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Introduction Of Remedial Service We here at OnlineVedicAstrology.com provide you with the ancient Astrological Remedies and Remedial Solutions which could provide you relief from the malefic effects of the planets. We are now giving you the type of remedies we will provide you in our Ask A Remedy Report. We will provide you a remedial report which could contain all or combination of remedies solutions. https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
We are providing these Remedial Service • ShaniShantiPuja • PitradoshNivaranPuja • NavgrahaShantiPuja • KaalsurpdoshPuja • Guru ChandaalYog • VyaparVridhiPuja https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
DhanPraptiPuja • SantaanPraptiPujaUpaayaur Mantra • KashNivaranPuja • ManglikDoshNivaranPuja • PretBadhapuja https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
ShaniShantiPuja शनि दोष के अंतर्गत मनुष्य के जीवन काल में साढ़ेसाती और ढैय्या आती है। यदि आपकी कुंडली में शनि से संबंधित कोई दोषबहुत सावधान बन रहा है तो आपको रहने की आवश्यक्ता है। शनि के साढ़े साती लगने से या उसका प्रभाव आपकी कुंडली में अगर लगता है, तो वह आपको पल में राजा या पल में रंक बना सकता है | https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
PitraDoshNivaranPuja जब राहू या केतु के बीच किसी भी तरह से सूर्य या चंद्रमा या दोनों को घेरे लिया जाता है, तो पितृ दोष बनता है। यह पिछले जन्मों में अपने बुजुर्गों द्वारा किए गए बुरे कर्मों के कारण होता है। यदि कुंडली का नौंवां घर बुरे ग्रहों से ग्रसित हो तो यह पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं का सूचक है और ज्योतिष अनुसार इसे ही पितृदोष कहा जाता है। https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
NavgrahaShantiPuja नव ग्रहों के कारण जीवन अनिश्चित हो जाता है। जब ग्रह अपने नकारात्मक प्रभावों को विकीर्ण करने लगते हैं तो लोग खुद को नष्ट कर लेते हैं।कोई भी ग्रह यदि अशुभ स्थान में बैठा हो तो वह व्यक्ति के जीवन में विपरीत परिस्थितियां पैदा करता है। इसके कारण व्यक्ति का आत्मबल टूटने लगता है और उसका जीवन तनाव ग्रसित और चिंताओं आदि से घिर जाता है। नवग्रहों अर्थात नौ ग्रहों को शांत करने के लिए नवगृह शांति पूजा ही एकमात्र समाधान है। https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
KaalSarpDoshNivaranPuja कुण्डली में राहु एवं केतु के विशेष स्थिति में होने पर कालसर्प योग बनता है। कालसर्प दोष के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि यह जातक के पूर्व जन्म के किसी जघन्य अपराध के दंड या श्राप के फलस्वरूप उसकी जन्मकुंडली में बनता है।जब कभी कुंडली में दशम भाव का स्वामी राहु हो और चौथे भाव में केतु विराजमान हो तो निश्चित तौर पर यह दोष लगता है https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
Guru ChandaalYogNivaranPuja कुंडली में बृहस्पति तथा राहु का किसी भी प्रकार का संबंध होने से गुरु चंडाल दोष का निर्माण होता है। छाया ग्रह राहु के प्रभाव में आने से गुरु भी अशुभ फल देने लगता है। शास्त्रों में चंडाल दोष को साढ़ेसाती, कालसर्प दोष तथा मंगल दोष से भी भयंकर माना गया है।चन्द्रमा और गुरु यदि कुंडली के नीच भाव में विराज मान हो जाए तो भी यह दोष लगता है https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
