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Bhed Palan Ka business Kaise Start Kare | How to Start Sheep Farming in India

Know Some Interesting Fact about Sheep Farming Business , u0905u0917u0930 u0906u092a u092du0947u095c u092au093eu0932u0928 u0915u093e u092cu093fu0938u0928u0947u0938 u0938u094du091fu093eu0930u094du091f u0915u0930u0928u093e u091au093eu0939u0924u0947 u0939u0948 u0924u094b u0905u092au0928u093eu092fu0947 u092fu0947 u091fu093fu092au094du0938 u0914u0930 u0915u093eu092eu092fu0947 u0932u093eu0916u094b u0915u093e u092eu0941u0928u093eu092bu093e u0939u0930u0947u0915 Month.

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Bhed Palan Ka business Kaise Start Kare | How to Start Sheep Farming in India

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Presentation Transcript


  1. भेड़ पालन व्यापार क ै से स्टाटट करे: Bhed Palan Kaise Start Kare भेड़ो का प्रजनन मौसम क े अनुसार ही करना चाहहए क्योंकक अधिक गमी और बरसात क े मौसम में प्रजनन होने से इनकी मृत्यु दर बहुत अधिक बढ़ जाती है। इनक े बच्चे को मेमना कहते है। नर भेड़ो को रामस तथा मादा भेड़ो को एवेस कहा जाता है। भेड़ की औसतन आयु लगभग 7 से 8 वर्ष होती है। परन्तु कुछ अच्छी प्रजातत की भेड़ो का जीवन काल इससे भी अधिक होता है। यह एक ऐसा जानवर है जजसका पालन ककसी भी प्रकार की जलवायु में ककया जा सकता है। परन्तु भेड़ सामान्यतः कम वर्ाष वाले शुष्क क्षेत्रो में पाई जाती है। भेड़ पालन क े ललए बहुत कम प ूँजी और न ही बहुत ज्यादा देखरेख की ही आवश्यकता होती है इसीललए प्राचीन काल से ही भेड़ों का पालन करना मानव का एक प्रमुख व्यवसाय रहा है। ◆ ◆. भेड़ से सम्बंधित जानकाररयां ◆ ◆ Bhed palan ka business kaise Kare ● भेड़ झुंड में रहना ज्यादा पसंद करती है। ● इनकी सुनने की तथा ककसी भी चीज़ को याद रखने की क्षमता बहुत अधिक होती है। ● भेड़ एक शाकाहारी जानवर है जो घास तथा पेड़ पौिों की हरी पत्तियों को अपने भोजन क े रृप में प्रयोग करती है। ● सामान्यता भेड़ो क े सींग नही होती है परंतु इनकी कुछ प्रजाततयों में सींघ पायी जाती है। त्तवश्व मे सबसे अधिक भेड़ो की संख्या चीन में पाई जाती है। ◆ ◆भेड़ पालन से लाभ ◆ ◆

  2. ● भेड़ का पालन करक े तथा इनकी अच्छी तरह देखभाल तथा पोर्ण करक े इनसे ऊन, मांस प्राप्त ककया जा सकता है। ● भेड़ का गोबर बहुत अच्छे प्रकार का उवषरक होता है जजससे खेतों की उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है। ● भेड़ क े द ि में प्रोटीन तथा वसा की अधिक मात्रा पायी जाती है। भेड़ क े शरीर पर बहुत नरम और लंबे रोयें पाये जाते है जजनसे ऊन का तनमाषण ककया जाता है। इनक े द्वारा प्राप्त ककये गए ऊन से त्तवलभन्न प्रकार क े वस्त्त्रों को बनाया जाता है जजनका उपयोग मानव द्वारा ककया जाता है। भेड़ क े ऊन में ‘लेनोललन’ नामक प्राकृततक तैलीय पदाथष पाया जाता है जजसका उपयोग प्रसािन समाग्री तथा मोमबिी क े तनमाषण में ककया जाता है। अच्छी प्रजातत की भेड़ ऊन का अधिक उत्पादन करती है। जो भेड़े ऊन का कम उत्पादन करती है उनका उपयोग द ि क े ललए तथा मांस क े उत्पादन में ककया जाता है। ◆ ◆भेड़ की प्रजाततयां ◆ ◆ त्तवश्व मे पायी जाने वाली भेड़ की कुल संख्या का लगभग 4 प्रततशत भेड़ भारत मे पायी जाती है। जैसे कक –मालपुरा, जैसलमेरी, मंडडया, मारवाड़ी, बीकानेरी , मैररनो, कोररडायल रामबुतु जैसी भेड़ की प्रजाततयों को मांस क े उत्पादन क े ललए उपयुक्त माना जाता है। इसक े अलावा दरी को बनाने में उपयोग ककये जाने वाले ऊन क े उत्पादन क े ललए मुख्य रृप से मालापुरा, मारवाड़ी, छोटा नागपुरी शहाबाबाद आहद प्रजाततयों का पालन करना चाहहए। भारत मे ज्यादातर भेड़े अत्यधिक शुष्क, पथरीली या किर पवषतीय क्षेत्रों में पायी जाती है। भारत मे सबसे अधिक ऊन देने वाली भेड़े उिरी मैदानों क े शुष्क क्षेत्रो में तथा गुजरात क े जोररया प्रदेश में पायी जाती है।

