन) ह? बचता है।।* * नाल या इससे ?न?म?त सामान को ... भूलकर भी कभी चु?बक क े पास नह?ं.. रखना चा?हए... वरना इसक? मूल श?ती ?ीण हो जाती है।।* * इससे साम?ी ?नमा?ण का सह? तर?का और समय* *जब भी काले घोडे क? नाल से छ?ला, यं?, क?ल? आ?द बनानी हो.... तो* * श?नवार को.. श?न-न?? म?.... शनी य? क?.. सम?त औष?धय? क? समीधा व हवन-साम?ी और काल? गाय क े सूखे गोवर.. श?न मं?? से हवन करक े .... उस म? ह? गम? करक े ह?.... ?नमा?ण करना चा?हऐ.... तभी इनका सह? लाभ ?ा?त होगा.... और चम?कार? श?न ?रंग या सामान तैयार होगा।।* * इस तरह तैयार घोडे क? नाल, क?ल?, या ?रंग क े लाभ* * श?नदेव क े अशुभ ?भाव? क? शां?त हेतु लोहा धारण ?कया जाता है ?क?तु यह लौह मु??का सामा?य लोहे क? नह?ं बनाई जाती* .काले घोडे क? नाल (घोडे क े पैर? खुर? म? लोहे क? अध?च??ाकार व?तु पहनाई जाती है, जो घोडे क े खुर? को मजबूत बनाये रखती है, ?घसने नह?ं देती, वह? नाल होती है), जो नाल ?वत: ह? घोडे क े पैर? से ?नकल गयी हो या दो ?तहाई से अ?धक ?घस गयी हो,.... उस नाल को श?नवार को ?स?घ योग ( श?नवार और पु?य, रो?हणी, ?वण न?? हो अथवा चतुथ?, नवमी या चतुद?शी ?त?थ हो) म? ?ा?त क? जाती है और ?फर इसका उपयोग ?व?वध ?कार से ?कया जाता है.* Aur Jaanne ke liye: https://swatiastroresearchcentre.com/kale-ghode-ki-naal-25