VyapaarVridhiPuja व्यापर का मतलब कारोबार होता है और वृद्धि का मतलब विकास या विस्तार होता है इसलिए व्यापर वृद्धि पूजा बिक्री और कारोबार में वृद्धि के लिए महा पूजा होती है। इस पूजा के सिद्धांत के देवी व देवता महालक्ष्मी, भगवान गणेश, माँ सरस्वती, देवी दुर्गा, भगवान कुबेर, माता बगलामुखी, सम्पूर्ण नवग्रह परमात्मा, देवी कनकधारा हैं। व्यापर वृद्धि महा पूजा या स्वनिर्धारित व्यापर वृद्धि पूजा का निर्देशन व्यवसाय में प्रगति और विकास की पद्धति में आने वाले सभी अवरोधों को निष्कासित करने और हराने के लिए सहायता करता है। https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
DhanPraptiPujaUpaay यदि आप अक्सर धन की कमीं से परेशान रहते हैं या फिर आपका पैसा कहीं पर फंसा हुआ है तो आप लाल किताब के उपायों को करके अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं। लाल किताब के सरल उपाय को अपनाकर आप अपना रुका हुआ धन , अचानक धन प्राप्ति योग , गड़ा हुआ धन तथा पुष्तैनीक धन भी प्राप्त कर सकते हैOnline Vedic Astrology के द्वारा आप जान सकते है कैसे आप उपयुक्त योगो को प्राप्त करे अधिक जानकारी के लिए हमारे कस्टमर केयर से संपर्क करे https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
Santaanpraptipujaupay ज्योतिष अनुसार पंचम भाव में जब राहु बैठा हो और गनिष्टा नक्ष्त्र हो तो संतान प्राप्ति में दिक्कत होती हैयज्ञो की परंपरा वैदिक काल से ही चली आ रही है , और समस्याओ का समाधान भी यज्ञो द्वारा किया जाता रहा है , रामायण और महाभारत का युग इस बात का प्रतीक जिसमे महान युग पुरुष , श्री राम यज्ञ तथा शास्त्रोचित विधि विधान द्वारा प्रकट हुए , वर्तमान युग में भी यह पूजा और अनुष्ठान आदि मान्य है , यदि कोई दम्पति संतान सूख से विहीन है तो वह हमारे संस्थान द्वारा "संतान प्राप्ति पूजा उपाय और मंत्र " प्राप्त कर सकता है | https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
Kashtnivaranpuja समस्त कष्टों के निवारण हेतु कष्ट निवारण पूजा करवाई जाती है। पारिवारिक सदस्य को कोई लंबा रोग है या कोई हमेशा रोगग्रस्त रहता है, कर्ज से परेशान हैं या दरिद्रता से मुक्ति पाना चाहते हैं, संतान प्राप्ति में आ रही बाधाओं और जीवन में सूख की कमी , समाज में मान प्रतिष्ठा की कमी आदि सभी दुखों को कष्ट निवारण पूजन द्वारा दूर किया जा सकता है। https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
Manglikdoshnivaranpuja विवाह में देरी या ना होना अथवा विवाह के बाद उसके वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां , वैवाहिक जीवन का पूर्ण सूख प्राप्त ना करना यह लक्षण आपकी कुंडली में हुए मंगल दोष के कारण होता है , जातक के ग्रहो का विषेकर मंगल का नीच ग्रहो के साथ बैठना मांगलिक दोष का योग बनता है | https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
PretbadhaPuja भूत प्रेत या पिशाच एक राक्षस है जो आदमी के वशीकरण द्वारा बनाया गया है। एक भूत/प्रेत बाधा दोष निवारन पूजा या काला जादू हटाने की पूजा या जादु टोना हटाने की पूजा मुख्य रूप से एक सुरक्षात्मक पूजा होती है, जिसमें प्रभावित व्यक्ति के चारों ओर एक सुरक्षा कवच बनता है जो सभी प्रकार के काले जादु / भूत / आत्माओं / बुराई से बचने के लिए उनकी दुर्भावना को अंजाम देता है जो की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक सभी स्तरों पर मनुष्य को हानि पहुँचा रहा होता है https://onlinevedicastrology.com/remedial-consultancy/
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