  3. ◆भारत में भेड़ पालन क ै से शुरृ करें ◆ ◆ इस बबजनेस को कोई भी व्यजक्त अपनी तनवेश करने की क्षमता क े मुताबबक छोटे या बड़े स्त्तर पर शुरृ कर सकता है। लेककन यहद उद्यमी भेड़ पालन से अधिक से अधिक कमाई करने की अपेक्षा रखता है तो उसे इसे हकीकत में बदलने क े ललए कड़ी मेहनत एवं एक प्रभावी व्यापाररक योजना की आवश्यकता होती है। कहने का आशय यह है की भेड़ों से लाभ प्राप्त करने क े ललए उद्यमी को भेड़ों का उधचत प्रबंिन एवं उधचत देखभाल करने की आवश्यकता होती है। इसक े अलावा बबजनेस की सिलता क े ललए एक प्रभावी रणनीतत क े तहत कायष करने की भी आवश्यकता होती है। 1. भेड़ पालन क े ललए उपयुक्त लोक े शन: Sheep farming Business क े ललए उपयुक्त लोक े शन का चुनाव करना बेहद ही महत्वप णष कायष है यद्यत्तप भेड़ पालन भारतवर्ष क े ककसी भी क्षेत्र से शुरृ ककया जा सकता है। क्योंकक जलवायु क े आिार पर सम्प णष भारत में भेड़ पालन आसानी से ककया जा सकता है। लेककन जब उद्यमी द्वारा अपने इस बबजनेस क े ललए उपयुक्त लोक े शन का चुनाव ककया जा रहा हो तो उसे कुछ महत्वप णष ि ै लसललटी क े बारे में अवश्य ध्यान देना चाहहए। Sheep Farming क े ललए लोक े शन का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें की उस लोक े शन पर स्त्वच्छ एवं ताजे पानी की ि ै लसललटी हो, हरी घास की उपलब्िता हो, धचककत्सा की अच्छी सुत्तविा हो, ट्ांसपोटेशन एवं माक े हटंग की ि ै लसललटी हो। इन्हीं सब उपयुषक्त ि ै लसललटी को ध्यान में रखकर उद्यमी को भेड़ पालन क े ललए लोक े शन का चुनाव करना चाहहए। 2. अच्छी नस्त्ल का चुनाव करें : दुतनया भर में भेड़ों की कई नस्त्लें त्तवद्यमान हैं और इन नस्त्लों में से कुछ नस्त्लें ऐसी भी हैं जो भारत में पालने क े ललए उपयुक्त हैं। जैसा की हम सबको त्तवहदत है की Sheep Farming Business भेड़ों से उत्पाहदत उत्पादों जैसे द ि, खाद, खाल, मांस, ऊन इत्याहद पर तनभषर होता है। इसललए भेड़ पालन कर रहे उद्यमी को हमेशा ही एक ऐसी नस्त्ल का

  4. चुनाव करना चाहहए जजसमें इन उत्पादों को अधिक पैदा करने का सामर्थयष हो। भारत क े बाजार में भी अनेकों नस्त्ल क े भेड़ उपलब्ि हैं जजनमें से आप अपनी आवश्यकतानुसार भेड़ की नस्त्ल का चुनाव अपने बबजनेस क े ललए कर सकते हैं। अपने क्षेत्र की जलवायु जस्त्थतत क े हहसाब से आप ककसी भी अच्छी नस्त्ल का चुनाव कर सकते हैं जजससे आप अच्छी खासी कमाई कर पाने में समथष हों। जैसे यहद आप भेड़ पालन मांस उत्पादन क े ललए करना चाहते हैं तो आपको ककसी ऐसी नस्त्ल का चुनाव करना होगा जो बड़ी जल्दी बढती हो। इसक े अलावा द ि एवं ऊन का उत्पादन करने क े ललए माकक ष ट में उपलब्ि ककसी उपयुक्त नस्त्ल का चुनाव करें। आज भारत में Sheep Farming Business शुरृ करने वाले उद्यलमयों क े ललए कई स्त्थानीय भेड़ों की नस्त्लें आसानी से उपलब्ि हैं । मैररनो (Merino): भेड़ों की यह नस्त्ल ऊन का उत्पादन करने क े ललए प्रलसद्ि है। Leicester Long-wool Sheep: भेड़ की यह नस्त्ल कई क्षेत्रों में बेहद कम पायी जाती है जो उच्च गुणविायुक्त उन प्रदान करने क े ललए प्रलसद्ि है। ललंकन भेड़ (Lincoln sheep): यह नस्त्ल भी बेहतर ऊन का उत्पादन करने क े ललए प रे त्तवश्व में जानी जाती है। डोरसेट भेड़ (Dorset sheep): भेड़ों की यह नस्त्ल जल्दी वृद्धि होने क े ललए जानी जाती है और इसललए स्त्वाहदष्ट मांस उत्पादन क े ललए अनुक ल मानी जाती है। Dorper sheep: यद्यत्तप यह नस्त्ल भी ऊन उत्पादन क े ललए बेहतर मानी जाती है लेककन जलवायु की जस्त्थतत क े अनुसार ऊन उत्पादन में भी समथष है। हैम्पशायर भेड़ (Hampshire sheep):यह नस्त्ल मांस एवं ऊन दोनों क े उत्पादन क े ललए जानी जाती है। Suffolk sheep: यह नस्त्ल पतले एवं दुगषन्िहीन मांस क े उत्पादन क े ललए जानी जाती है। इस भेड़ का पालन ऊन एवं खाल का उत्पादन करने क े ललए ककया जाता है। प वी फ्र े लशयन (East Friesian):दुतनयाभर में भेड़ की सबसे उत्पादक नस्त्लों में शालमल यह नस्त्ल दुतनयाभर में द ि उत्पादन क े ललए प्रलसद्ि है। भारत में, डेक्कन, बेल्लारी, मेररनो, बैनर, चेत्तवओट, हसन, रामबौइलेट, साउथ डाउन कुछ सामान्य भेड़ की नस्त्लें हैं, जजनका पालन व्यवसातयक तौर पर ककया जाता है ।

  5. 3. भेड़ों क े ललए शेल्टर बनायें (Make Shelter for Sheep Farming): हालांकक छोटे स्त्तर पर Sheep farming Business करने क े ललए उद्यमी को अलग से से शेल्टर या आवास बनाने की आवश्यकता नहीं होती है। व्यजक्त अन्य घरेल पशुओं क े साथ भी इनका पालन कर सकता है लेककन एक व्यवसातयक िालमिंग शुरृ करने क े ललए उद्यमी को भेड़ों क े ललए अलग से शेल्टर या आवास बनाने की आवश्यकता होती है। क्योंकक एक अच्छा शेल्टर भेड़ों को सभी प्रकार क े प्रततक ल मौसम से मुक्त रखता है। हालांकक खुले खेतों में भेड़ों क े ललए शेल्टर की व्यवस्त्था करने में आने वाली लागत बेहद कम होती है। आम तौर पर एक वयस्त्क भेड़ को क े वल 20 Square Feet जगह की आवश्यकता होती है इसललए दस िीट लम्बी एवं दस िीट चौड़ी जगह में 5-6 भेड़ से अधिक पाली जा सकती हैं। हालांकक िशष से छत की ऊ ं चाई कम से कम छह िीट होनी जरूरी है। और Sheep Farming Business कर रहे उद्यमी को भेड़ों क े रहने वाले स्त्थान की सिाई का त्तवशेर् ध्यान रखना होगा। एवं उस कमरे में प्रकाश एवं हवा आने जाने का उधचत प्रबंि करना होगा। ऐसा न करने पर पशुओं का स्त्वास्त्र्थय खराब हो सकता है जजसका प्रततक ल प्रभाव उद्यमी क े बबजनेस पर पड़ सकता है। 4. खाने का प्रबंि करें (Arrange food for Sheep):यद्यत्तप भेड़ कुछ भी खाकर आसानी से जीत्तवत रह सकते हैं लेककन उच्च गुणविा एवं पौजष्टक खाद्य पदाथष खाने से भेड़ स्त्वस्त्थ, रोग मुक्त एवं उत्पादक बने रहते हैं। इसललए Sheep farming Business कर रहे उद्यमी को चाहहए की वह अपने भेड़ों को हमेशा ताजा एवं पौजष्टक भोजन खखलाने का प्रयत्न करे। अच्छा स्त्वास्त्र्थयविषक भोजन प्रदान करने क े अलावा उन्हें हमेशा पयाषप्त मात्रा में स्त्वच्छ एवं ताजा पानी भी प्रदान करें। भेड़ों क े ललए पोर्णयुक्त आहार की ललस्त्ट कुछ इस प्रकार से है। मेमने क े ललए आहार चाटष: मेमनों को खखलाने क े ललए तनम्नललखखत चाटष का अनुसरण ककया जा सकता है। भोजन का नाम प्रततशत ट टा हुआ मक्का 22% ट टा हुआ चना 20% आलमंड क े 35%गेह ं 20%खतनजनमक 2.5% नमक0.5%. वयस्त्क भेड़ों को खखलाने क े ललए तनम्नललखखत चाटष का अनुसरण ककया जा सकता है।

  6. भोजन का नामप्रततशतट टा हुआ मक्का 37% ट टा हुआ चना 15% आलमंडक े क25% गेह ं20% खतनज नमक2.5% नमक0.5% 5. देखभाल एवं प्रबंिन करें: Sheep farming Business कर रहे उद्यमी को इस बात का त्तवशेर् ध्यान रखना होगा की वह अपने बबजनेस से तभी कमाई कर पाने में समथष होगा जब उसक े द्वारा पाले जा रहे भेड़ स्त्वस्त्थ एवं उत्पादक होंगे। इसललए हमेशा अपने िामष में उपजस्त्थत जानवरों की अच्छी देखभाल करने की कोलशश करें। स्त्वस्त्थ एवं अच्छी नस्त्लों का चुनाव करें और उनक े ललए पोर्णयुक्त भोजन की व्यवस्त्था करने क े साथ साथ अच्छे आवास का भी प्रबंि करें। ताकक वे त्तवलभन्न प्रकार क े संक्रमणों से मुक्त रहें इसक े ललए उनका समय समय पर टीकाकरण एवं उधचत दवाइयां भी उन्हें देते रहें। ताकक उनक े स्त्वास्त्र्थय पर आने वाली ककसी भी त्तवपत्ति को रोका जा सक े और आप उन्हें बेचकर अधिक से अधिक कमाई कर पाने में समथष हों। भेड़ों को वयस्त्क हो जाने पर समय समय पर बेचना ठीक रहता है और ऊन को भी समय समय पर एकबत्रत करते रहे और स्त्थानीय बाजार में उसे बेचते रहें। इसक े अलावा Sheep Farming Business कर रहे उद्यमी को अपने नजदीकी पशुिन प्रलशक्षण क ें द्र में भी जाते रहना चाहहए और उनसे लाभदायक भेड़ पालन की नई नई प्रणाली सीखती रहनी चाहहए।TweetShareShare1Share

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